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बीकानेर मौत के करीब से निकला मांझा

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बीकानेर मौत के करीब से निकला मांझा:प्रशासन का दावा: चाइनीज मांझे की ब्रिक्री नहीं, हकीकत 80 से ज्यादा लोगों को किया लहूलुहानआधा इंच और गहरा होता तो गले की आर्टरी कट जाती पीबीएम के ट्रोमा सेंटर और जिला हॉस्पिटल में शनिवार को 80 से ज्यादा मरीज चाइनीज मांझे से घायल होकर पहुंचे जबकि शहर में चाइनीज मांझे की ब्रिक्री और उसे उड़ाने पर रोक थी। पुलिस प्रशासन की नोखा के सिवाय कहीं भी चाइनीज मांझे के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि जिला प्रशासन और पुलिस के पास शनिवार को कई लोगों की शिकायतें पहुंची, लेकिन पुलिस प्रशासन ने सिवाय खानापूर्ति कुछ नहीं किया। चाइनीज मांझे से जख्मी होने वाले मरीजों को उपचार देने के लिए ट्रोमा सेंटर में शनिवार को ऐनेस्थिसिया और ईएनटी के डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी लगाई गई थी।

🥀पीबीएम हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रमोद कुमार सैनी ने बताया कि कई मरीज इस कदर जख्मी थे, कि उनकी सांस नली भी जख्मी हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि गर्दन में स्थित बड़ी आर्टरी के कट लगने से कई बार मरीज की मौत तक हो सकती है।

🥀फोर्ट डिस्पेंसरी के पास लगाया कैंप, मांझे से घायलों का उपचार किया राजमाता सुशीला कुमारी, जीव दया सेवा समिति के पदाधिकारियों ने शनिवार को चाइनीज मांझे से जख्मी पक्षियों और बच्चों का इलाज करवाया।समिति के रामदयाल राजपुरोहित ने बताया कि शनिवार को चार साल की बच्ची चाइनीज मांझे की चपेट में आने से जख्मी हो गई। उसे फोर्ट डिस्पेंसरी से पीबीएम रेफर किया गया। इसी प्रकार दो महिलाएं मांझे से जख्मी होने पर उनकी मरहम पट्टी की गई। समिति के अमित देवड़ा, चेतन बड़गुर्जर, राहुल पुरी, भैरू सिंह तथा जतिन ने घायल पक्षियों का वेटरनरी हॉस्पिटल में इलाज कराया।

10 वर्ष की उम्र, गर्दन के 12 टांके लगे : मंगलम में रहने वाले दस वर्षीय राजू पुत्र रेवंतराम की चाइनीज मांझे से गर्दन कट गई। डॉक्टरों को उसके गर्दन के 12 टांके लगाने पड़े। इसी प्रकार नत्थूसर गेट निवासी 6 वर्षीय कोयल पुत्री राजा गिरने से घायल हो गई। गंगाशहर निवासी यश पुत्र सत्यप्रकाश, सात वर्षीय करण पुत्र बजरंग, 23 वर्षीय अंबेडकर निवासी दिलीप की गर्दन चाइनीज मांझे से जख्मी हो गई। घायलों को असहाय सेवा समिति के राजकुमार खड़गावत, ताहिर हुसैन तथा उनकी टीम ने मदद की।

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