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मोदी सरकार ने सभी गुमनाम शहीदों को दिलाई पहचान: जरावता

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मोदी सरकार ने सभी गुमनाम शहीदों को दिलाई पहचान: जरावता

शहीद दलीप सिंह के 61वें शहादत दिवस पर अर्पित की श्रद्धांजलि

शहीद दलीप सिंह स्मारक एक वर्ष में बनवाने का दिया आश्वासन

शहीदों के नाम पर बने पटौदी मंडी नगर परिषद के सभी प्रवेश द्वार

सेना में सर्वाधिक शहादत हरियाणा के दक्षिणी हरियाणा व पटौदी की

फतह सिंह उजाला
जाटोली/पटौदी ।
 पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के दौरान देश के तमाम गुमनाम शहीदों को तलाश कर समाज के सामने लाने का काम किया गया है । जो भी कौम , समाज ,देश अपने पूर्वजों और शहीदों को भुला देता है , वह लंबे समय तक अपने अस्तित्व को कायम नहीं रख सकता । आने वाली युवा पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम सहित शहादत के लिए प्रेरणा मिलती रहे, इसलिए यह जरूरी है कि सभी शहीदों और शहीद परिवारों का हम सभी को सम्मान करना चाहिए । 1857 से लेकर वर्ष 2022 तक देखा जाए तो सबसे अधिक सेना में कुर्बानी या शहादत हरियाणा के सैनिकों के द्वारा दी गई । इसमें भी अधिक संख्या दक्षिणी हरियाणा और उसमें भी पटौदी क्षेत्र के जवानों के द्वारा दी गई शहादत पर हम सभी गर्व भी कर सकते हैं । यह बात पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता नें जाटोली में 1962 भारत चीन युद्ध के जांबाज शहीद शहीद दलीप सिंह के 61वें शहादत दिवस के मौके पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत अपने संबोधन में कही ।

शहीद दलीप सिंह जिन्हे कि हीरो ऑफ नेफा की उपाधि से शहादत के उपरांत सम्मानित किया गया , उनका 61वां शहादत दिवस आर्य समाज मंदिर परिसर में गरिमा पूर्ण तरीके से गुरुवार को मनाया गया । यहां पहुंचने पर सबसे पहले एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा शहीद दलीप सिंह के चित्र पर सरकार और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पुष्पांजलि अर्पित की गई । इस मौके पर विशेष रुप से डीएसपी विक्रम चौहान, तिलक राज चौहान, दिव्यांग बोर्ड के पूर्व चेयरमैन दिनेश शास्त्री , कर्नल रोशन लाल चौहान, एडवोकेट तेजपाल चौहान ,पूर्व प्रिंसिपल जगतपाल चौहान ,रवि जसात, गौड़ ब्राह्मण सभा के गुलशन शर्मा, पाथ फाइंडर स्कूल के निदेशक अमित यादव , पूर्व पार्षद प्रवीण राव, कमांडर योगेश चौहान, जनक सिंह चौहान ,अनिल भारती, विजयपाल चौहान, सत्यनारायण ,सरपंच अजीत सिंह , प्रताप सिंह सहित शहीद परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे ।

इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं के द्वारा अफसोस जाहिर किया गया कि शहीद दलीप सिंह के स्मारक के लिए बीते दो दशक से किए जा रहे प्रयास का आज तक कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिल सका है । शहीद सीमा पर देश की और प्रत्येक देशवासी की रक्षा के लिए तैनात होते हैं और प्रत्येक वर्ग धर्म वर्ग संप्रदाय सहित 36 बिरादरी की रक्षा के लिए अपने सीने पर गोली खाकर वीरगति को प्राप्त होते आ रहे हैं । शहीद की कोई जाति नहीं होती , शहीदों की केवल एक ही जाति होती है और वह जाती है शहादत-शहादत-शहादत । सैनिक सीमा पर केवल मात्र देश की रक्षा की लक्ष्य को लेकर ही 24 घंटे बिना किसी डर-भय के तैनात रहता है । दुश्मन की गोली कभी भी पहले से बता कर नहीं चलाई जाती , दुश्मन सैनिक या राष्ट्र हमेशा मौका देखते ही हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते ।

इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं के द्वारा जाटोली निवासी पूर्व सैनिक छाजू सिंह और मुकंदी देवी दंपति के पुत्र दलीप सिंह के द्वारा 2 फरवरी 1941 को जन्म लेने के उपरांत 20 अक्टूबर 1962 को भारत चीन युद्ध के दौरान दी गई शहादत के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। वक्ताओं के द्वारा बताया गया कि महज 21 वर्ष की आयु में ही जाबांज दलीप सिंह अपने विवाह के बाद हाथों में मेहंदी लगी पत्नी रामावती को घर पर छोेड़कर युद्ध के मोेर्चे पर पहुंच गए। उनके द्वारा अरुणाचल में मौजूद सेना की चौकी नेफा की सुरक्षा करते हुए चीन सेना के 20 से अधिक सैनिकों को मौत के घाट उतारने के बाद ही अपना बलिदान राष्ट्रहित में 20 अक्टूबर 1962 को दे दिया गया।  उस समय इतने आधुनिक हथियार भी उपलब्ध नहीं होते थे, जितने कि मौजूदा समय में सेना के पास उपलब्ध करवाए जा चुके हैं ।

इस मौके पर शहीद दलीप सिंह स्मारक के विषय में रखी गई मांग को और इस पर अभी तक किसी भी प्रकार से अमल नहीं किया जाने पर अफसोस जाहिर करते हुए एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने आश्वासन दिया कि एक वर्ष के अंदर शहीद दलीप सिंह का स्मारक बनकर तैयार हो जाएगा । इस संदर्भ में उन्होंने मौके पर ही जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से बात कर विभाग को उपलब्ध करवाई गई हेली मंडी पालिका या फिर पटौदी मंडी नगर परिषद की जमीन रिलीज करने का अनुरोध किया । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग को जरूरत के मुताबिक अन्य स्थान पर जमीन उपलब्ध करवा दी जाएगी। एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग से जमीन मिलते ही वहां पर शहीद दलीप सिंह का स्मारक बनाने का काम आरंभ करवा दिया जाएगा। जहां तक शहीद दलीप सिंह की प्रतिमा का सवाल है , शहीद दलीप सिंह की प्रतिमा के लिए जितना भी सहयोग संभव होगा वह उपलब्ध करवाने के लिए समाज सहित परिवार के साथ हमेशा खड़े हुए मिलेंगे । उन्होंने कहा शहीदों के स्मारक बनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि हमारी आने वाली युवा पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम और राष्ट्र रक्षा की प्रेरणा मिलती रहे । देश के पीएम मोदी और राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा भी इस दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।

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