एलएंडटी फाइनेंस ने रियल टाइम क्रेडिट रिस्क असेसमेंट के लिए तैनात किया ‘प्रोजेक्ट ‘ साइक्लॉप्स’, एक क्रांतिकारी एआई-संचालित नेक्स्ट- जेन डिजिटल क्रेडिट इंजन
● ‘प्रोजेक्ट साइक्लॉप्स’ एक क्रांतिकारी इन-हाउस विकसित प्रोपरायटरी क्रेडिट इंजन है जो मल्टी-डायमेंशनल एक्सिस पर संपूर्ण क्रेडिट अंडरराइटिंग की सुविधा प्रदान करता है।
● एलएंडटी फाइनेंस के टू व्हीलर लोन की पेशकश करने वाले देश भर के चुनिंदा डीलर पर ‘प्रोजेक्ट साइक्लॉप्स’ का बीटा संस्करण तैनात किया गया है।
● ‘प्रोजेक्ट साइक्लॉप्स’ अतिरिक्त दस्तावेजों की न्यूनतम आवश्यकता के साथ, ग्राहकों को प्रसन्न करने वाली गति से बेहतर सूचित निर्णय लेने की ओर ले जाएगा |
● ‘प्रोजेक्ट साइक्लॉप्स’ एलएंडटी फाइनेंस में प्रोडक्टिविटी और प्रक्रिया की दक्षता को बढ़ाते हुए क्रेडिट रिस्क को भी कम करता है।
25 जून, 2024, मुंबई: देश की लीडिंग नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) में शामिल, एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड (एलटीएफ) ने आज क्रेडिट रिस्क ‘प्रोजेक्ट ‘साइक्लॉप्स’ के बीटा वर्जन (संस्करण) की परिनियोजन की घोषणा की। यह एक लेटेस्ट क्रेडिट रिस्क असेसमेंट (मूल्यांकन) और ऑटोमेटेड निर्णय लेने वाला डिजिटल क्रेडिट इंजन है, जो संभावित ग्राहकों की रीपेमेंट क्षमता और क्रेडिट क्वालिटी निर्धारित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) की क्षमता का उपयोग करता है। ‘प्रोजेक्ट ‘साइक्लॉप्स’ एक क्रांतिकारी इन-हाउस विकसित प्रोपरायटरी क्रेडिट इंजन है जो व्यापक विश्लेषण और ऐतिहासिक क्रेडिट के उपरिशायी के बाद निर्मित एमएल आधारित एसेम्बल स्कोरकार्ड का उपयोग करके बड़े पैमाने पर ब्यूरो, अकाउंट एग्रीगेटर और वैकल्पिक ट्रस्ट संकेतों को शामिल करके ग्राहकों की क्षमता की गहराई से आकलन करने की सुविधा प्रदान करता है।
एलटीएफ ने अपने टू-व्हीलर लोन की पेशकश करने वाले 200 डीलर के नेटवर्क के जरिए 25 लोकेशन पर ‘प्रोजेक्ट साइक्लॉप्स’ के बीटा संस्करण को तैनात किया है, जिसका लक्ष्य इस इनोवेटिव डिजिटल सॉल्यूशन के साथ क्रेडिट मूल्यांकन के क्षेत्र में क्रांति लाना है। एआई-संचालित सॉफ्टवेयर व्यवहार के पैटर्न, फाइनेंशियल डाटा, डेमोग्राफिक्स और सामाजिक-आर्थिक स्थिति सहित अलग-अलग सोर्स से बड़ी मात्रा में डाटा का विश्लेषण करने के लिए एडवांस एल्गोरिदम और एआई-संचालित एनालिटिक्स का उपयोग करता है।
इस अवसर पर एलटीएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सुदीप्ता रॉय ने कहा कि “आज के लगातार विकसित हो रहे डिजिटल माहौल में, व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए तेज और विश्वसनीय क्रेडिट हासिल करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हालांकि, पारंपरिक क्रेडिट स्कोरिंग का तरीका अक्सर क्रेडिट ब्यूरो डेटा और मैन्युअल आय आकलन पर निर्भर करता है, क्षमता में कमी और देरी का कारण बनता है, जिसके चलते आज हमारे इको-सिस्टम में उपलब्ध डाटा की क्षमता का पूरी तरह से लाभ नहीं मिल रहा है। ‘प्रोजेक्ट ‘साइक्लॉप्स’ को बड़ी मात्रा में डाटा पर और मौजूदा जोखिम और क्रेडिट रेलिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए एडवांस एल्गोरिदम और एआई-संचालित संकेतों का लाभ उठाकर इस समस्या को हल करने के लिए डिजाइन किया गया है, साथ ही यह मौजूदा जोखिम और क्रेडिट रेलिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए, क्रेडिट अंडरराइटिंग की मौजूदा तरीके को आवश्यक गहराई प्रदान करता है”।
रॉय ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट sसाइक्लॉप्स’ के साथ, हमें भरोसा है कि हमारी अंडरराइटिंग क्षमताएं और भी अधिक मजबूत और सटीक हो जाएंगी, जिससे हम तेजी से टर्न-अराउंड-टाइम (टीएटी) के साथ सूचना के आधार पर निर्णय लेने में सक्षम होंगे। इस इन-हाउस प्रोपरायटरी इंजन के विकास से कंपनी की अंडरराइटिंग क्षमता में और बढ़ोतरी होगी साथ ही बिजनेस और मजबूत होगा।
‘प्रोजेक्ट साइक्लॉप्स ‘ की मुख्य विशेषताएं और लाभ:
पूर्व अनुमानित मॉडलिंग: ग्राहक डिफॉल्ट की संभावना का सटीक अनुमान लगाने के लिए एमएल-आधारित पूर्व अनुमानित मॉडलिंग का उपयोग करता है, जिससे सूचना के आधार पर निर्णय लेने में सक्षम बनाया जाता है।
डाटा इंटीग्रेशन: क्रेडिट ब्यूरो डाटा को वैकल्पिक सोर्स के साथ जोड़ता है, जिससे मौजूदा और संभावित ग्राहकों में भरोसा बढ़ता है।
जोखिम का मूल्यांकन : संभावित जोखिमों की पहचान करने और कार्रवाई योग्य उपाय प्रदान करने, सूचना के आधार पर निर्णय लेने और संभावित नुकसान को कम करने के लिए एडवांस जोखिम मूल्यांकन क्षमताएं शामिल हैं।
रिस्क-वेटेड क्रेडिट सॉल्यूशन: न्यू-टु-क्रेडिट कस्टमर्स को रिस्क-वेटेड क्रेडिट सॉल्यूशन प्रदान करता है, कन्वर्जन रेट में सुधार करता है और वित्तीय समावेशन में योगदान देता है।
एलटीएफ ‘प्रोजेक्ट-साइक्लॉप्स’ जैसे नए समाधानों के साथ क्रेडिट मूल्यांकन क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो एक अधिक कुशल और सटीक प्रणाली तैयार करेगा, जिससे ग्राहकों और व्यवसाय को समान रूप से लाभ होगा।
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