एमएलए जरावता ने सीएम खट्टर को बाजरा खरीद समस्या से कराया अवगत
एमएलए जरावता ने सीएम खट्टर को बाजरा खरीद समस्या से कराया अवगत मंडी में कम दाम पर बिके बाजरा पर भावांतर का लाभ देने का अनुरोध मानेसर की 1810 एकड़ जमीन के मुद्दे पर भी सीएम से की चर्चा पचगांव में आईएसबीटी तथा नैनवाल जंगल में सफारी झील की मांग
फतह सिंह उजाला पटौदी । एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता ने बाजरे की खरीद फरोख्त में किसानों को आ रही परेशानियों के मद्देनजर की सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की । मंडी में कम दाम पर किसानों के बिक्री हो चुके बाजरे में भावांतर योजना लागू करने की अपील भी सीएम मनोहर लाल से की गई । इसके साथ ही एमएलए एडवोकेट जरावत ने मानेसर क्षेत्र की 18 10 एकड़ जमीन के मुद्दे को लेकर कोई ना कोई समाधान निकालने के लिए विशेष रूप से चर्चा की । एमएलए एडवोकेट जरावता के द्वारा जारी बयान के मुताबिक चर्चा के बाद उन्होंने मानेसर की जमीन के मामले में सरकार के द्वारा जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद जताई है । इसी के साथ उन्होंने बताया कि पंचगांव में आईएसबीटी और नैनवाल में जंगल सफारी के लिए बड़ी झील बनाने की मांग की ताकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आने वाले, जयपुर से आने वाले, दिल्ली से आने वाले, केएमपी से आने वाले सभी की एंट्री यहां से हो सके।
मानेसर नगर निगम की सफाई व्यवस्था को लेकर भी की सीएम मनोहर लाल खट्टर के के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी से चर्चा की और नगर निगम मानेसर में आ रही परेशानियों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए यहां की विभिन्न परेशानियों को दूर करने की तरफ ध्यान आकर्षित किया ।
उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर को विजयदशमी के दिन कासन, मोकलवास गांव की सैकड़ों महिलाओं ने पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता से मिलकर समाधान की मांग की थी। जमीन के मुद्दे को लेकर ही मानेसर क्षेत्र के विभिन्न गांवों के सैकड़ों किसानों के द्वारा 1 दिन पहले ही अपनी अपनी गिरफ्तारी भी दी गई थी। इन्हीं सभी प्रकार के मुद्दों को केंद्र में रखकर एम एल ए एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता ने एक बार फिर सीएम मनोहर लाल खट्टर से से भेंट की । एमएलए जरावता ने मानेसर क्षेत्र के प्रभावित किसानों को एकमुश्त राशि या प्लॉट , जैसी भी किसानों की इच्छा हो उन्हें देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने सीएम मनोहर लाल खट्टर से अनुरोध करते हुए कहा कि मानेसर इलाके के रिहायशी क्षेत्र में जो मकान बने हुए हैं उन्हें किसान परिवारों को राहत प्रदान करने और जनहित को प्राथमिकता प्रदान करते हुए छोड़ दिया जाना चाहिए।
Comments are closed.