किशनगढ़ की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर विधायक सुरेश टांक ने डीजीपी को ज्ञापन दिया
इतना संवेदनहीन प्रशासन अजमेर में कभी नहीं देखा।
टूटी सड़कें ही कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने के लिए काफी हैं। आखिर किसने ओढ़ रखी है बेशर्मी की चादर?
किशनगढ़ की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर विधायक सुरेश टांक ने डीजीपी को ज्ञापन दिया
राजस्थान पत्रिका के अजमेर संस्करण के संपादक अनिल कैले का एक आलेख 17 मार्च को प्रकाशित हुआ है। बेशर्मी की चादर शीर्षक वाले इस लेख में आना सागर की दुर्दशा से लेकर कई ज्वलंत मुद्दे उठाए गए हैं। जन समस्याओं पर ऐसे तीखे संपादकीय दैनिक भास्कर के संपादक आनंद ठाकुर और नवज्योति के संपादक संजय माथुर भी लिखते रहे हैं। लेकिन प्रमुख अखबारों के संपादकों की कलम का भी कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इतना संवेदनहीन प्रशासन अजमेर में कभी नहीं देखा गया। आमतौर पर प्रशासन के मुखिया से मीडिया का अच्छा संवाद रहता है, लेकिन संपादकों की कलम से प्रतीत होता है कि प्रशासन को किसी भी आलोचना की परवाह नहीं है। कहा जाता है कि प्रशासन के मुखिया तो विधायकों के फोन भी रिसीव नहीं करते।
जिला प्रशासन में एक नहीं बल्कि चार-चार आईएएस हैं, लेकिन यह आईएएस स्वयं को जनता का सेवक समझने के बजाय राजा समझते हैं। लोगों को इंतजार करवाने में इन राजाओं को बड़ा मजा आता है। लोकतंत्र में राजशाही की वजह से कांग्रेस सरकार की छवि भी खराब हो रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता के सेवक की भूमिका निभाते हुए राहत की घोषणा करते हैं लेकिन अजमेर में टूटी सड़कें सरकार की छवि खराब करने के लिए काफी है। जिस अजमेर विकास प्राधिकरण पर विकास की जिम्मेदारी है उसी प्राधिकरण के ऑफिस के ठीक सामने पिछले एक माह से नाला खुला पड़ा है। रोजाना गंदा पानी उफन कर सड़क पर आ जाता है। प्राधिकरण के दफ्तर में युवा आईएएस अक्षय गोदारा आयुक्त की कुर्सी पर बैठते हैं। जिला कलेक्टर अंशदीप भी रोजाना इसी मार्ग से दफ्तर और घर आते जाते हैं। प्राधिकरण के दफ्तर के सामने खुले नाले के पास ही राजस्व मंडल का भवन है। इस भवन में अध्यक्ष के तौर पर राजेश्वर सिंह बैठते हैं
जो मुख्य सचिव के स्तर के हैं। इसी भवन में अनेक आईएएस और आरएएस न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठते हैं। इतना ही नहीं आसपास में सेल टैक्स, जीपीएफ जैसे अनेक सरकारी कार्यालय हैं। पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की रुचि नाले को ठीक करवाने में नहीं है। जब संवेदनहीन अधिकारियों को प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर ही टूटा नाला नहीं दिख रहा तो फिर शहर भर की टूटी सड़कों का अंदाजा लगाया जा सकता है। पुष्कर रोड पर ऋषि घाटी से लेकर मित्तल अस्पताल तक की 2 किलोमीटर की सड़कें पिछले एक वर्ष से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है।
दो चरणों में डामर की सड़क बनाई जो ऊंची नीची है। आए दिन दुपहिया वाहन इस सड़क पर फिसलते हैं। श्मशान स्थल से महावीर कॉलोनी तक सीमेंट की सड़क बनाई जानी है। किसी हिस्से में सड़क बनी है किसी में नहीं। ऐसे में मार्ग पिछले एक साल से अस्त-व्यस्त हो रहा है। अब कहा जा रहा है कि सरकारी एजेंसियों से भुगतान नहीं मिलने के कारण ठेकेदार ने काम बंद कर दिया है। इस मार्ग पर रोजाना लाखों लोग गुजरते हैं लेकिन लोगों की परेशानी को समझने वाला कोई नहीं है। इंजीनियरों के पास प्लानिंग भी नहीं है, इसलिए सीमेंट के ब्लॉक टुकड़ों में बनाए जा रहे हैं। मित्तल अस्पताल के निकट पेट्रोल पंप के सामने मुख्य मार्ग पर पिछले 4 माह से गड्ढा है, यह गड्ढा सड़क धंसने से हुआ है, लेकिन सड़क की मरम्मत करवाने की कोई योजना नहीं है। कोटड़ा स्थित बीके कौल नगर में सीवरेज के कार्य के लिए 2 माह से सड़क को बंद कर रखा है, पिछले 10 दिन से जेसीबी एक ही स्थान पर खड़ी है, लेकिन ठेकेदार ने पूरा मार्ग बंद कर रखा है, यह स्थिति शहर भर की है।
यातायात का बुरा हाल:
एलिवेटेड रोड के निर्माण के कारण पिछले चार-पांच वर्षों से शहर का यातायात का भी बुरा हाल है, ना तो एलिवेटेड रोड का कार्य पूरा हो रहा है और ना पुल के नीचे की सड़कें बन रही हैं। ऐतिहासिक सोनी जी की नसिया को तो खंडहर बिल्डिंग में तब्दील कर दिया गया है। स्मार्ट सिटी के तहत सूचना केंद्र को चमकाया जा रहा है, लेकिन सूचना केंद्र की बाहरी दीवार के किनारे कार आदि वाहन खड़े होने से यातायात प्रभावित हो रहा है।
पुलिस ने अग्रसेन सर्किल पर बैरिकेड लगा रखे हैं। इसलिए मेडिकल कॉलेज की ओर आने वाले ट्रैफिक को सूचना केंद्र के मुख्य द्वार के सामने से लेकर कचहरी रोड और आगरा गेट की ओर जाना होता है, जब यू-टर्न लिया जाता है, तब सूचना केंद्र के बाहर खड़े वाहन यातायात में बाधक होते हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस के किसी भी अधिकारी को सड़क पर खड़े वाहन नजर नहीं आते है। इसी प्रकार मार्टिंडल ब्रिज और जीसीए चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने बैरिकेड लगाए हैं। यातायात को सुचारू करने के बजाय यह बिगाड़ने वाले साबित हो रहे हैं। अच्छा हो कि ट्रैफिक पुलिस हेलमेट नहीं पहनने और कार में सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों को पकडऩे के बजाय यातायात व्यवस्था सुधारने में भी दिमाग लगाएं।
टांक का ज्ञापन:
अजमेर के किशनगढ़ उपखंड की बिगड़ी कानून व्यवस्था के विरोध में 16 मार्च को क्षेत्रीय विधायक सुरेश टांक ने राज्य के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान डीजीपी को एक ज्ञापन भी दिया गया। इस ज्ञापन में आरोप लगाया कि पुलिस की विफलता की वजह से किशनगढ़ उपखंड में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि सरे आम गोलियां भी चल रही है। अपराधियों में पुलिस का कोई भय नहीं है।
ज्ञापन में पिछले दिनों हुई आपराधिक घटनाओं की जानकारी भी दी गई। इस पर डीजीपी मिश्रा ने तत्काल अजमेर के पुलिस अधीक्षक से बात कर कानून व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। किशनगढ़ की बिगड़ी कानून व्यवस्था के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414010882 पर सुरेश टांक से ली जा सकती है।
Comments are closed.