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मायावती के भतीजे आकाश का नया दांव भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ‘रावण’ के बाद अब निशाने पर गहलोत सरकार –

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मायावती के भतीजे आकाश का नया दांव : भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ‘रावण’ के बाद अब निशाने पर गहलोत सरकार –

नोएडा : मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ को छोटे-मोटे लोग बोलकर सुर्खियों में आए बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर एक्शन मोड में आ गए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी बुआ मायावती ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। आकाश आनंद को विधानसभा चुनाव के लिए बसपा का नेशनल कॉर्डिनेटर भी बनाया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा’ निकालने का ऐलान किया। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले एक्टिव हुए आकाश आनंद अपनी संकल्प यात्रा का आगाज बुधवार को धौलपुर से कर दिया है।

आकाश आनंद ने अपने अधिकारिक ट्वविटर हैंडल पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि चुप रहने, खामोश बैठे रहने, सब कुछ सहते रहने से बदलाव नहीं आता। वे आगे लिखते हैं कि जब राजा निरंकुश हो जाए, जब गरीबों-वंचितों पर अत्याचार बढ़ जाए, रोजगार के अवसर कम हो जाएं और राजा चैन की नींद सो रहा हो तो परिवर्तन जरूरी हो जाता है। आकाश आनंद ने कहा कि परिवर्तन का बिगुल बजाने और राजस्थान सरकार को नींद से जगाने आ रहा हूं।

साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी है यात्रा

बता दें कि सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा साढ़े तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी। आकाश आनंद ने सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा में ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने दलितों, मुस्लिमों, कमजोर वर्गों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। बसपा की सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा का समापन जयपुर में 29 अगस्त को होगा।

यात्रा राजस्थान से ही क्यों

दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने शानदार प्रदर्शन किया था। राजस्थान से उसके छह विधायक चुनकर आए थे, लेकिन बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इनमें राजेन्द्र गुढा (विधायक, उदयपुरवाटी), जोगिन्दर सिंह अवाना (विधायक, नदबई), वाजिब अली (विधायक, नगर), लाखन सिंह मीणा (विधायक, करोली), संदीप यादव (विधायक, तिजारा) और विधायक दीपचंद खेरिया ने बसपा से चुनाव जीता था। इसी प्रदर्शन को देखते हुए बसपा ने अपनी रणनीति राजस्थान को लेकर बनाई है।

चंद्रशेखर दे रहे हैं चुनौती

बीएसपी के सामने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद की भी चुनौती है। वह पिछले कुछ महीनों से लगातार राजस्थान का दौरा कर रहे हैं। चुनावी साल में दलित वोट बैंक के सहारे राजनीति की जुगत में जुटे आजाद प्रदेश में लगातार दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठा रहे हैं। हाल ही में जब यूपी के सहारनपुर में उन पर हमला हुआ था तो उसके बाद उन्होंने पहला दौरा भरतपुर जिले का किया था।

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