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स्कूली बच्चों को भारतीय शास्त्रीय संगीत व कला के प्रति जागरूक किया

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स्कूली बच्चों को भारतीय शास्त्रीय संगीत व कला के प्रति जागरूक किया

कलाग्राम सोसाइटी व स्पीक मैके द्वारा संयुक्त आयोजित की जा रही कार्यशालाएं

                                                                   फतह सिंह उजाला                                      गुरुग्राम, 21 अगस्त। जिला के राजकीय विद्यालयों में स्कूली विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत, कला, साहित्य आदि के माध्यम से भारत की अनमोल व समृद्ध विरासत से परिचय कराने के लिए कला के विद्वानों द्वारा विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। डीसी निशांत कुमार यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गुरुग्राम जिला में अगस्त व सितम्बर के महीने में कलाग्राम सोसाइटी व स्पीक मैके संस्था द्वारा संयुक्त रूप से एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुल आठ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि स्कूली विद्यार्थियों में  भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत सहित कला एवं संस्कृति की अन्य विधाओं के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुवात की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे अधिक समृद्ध संस्कृति है। जिसमें हर उम्र के वर्ग के लोगों की रुचि की कोई ना कोई विधा मौजूद है। ऐसे में स्कूली विद्यार्थियों के बीच भारतीय विरासत के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाकर और उसमें निहित मूल्यों को आत्मसात करने के लिए देश भर के प्रतिष्ठित कलाकारों को इस अभियान में सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कलाकार स्कूलों में बच्चों के बीच जाकर अपनी प्रस्तुति देकर उन्हें उस कला की बारीकियां भी बता रहे हैं। 

कलाग्राम सोसाइटी की संयोजिका शिखा गुप्ता ने बताया कि स्पिक मैके- द सोसाइटी फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंगस्ट यूथ की गुरुग्राम चैप्टर की अध्यक्ष रूपी महेंद्रू के सहयोग से जिला में अभी तक तीन स्कूल नामतः राजकीय विद्यालय बादशाहपुर व राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भौंडसी व खेड़ला में 17 व 18 अगस्त को कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमे बादशाहपुर स्कूल में क्लासिकल वोकल पर सप्तक चटर्जी व भौंडसी व खेड़ला विद्यालय में भरतनाट्यम पर प्रिया वेंकटरमन द्वारा प्रस्तुति दी गयी थी। शिखा गुप्ता ने बताया कि भारतीय संस्कृति से रूबरू करा रही इन कार्यशालाओं में स्कूली बच्चों भी विशेष रूचि ले रहे हैं।

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