भाजपा के लिए मेवात बन गया पहाड़ !
2014 और 2019 में भाजपा नहीं जीत सकी मेवात का दिल
2024 में मेवात का दिल जीतना बीजेपी के लिए बना चुनौती
2019 में मोदी लहर का भी मेवात में नहीं दिखा कोई जादू
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम 10 मई । 2024 का लोकसभा चुनाव और केंद्र में सरकार बनाना भाजपा के लिए नाक का सवाल बना प्रतीत हो रहा है । दक्षिणी दिल्ली के साथ ही लगाते हुए गुरुग्राम के निकटवर्ती मेवात क्षेत्र में अपेक्षित वोट अथवा समर्थन नहीं मिलना भी भाजपा के लिए चुनौती बना हुआ है । पिछले कई दिनों से एक नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है , जिसमें कहा गया है कि मैं काम आने वाला बंदा हूं कम से कम एक बार मेरे को वोट तो दो। जीत तो मैं वैसे भी जाऊंगा , गुड़गांव और रेवाड़ी से, मुझे और मेरी पार्टी को वोट चाहिए।
सोशल मीडिया चल रहे वीडियो में कही गई बातों से साफ-साफ महसूस होता है कि मेवात में पीएम मोदी और मोदी के नाम की लहर के जादू का कोई असर नहीं है । सीधे और सरल शब्दों में दुनिया की सबसे बड़ी पॉलीटिकल पार्टी और प्रचंड बहुमत प्राप्त करने वाली भाजपा के लिए मेवात पहाड़ बना हुआ प्रतीत महसूस हो रहा है । वर्ष 2013 में कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद भाजपा में शामिल हुए दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह को 2014 के इलेक्शन में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा गुड़गांव संसदीय सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया गया। गुड़गांव संसदीय क्षेत्र में मेवात नुह गुरुग्राम और रेवाड़ी तीन जिले शामिल हैं । इसके बाद एक बार फिर से राव इंद्रजीत सिंह को 2019 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा गुड़गांव क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया। दोनों बार सांसद का चुनाव जीतने के साथ ही हरियाणा प्रदेश में भाजपा की सरकार आसानी से बनाने को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर से 2024 में राव राव इंद्रजीत को भाजपा ने गुड़गांव से उम्मीदवार बनाया । 2014 और 2019 में हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाने में अहीरवाल या फिर दक्षिणी हरियाणा का महत्वपूर्ण राजनीतिक दखल रहा है।
लाख टके का सवाल यही है कि आखिर मेवात का दिल या भरोसा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं जीत पा रही है ? जिस पार्टी के सरकार के मुखिया पीएम नरेंद्र मोदी का जादू पूरी दुनिया में चल रहा है , यह जादू मेवात में जाकर आखिर नाकाम कैसे हो जाता है ? वर्ष 2014 की बात की जाए तो मेवात के नुह विधानसभा क्षेत्र से लगभग 21 000 फिरोजपुर झिरका से लगभग 18000 और पुनहाना से लगभग 12000 वोट ही भाजपा को मिल सके । भाजपा के मुकाबले में जहां पर 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार मैदान में थे। इसके बाद 2019 में जिस समय मोदी का नाम और मोदी के नाम का जादू हर हर मोदी- हर घर मोदी, के नारे के साथ अपने चरम पर था । उस समय भी मेवाती इलाके के नुह विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को 34 000 फिरोजपुर झिरका में 26 000 और पुनहाना में 22000 वोट ही प्राप्त हो सके या यहां के लोगों का समर्थन मिला । 2019 में कांग्रेस की तरफ से भाजपा के मुकाबले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव टक्कर में थे । वर्ष 2024 के चुनाव में भी भाजपा के सामने मेवात क्षेत्र के ही रहने वाले सोराब खान को इंडियन नेशनल लोकदल तथा जननायक जनता पार्टी के द्वारा राहुल फाजिलपुरिया को मैदान में उतर गया है। इसके अलावा भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए पांच बार के सांसद ( राज्यसभा और लोकसभा ) और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर को गुड़गांव से उम्मीदवार बनाया गया। जानकारों का मानना है कि 2019 में मोदी के नाम की प्रचंड लहर में भी जब भाजपा को मेवात क्षेत्र से अपेक्षित वोट नहीं मिल सके, तो फिर इस बार पहले की तरह मोदी के नाम की लहर भी नहीं है । इन सब हालात में यह बात कहने में कोई हर्ज नहीं है कि भाजपा के लिए मेवात अभी भी पहाड़ बना हुआ है।
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