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भगवान शिव का ११वें रुद्र के साक्षात अवतार प्रभु श्रीहनुमान

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भगवान शिव का ११वें
रुद्र के साक्षात अवतार
प्रभु श्रीहनुमान

हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।।

उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।

एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।

तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।

श्लोक के आरम्भ में ही पहला
नाम है हनुमान,दूसरा नाम है
अंजनीसूनु,तीसरा नाम है
वायुपुत्र,चौथा नाम है महाबल,
पांचवां नाम है रामेष्ट यानी
श्रीराम के प्रिय,छठा नाम है
फाल्गुनसखा अर्थात अर्जुन
के मित्र,सातवां नाम है पिङ्गाक्ष
अर्थात भूरे नेत्रवाले,आठवां
नाम है अमितविक्रम,नवां नाम
है उदधिक्रमण अर्थात समुद्र
को अतिक्रमण करने वाले,
दसवां नाम है सीताशोक
विनाशन यानी सीताजी के
शोक का नाश करने वाले,
ग्याहरवां नाम है लक्ष्मण
प्राणदाता यानी लक्ष्मण को
संजीवनी बूटी द्वारा जीवित
करने वाले और बाहरवां नाम
है दशग्रीवदर्पहा यानी रावण
के घमंड को दूर करने वाले।

ये सभी बारह नाम हनुमानजी
के गुणों को भी प्रकट करते हैं।

इन नामों में श्रीराम और सीता
के लिए की गई सेवा का स्मरण
हो जाता है।

इसी वजह से इन नामों के
जप से बजरंग बली बहुत
जल्दी प्रसन्न होते हैं।

मंगल को जन्मे मंगलकारी
हनुमान के अद्भुत और चमत्कारी
बारह नामों के जाप से आपके सारे
कष्ट,रोग,पीड़ा और संकट स्वमेव
नष्ट हो जाएंगे और जीवन में सब
मंगलमय होगा।

अजर-अमर हैं हनुमान💐

अपने भक्तों पर कृपा करते
हैं और उनके सारे कष्‍ट
संकटमोचन हर लेते हैं।

वह महावीर भी हैं और हर युग
में अपने भक्तों की समस्याओं
का समाधान करते हैं।

माना जाता है कि हनुमान
एक ऐसे देवता है जो थोड़ी
-सी प्रार्थना और पूजा से ही
शीघ्र प्रसन्न हो जाते है।

मंगलवार और शनिवार हनुमान
जी के पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ
दिन हैं।

हनुमान चालीसा में लिखा है
कि,
संकट कटे मिटे सब पीरा।
जो सुमरे हनुमत बलवीरा।।

यह अटल सत्य है।

भूत पिसाच निकट नहीं आवे।
महावीर जब नाम सुनावे।।
यह भी अटल सत्य है,
जैसे- राम नाम की महिमा
अपरम्‍पार मानी जाती है।

तदनुरूप ही श्री हनुमान के नाम
की महिमा भी अनंत फलदायी
मानी गई है।

रामचरित मानस में लिखा
है कि,
कलयुग केवल नाम अधारा।
सुमरि-सुमरि नर उतरहीं पारा।।

मान्यता है कि कलयुग में हनुमान
ही सबसे प्रभावशाली देवता हैं।

उनका नाम सुमरने से ही
आप के सारे काम बन जाएंगे।

प्रभु श्री राम के प्रति अपनी
अगाध श्रद्धा से ही हनुमान
जी को अष्टसिद्धियों और नव
निधियों का वरदान मिला है।

ये वही अष्टसिद्धियां और
नव निधियां हैं जो कलयुग
में हनुमान उपासकों के
कल्याण का काम करती हैं।

कलयुग में राम भक्त हनुमान
के द्वादश यानि बारह नामों
का स्मरण किया जाये तो सारे
कष्ट,समस्याएं,व्याधियों को हर
लेते हैं हनुमान।

हनुमाननाम महिमा…

  1. हनुमान
  2. अंजनीसुत
  3. वायुपुत्र
  4. महाबल
  5. रामेष्ट
  6. फाल्गुनसखा
  7. पिंगाक्ष
  8. अमितविक्रम
  9. उदधिक्रमण
  10. सीताशोकविनाशन
  11. लक्षमणप्राणदाता और
  12. दशग्रीवदर्पहा

महाबली बजरंग के इन नामों
का उच्चारण करने से वर्षों से
चली आ रही परेशानियां पल
भर में छूमंतर हो जाएंगी।

दीर्घायु पाने के लिए निशदिन
प्रातः उठने के साथ ही शय्या
पर बैठे-बैठे इन बारह नामों
को ग्यारह बार बिना रूके
उच्‍चारण करने से आप
अवश्य ही दीर्घायु होंगे।

इसके अलावा आपके ऊपर
आने वाली शारीरिक समस्याओं
का भी निदान होगा।

हनुमान के इन नामों की महिमा
तो अनंत है,लेकिन दो पहर के
समय अपने ऑफिस,घर या
दुकान में बैठकर भी इन बारह
नामों का स्मरण करने वाले भक्त
के जीवन में धन संपत्ति का कभी
अभाव नहीं होता।

रूका हुआ धन वापस मिलता
है और इन बारह नामों से ऋण
से भी मुक्ति होती है।

इन बारह नामों का जाप संध्या
काल में करने से पारिवारिक
क्लेश समाप्त हो जाते हैं,
परिवार में सुख शांति बनी
रहती है।

सोने के पूर्व या रात्रि प्रहर में
इन नामों के जाप से ज्ञात
अज्ञात भय दूर होते हैं और
शत्रु से रक्षा होती है।

हनुमान जी के इन बारह नामों
का नियमित रूप से जाप करने
से उनकी कृपा आपके ऊपर
रूप विशेष से बनी रहती है।

हनुमान जी की उपासना अत्यंत
प्रभावशाली मानी जाती है।

  • हनुमान जी कलयुग के सबसे
    प्रभावशाली देव माने जाते हैं।
  • माना जाता है कि हनुमान
    जी चिरंजीवी हैं और आज
    भी जीवित हैं।
  • अपनी अद्भुत और कठोर
    भक्ति के कारण इनको
    अष्टसिद्धि और नवनिधि
    प्रदान करने का वरदान
    मिला है।
  • इसी वरदान और अपने
    ईष्ट श्रीराम की कृपा से हनुमान
    जी अपने भक्तों के कष्ट हरने में
    सक्षम हैं।
  • इनकी उपासना तुरंत फलदायी
    होती है और हर तरह के संकट
    का नाश करती है।
  • हनुमान जी की उपासना
    में इनके द्वादश (बारह) नाम
    के पाठ भी उल्लेखनीय है।
  • प्रात:काल,रात्रि में सोने के
    पूर्व,किसी नए कार्य के आरम्भ
    के पूर्व या यात्रा के पूर्व इन नामों
    का प्रयोग करें।
  • पीले कागज पर लाल रंग से
    लिखकर इन नामों को घर के
    मुख्य द्वार और पूजा स्थान पर
    भी लगा सकते हैं।
  • भोजपत्र पर अष्टगंध से
    लिखकर इसे लॉकेट की
    तरह गले में धारण कर
    सकते हैं।
  • इन नामों का प्रयोग करने
    से व्यक्ति की दसों दिशाओं
    और आकाश पाताल से रक्षा
    होती है।
  • प्रातःकाल ये नाम लेने से
    व्यक्ति दीर्घायु होता है।
  • दोपहर को ये नाम लेने
    से धनवान होता है।
  • रात्रि को ये नाम लेने से
    विरोधी परास्त होते हैं और
    शत्रु शांत होते हैं।
  • मनोकामना पूरी करने के लिए
    इन बारह नामों का नित्य प्रात
    नौ बार जाप करना चाहिए।

श्री हनुमंते नम:💐

अतुलित बलधामं,
हेमशैलाभदेहं।
दनुजवनकृशानुं,
ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुण निधानं,
वानराणामधीशं।
रघुपतिप्रिय भक्तं,
वातजातं नमामि।।

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