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सरकार की भावांतर घोषणा पर बाजरा किसानों का पारा गरम

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सरकार की भावांतर घोषणा पर बाजरा किसानों का पारा गरम

जाटोली अनाज मंडी के सामने बिलासपुर कुलाना मार्ग 5 घंटे जाम

किसानों की एक ही मांग सरकार वादे के मुताबिक बाजरा खरीदे

कथित रूप से बुधवार को अचानक बाजरे की सरकारी खरीद बंद

मौजूदा खरीफ सीजन में केवल तीन दिन ही बाजरे की हुई खरीद

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।  
बीते सप्ताह हैफेड के एमडी ए श्रीनिवासन पटौदी मंडी नगर परिषद की जाटोली सब्जी-अनाज मंडी परिसर में बाजरा की क्वालिटी सहित खरीद व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे । उस दौरान किसानों के द्वारा बाजरा क्वालिटी के सवालों और जवाबों के बीच में हैफेड के एम डी ए श्रीनिवासन के द्वारा किसानों को टका सा जवाब दिया गया था , कि सरकार काला या फिर बदरंग बाजरा की खरीद नहीं करेगी । किसानों के द्वारा उसी समय सरकार की बाजरा खरीद को लेकर नीति और नियत पर शंका जाहिर करते हुए सवाल उठाने आरंभ कर दिए गए थे ।

इसके बाद मौसम खराब हुआ और लगातार बरसात की वजह से मंडी में बाजरे की खरीद फरोख्त का कार्य नहीं हो सका । इस दौरान 6 अक्टूबर को जो गेट पास काटे गए थे , जानकारी के मुताबिक मंगलवार और बुधवार को मौसम साफ होने के बाद वही किसान अपने बाजरे की उपज लेकर जाटोली अनाज मंडी में पहुंचे। लेकिन इससे पहले 7 और 8 अक्टूबर को बरसात की वजह से बाजरे की सरकारी खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई थी और किसी भी प्रकार के गेट पास नहीं बनाए गए थे। संडे को अवकाश के बाद सोमवार को भी मौसम अनुकूल नहीं रहा , इसके बाद बुधवार को अचानक कथित रूप से सरकारी फरमान आया कि अब बाजरे की सरकारी खरीद नहीं की जाएगी । इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि बाजरा उत्पादक किसान जिनका बाजरा की फसल का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन है , वह किसी भी भाव में कहीं भी अपनी उपज बेचे या बिक्री करें । पोर्टल पर जो बाजरा की रजिस्ट्रेशन की गई है, उसके मुताबिक सरकार के द्वारा 450 प्रति क्विंटल भावांतर का भुगतान संबंधित किसानों को किया जाएगा ।

बुधवार को कथित रूप से अचानक जाटोली सब्जी अनाज मंडी में बाजरा सरकारी खरीद घोषित मूल्य 2350 पर नहीं होने गुस्साए सैकड़ों की संख्या में आसपास के गांवों से आए हुए किसानों के द्वारा अचानक दोपहर में 2 बजे जाटोली अनाज मंडी के सामने ही बिलासपुर और कुलाना मुख्य सड़क मार्ग को दिन ढले 6बजे के बाद तक जाम रखा गया । इस दौरान पटौदी क्षेत्र से होकर गुजरने वाले यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होते हुए हजारों की संख्या में वाहन चालक परेशान होते रहे। किसानों के द्वारा जाम लगाए जाने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी भी किसानों को मनाने और समझाने में नाकाम रहे । सड़क पर धरना देकर मजबूती से डटे हुए किसानों की एक ही माल रही की मंडी में बाजरा की उपज सरकार 1950 के दाम से खरीदें तथा इसके बाद 450 भावांतर का भुगतान संबंधित किसानों को किया जाए । वही किसानों के द्वारा आरोप लगाया गया कि अनाज मंडी में बाजरा की खरीद 1600 से 17 सो रुपए के बीच की जा रही है । ऐसे में सरकार के द्वारा जो 450 भावांतर  देने की घोषणा की गई है,  इसके बावजूद भी किसानों को कुल मिलाकर करोड़ों रुपए का नुकसान होना तय है ।

किसानों ने पूछा कि क्या हरियाणा सरकार और हरियाणा सरकार के किसान और कृषि हितैषी होने के सबसे बड़े दावेदार सीएम मनोहर लाल खट्टर तथा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बाजरा उत्पादक किसानों को होने वाले करोड़ों रुपए की भरपाई करने की जिम्मेदारी देने के लिए तैयार हैं ? जानकारी के मुताबिक 12 अक्टूबर बुधवार को समाचार लिखे जाने तक जाटोली अनाज मंडी में गेट पास के बाद बिक्री के लिए लाए गए बाजरा की खरीद का कार्य किया जा रहा था , कुल कितना बाजरा खरीदा गया इसकी जानकारी नहीं मिल सकी । लेकिन इससे पहले बीते सप्ताह में बुधवार को 74094 क्विंटल बाजरे की आवक हुई और इसमें से सरकारी एजेंसी के द्वारा 29360 क्विंटल बाजरा ही खरीदा गया था । इसके अलावा बचा हुआ बाजरा 44734 क्विंटल निजी व्यापारियों के द्वारा खरीद किया गया । बीते सीजन में बाजरा की सरकारी खरीद कुल जाटोली अनाज मंडी में 130000 क्विंटल की गई थी ।

बुधवार को कथित रूप से बाजरा की सरकारी खरीद बंद होने तथा सरकार के द्वारा बाजरा बिक्री के कम दाम पर रजिस्ट्रेशन वाले किसानों को 450 प्रति क्विंटल भावांतर देने की घोषणा के बाद से हजारों की संख्या में किसान अपना आपा खो बैठे। इसका मुख्य कारण यह रहा कि बीते दिनों बरसात होने के कारण बाजरा उत्पादक किसानों की 70 से 100 प्रतिशत खेत में खड़ी फसल या काट कर रखी गई फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है । इसके अलावा बाजरा की फसल नष्ट होने के कारण किसानों के सामने अपने पालतू मवेशियों के लिए चारे का भी गंभीर संकट खड़ा हो गया है। जिस प्रकार से बीते दिनों 3 दिन तक लगातार बरसात हुई उसके बाद से अधिकांश खेतों में बरसाती पानी भरा होने की वजह से भी किसानों को आगामी सरसों की फसल बिजाई की चिंता अभी से सताने लगी है। किसानों का कहना है कि बाजरा की बिक्री के बाद जो कुछ भी पैसा मिलेगा उस पैसे से ही सरसों के बीज की खरीद करने के साथ इसकी बिजाई की तैयारी किसान कर सकेंगे ।

लेकिन जिस प्रकार से सरकार के द्वारा अपना अडियल और मनमाना फैसला अचानक घोषित किया गया है , वह पूरी तरह से किसान और किसानी के खिलाफ है । बिलासपुर से कुलाना के बीच जाटोली अनाज मंडी के सामने 5 घंटे तक पूरी तरह से सड़क मार्ग को जाम रखा जाने के कारण कुलाना बिलासपुर पटौदी फरुखनगर झज्जर रोहतक रेवाड़ी सहित अन्य शहरों से पटौदी हेली मंडी होकर आवागमन करने वाले हजारों वाहन चालकों को आसपास के देहात के सड़क मार्गों से होकर जैसे तैसे निकलना पड़ा । इसी दौरान स्कूलों की छुट्टियां होने की वजह से अपने अपने घरों को लूटने वाले छात्र वर्ग भी स्कूली वाहनों के जाल में फंसे होने की वजह से घंटों परेशान होते रहे ।

गुस्साए किसानों के द्वारा अचानक बाजरा की सरकारी खरीद 1950 रुपए पर किया जाने की घोषणा को लेकर हरियाणा की गठबंधन सरकार की नीति और नियत पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं ? किसानों के द्वारा केंद्र सहित हरियाणा की सरकार से सवाल किया गया है कि जब भाजपा सरकार और पीएम मोदी सहित सीएम और डिप्टी सीएम कृषि मंत्री के द्वारा बारंबार यह दावा किया जा रहा है कि किसानों का बाजरे की फसल का एक-एक दाना खरीद किया जाएगा । अब ऐसे में इस प्रकार का दावा करने वाले सभी मंत्री किसानों के बीच आकर किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए अपना किसान हितैषी होने का परिचय क्यों नहीं दे रहे ? दूसरी ओर इसी मामले में देखा जाए तो जिस प्रकार से बुधवार को हरियाणा सरकार के द्वारा बाजरा घोषित मूल्य 2350 प्रति क्विंटल पर खरीद नहीं करने के विपरीत 1950 रुपए पर खरीद का काम आरंभ किया गया और किसानों को 450 प्रति क्विंटल भावांतर देने की घोषणा की गई । इस पर भी किसानों के द्वारा सरकार की नियत को लेकर कई प्रकार के सवाल खड़े किए गए ?

इन्हीं सब बातों के बीच जिस प्रकार से पंचायती चुनाव जिला परिषद चुनाव की घोषणा हरियाणा में हो चुकी है , ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं की सरकार के द्वारा अचानक बिना किसी पूर्व घोषणा के किसानों को केवल मात्र 450 प्रति क्विंटल भावांतर देने की घोषणा की गई है , इस बात को लेकर किसान वर्ग पंचायती चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के लिए परेशानी का भी कारण बन सकते हैं । वही अन्य विपक्षी पार्टियां इस पूरे मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी सहित जननायक जनता पार्टी को भी कटघरे में लेते हुए जमकर राजनीतिक प्रहार करते हुए इस बात को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी का गठबंधन तथा हरियाणा की इस गठबंधन सरकार के सीएम डिप्टी सीएम और मंत्री केवल और केवल घोषणा मंत्री ही बनकर रह गए हैं । आम आदमी पार्टी के किसान विंग के दक्षिणी हरियाणा जोन के प्रभारी पटौदी के पूर्व एमएलए रामवीर सिंह के द्वारा भी कहा गया है कि हरियाणा की गठबंधन सरकार, केंद्र में मोदी सरकार की नीति और घोषणा के मुताबिक हरियाणा में बाजरा उत्पादक सभी किसानों की उपज समर्थन मूल्य पर खरीद करें।

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