बिजली उपकरण बंद कर धरती को बचाने का संदेश
बिजली उपकरण बंद कर धरती को बचाने का संदेश
27 मार्च को अर्थ आवर
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। प्रकृति की रक्षा, जलवायु परिवर्तन एवं धरती को बचाने के लिए शनिवार 27 मार्च को अर्थ आवर मनाया जाएगा।
अर्थ आवर पर रात को साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक लाइटें व बिजली के उपकरण बंद करके धरती को बचाने का संदेश दिया जाएगा।
ऊर्जा समिति द्वारा इसे सफल बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गत वर्षो की तरह इस वर्ष भी अर्थ आवर के एक घंटे के दौरान बिजली के उपकरण बंद करने का आह्वान किया गया है। बिजली का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को डिजिटल, सोशल, इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के माध्यम से संदेश दिए जा रहे हैं।
ऊर्जा समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि लोगों से शनिवार को रात में एक घंटे तक बिजली बंद रखने की अपील की जा रही है। सभी लोग अपने घरों और कार्यालयों में भी अर्थ आवर के दौरान गैर जरूरी लाइट्स आदि बंद कर दें।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और जलवायु परिवर्तन से धरती का संकट और बढ़ गया है। अचानक से बदलने वाले मौसम, तापमान में बढ़ोतरी, अप्रत्याशित बारिश और बेमौसम आंधी-तूफान आदि इसी संकट की ओऱ से इशारा करते हैं। इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। अर्थ आवर इसी दिशा में एक कदम है।
उन्होंने लोगों को स्वेच्छा से समय निर्धारित कर एक घंटे के लिए बिजली के अनावश्यक उपकरण आदि बंद करने का आह्वान किया है। लोगों से पेपर बिल की जगह ई बिल लेने तथा सौर ऊर्जा को अपनाने की अपील की।
शनिवार 27 मार्च को मनाए जाने वाले अर्थ आवर में सभी अपना योगदान दें ताकि धरती को आपके रहने के लायक बनाया जा सके। प्रकृति हमारे रहने व जीने के लिए आवश्यक है और हम इसे नुकसान पहुंचाए जा रहे हैं। हमें स्वयं की आदतों में परिवर्तन लाना होगा। लोग उठें और बिजली के उपकरणों को स्वयं बंद करें और औरों के लिए भी प्रेरणा बने।
कोरोना महामारी से पूरे विश्व को पर्यावरण एवं वातावरण के संरक्षण की सीख लेनी चाहिए। कोरोना के साथ साथ प्रकृति को भी बचाने के लिए पूरे विश्व को प्रयास करना होगा। सभी को मिलजुल कर मानवता की खातिर यह कार्य करना होगा। कोरोना महामारी के कारण सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए डिजिटली लोग प्रकृति के प्रति अपने विचारों से अवगत करवाएं और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। अपने संपर्क में आने वाले प्रत्येक बच्चे, बड़े व्यक्ति, पड़ोसी, आसपास के भाई-बहन को इसमें शामिल करें। सभी ने मिलकर अपनी इस धरती को बचाने में योगदान देना है। अपनी आदतों को बेहतर करके धरती के अनुकूल खानपान आदि वस्तुओं का सेवन करें। सभी धरती को बचाने के लिए प्रयासों के लिए शपथ लें और आज से ही इसकी शुरुआत करें। विश्व के किसी भी क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति इसमें शामिल होकर अपना योगदान दे सकता है। एक घंटे के लिए स्वयं बिजली उपकरण बंद कर अपना समर्थन अवश्य दें। यह बायोडायवर्सिटी एवं प्रकृति की रक्षा में तुच्छ योगदान होगा।
खानपान, पानी, स्वच्छ हवा और अनेकों अमूल्य सेवाएं एवं साधन न्यूनतम खर्च पर तुरंत उपलब्ध हो जाना, प्रकृति की देन है। हमें अपने स्वास्थ्य, खुशहाली, रहन सहन और जीवन यापन के लिए प्रकृति की रक्षा करना अनिवार्य है।
कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी स्वयं जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत रूप से, परिवार और मित्रों के साथ योगदान दें। स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए मास्क पहने और सामाजिक दूरी बनाकर रखें।
आप इस संदेश को सैकड़ों तक पहुंचाने का प्रयास करें।
स्वयं जागरूक बनें एवं औरों को भी जागरूक करें। अपनी आवाज प्रकृति की आवाज बनाएं। प्रकृति की रक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद करें।
अर्थ आवर की शुरुआत वर्ष 2007 में सिडनी, ऑस्ट्रेलिया से की गई थी और आज यह विश्व का सबसे बड़ा पर्यावरण संरक्षण का अभियान है। यह मार्च के अंतिम शनिवार को एक घंटे के लिए रात 8:30 से 9:30 बजे तक धरती की रक्षा के लिए लाखों लोगों द्वारा स्वयं मनाया जाता है। इसमें विश्व के 180 देश शामिल है।
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