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गुरुग्राम नगर निगम में 180 करोड़ रुपये के विज्ञापन घोटाले की जांच के लोकायुक्त ने दिए आदेश: अभय जैन

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गुरुग्राम नगर निगम में 180 करोड़ रुपये के विज्ञापन घोटाले की जांच के लोकायुक्त ने दिए आदेश: अभय जैन
-लोकायुक्त ने इस जांच को एसआईटी गठित करने के आदेश दिए

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। हरियाणा के लोकायुक्त ने एक अहम निर्णय लेते हुए गुरुग्राम नगर निगम में 180 रुपये के विज्ञापन घोटाले की जांच को विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने के आदेश जारी किए हैं। शिकायतकर्ता मानव आवाज संस्था गुरुग्राम के संयोजक एडवोकेट अभय जैन के मुताबिक एसआईटी में एक सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और नगर निगम के दो सेवानिवृत्त सक्षम अधिकारियों को शामिल करने को कहा गया है। 
एडवोकेट अभय जैन ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2015 में लोकायुक्त हरियाणा के कार्यालय में नगर निगम गुरुग्राम के खिलाफ  बड़े मॉल मालिकों और बिल्डरों से विज्ञापन कर के रूप में 180 करोड़ रुपये की वसूली नहीं करने की शिकायत दर्ज कराई थी। हरियाणा के लोकायुक्त न्यायमूर्ति नवल किशोर अग्रवाल ने अपने फैसले में कहा कि नगर निगम के अधिकारियों की विज्ञापन एजेंसियों के साथ 2010 से 2015 तक सेंकड़ों करोड़ के गबन के लिए मिलीभगत साफ नजर आ रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार ने राज्य के लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में अपना जाल फैला लिया है। यह देश के निवेश और विकास की वृद्धि में एक बाधा है। लोकायुक्त ने आदेश दिया कि एसआईटी इस मामले की जांच करे। इसमें जो भी दोषी पाए जाते हैं, उनके खिलाफ  सख्त अनुशासनात्मक/विभागीय कार्रवाई करने के अलावा उन अधिकारियों से बकाया की वसूली की जाए।   
अभय जैन ने आगे बताया कि नगर निगम गुरुग्राम ने 2015 में एक आरटीआई में जवाब दिया था कि नगर निगम गुरुग्राम को विज्ञापन एजेंसियों से 180 करोड़ रुपये की वसूली करनी थी। आरटीआई के जवाब के बाद श्री जैन ने 2015 में लोकायुक्त में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों ने विज्ञापन एजेंसियों के साथ मिलकर निगम के करोड़ों रुपये का गबन किया है। श्री जैन ने आरोप लगाया है कि नगर निगम गुरुग्राम अधिकारी जान-बूझकर अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए विज्ञापन एजेंसियों से 180 करोड़ रुपये की बड़ी राशि की वसूली नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कुछ कंपनियों और उनकी देय राशि का खुलासा किया। इसमें डीएलएफ  साइबर सिटी डेवलपर्स 59 करोड़ 37 लाख, डीएलएफ  ऑफिस डेवलपर 23 करोड़ 38 लाख, रेनकॉन पार्टनर्स, झंडेवालान एक्सटेंशन नई दिल्ली 23 करोड़ 62 लाख विज्ञापन संचार प्राइवेट लिमिटेड 16 करोड़ 95 लाख, एंबिएंस मॉल 11 करोड़ 8 लाख डीएलएफ  कमर्शियल एंटरप्राइजेज 8 करोड़ 97 लाख, डीएलएफ  लिमिटेड गुरुग्राम 7 करोड़ 20 लाख, पैंटालून रिटेल लिमिटेड 3 करोड़, एनएसआर फार्म लिमिटेड 2 करोड़ 91 लाख, सहारा इंडिया कमर्शियल लिमिटेड 1 करोड़ 65 लाख का विज्ञापन घोटाला किया है।

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