लॉरेंस के भाई ने जोधपुर में बनाया गैंगस्टर का नेटवर्क
लॉरेंस के भाई ने जोधपुर में बनाया गैंगस्टर का नेटवर्क:कनाडा के गैंगस्टर से था कॉन्टैक्ट; खास शूटर को वॉट्सऐप की मदद से पकड़ा
जोधपुर पुलिस ने बुधवार को सरपंच समेत पांच लोगों की हत्या का प्लान बनाने वाले 6 बदमाशों को गिरफ्तार किया था। इस प्लानिंग का मास्टर माइंड उम्मेद सिंह था। जो खुद फौज से रिटायर्ड होने के बाद लॉरेंस की गैंग से जुड़ गया। सरपंच को मारने के लिए चार शार्प शूटर को हायर किया गया था। खास बात यह है कि पुलिस ने इन आरोपियों को वॉट्सऐप की मदद से पकड़ा।
इस मामले में जोधपुर पुलिस ने गुरुवार को चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस उम्मेद सिंह को लेकर उसके गांव शेरगढ़ चाबा पहुंची। यहां उसकी निशानदेही पर छापा मारा तो उसके कमरे से बड़ी मात्रा में नकली नोट मिले। बताया जा रहा है पुलिस को उम्मेद सिंह के कमरे से लाइट मशीन गन की कार्टेज भी मिली है।
ये मामला सामने आने के बाद जब भास्कर ने लॉरेंस के भाई के नेटवर्क और हत्या के प्लानिंग की पड़ताल की तो सामने आया कि ये लोग जोधपुर समेत पूरे राजस्थान के कई शहरों में दहशत फैलाना चाहते थे। इस हत्या के बाद से ये मैसेज देने की कोशिश करना चाह रहे थे कि लॉरेंस की गैंग अब भी एक्टिव है।
इधर, प्रोडक्शन वारंट पर जयपुर लाए लॉरेंस ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह शराब माफिया, भू-माफिया, क्लब संचालक, होटल इंडस्ट्री से जुड़े व्यापारी से रंगदारी शुरू करना चाहता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस पूरी वारदात और उम्मेद सिंह का कनेक्शन लॉरेंस से निकला है। सामने आया कि लॉरेंस के जेल जाने के बाद उसका छोटा भाई अनमोल जोधपुर में इस नेटवर्क को देख रहा था। सरपंच की हत्या की प्लानिंग में भी उम्मेद सिंह लगातार अनमोल के कॉन्टैक्ट में था। सरपंच को मारने के लिए एमपी से हथियार खरीदे गए थे।
इन हथियारों को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। उम्मेद सिंह के घर जिन हथियार (लाइट मशीन गन) के कारतूस मिले हैं, ये गन आमतौर पर आर्मी में काम में ली जाती है। इधर, सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी ये सामने आया था कि सिंगर की हत्या के लिए हथियार जोधपुर से भेजे गए थे। ऐसे में जोधपुर पुलिस पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।
इतना ही नहीं उम्मेद सिंह अनमोल के जरिए रोहित गोदारा और रितिक बॉक्सर के कॉन्टैक्ट में आया। ये वे ही बदमाश हैं, जिनका नाम जयपुर के जी क्लब में हुई फायरिंग में भी सामने आया था।
बताया जा रहा है कि अनमोल उम्मेद सिंह को अपने साथ जोड़कर एक बार फिर से लॉरेंस के नाम का डर दिखाना चाहता था। सरपंच की हत्या की भी प्लानिंग अनमोल की थी।
लॉरेंस के भाई अनमोल और उम्मेद सिंह ने यह प्लान बना लिया था कि इस हत्या के बाद उनका नाम सामने आएगा। इसके बाद गैंग एक बार फिर से जोधपुर शहर में रंगदारी वसूली का काम शुरू करने वाली थी।
लॉरेंस के भाई अनमोल और उम्मेद सिंह ने यह प्लान बना लिया था कि इस हत्या के बाद उनका नाम सामने आएगा। इसके बाद गैंग एक बार फिर से जोधपुर शहर में रंगदारी वसूली का काम शुरू करने वाली थी।
पंजाब के गैंगस्टर की तरह हथियार
उम्मेद के घर से LMG और 32 बोर के कारतूस भी बरामद हुए हैं। LMG के कारतूस मिलने से पुलिस को AK- 47 होने का अंदेशा भी था। इसके लिए उसके घर के आंगन में जेसीबी से खुदाई भी करवाई गई। पुलिस को उसके कमरे से 58 लाइट मशीन गन के कार्टेज व 32 बोर के 3 कार्टेज मिले हैं। एलएमजी के कार्टेज से पंजाब के गैंगस्टर के लेवल के हथियार होने की आशंका पुलिस को थी।
ये भी सामने आया कि उम्मेद सिंह का कनाडा के कुछ गैंगस्टर से भी कनेक्शन था। बताया जा रहा है कि इन्हीं के इशारों पर उम्मेद सिंह को हथियार सप्लाई किए जा रहे थे।
6 साल पुराने रंगदारी के नेटवर्क को एक्टिव करना चाहता था
दरअसल, सरपंच की हत्या के बाद लॉरेंस गैंग अपने 6 साल पुराने रंगदारी के नेटवर्क को फिर से एक्टिव करना चाहता था।
2017 में पहली बार लॉरेंस ने जोधपुर में ट्रेवल एजेंसी और हॉस्पिटल मालिक के यहां फायरिंग की रंगदारी के लिए धमकाया था। इसके बाद कई लोगों से रंगदारी मांगी गई।
इसी दौरान शहर के सरदारपुरा सी रोड पर मोबाइल शोरूम चलाने वाले वासुदेव ईसरानी को भी रंगदारी के लिए धमाकाया, लेकिन जब उन्होंने नजरअंदाज किया तो गुर्गों ने दिनदहाड़े शोरूम में घुसकर गोली मार दी थी।
फोटो उम्मेद सिंह के गांव चाबा की है। गुरुवार को घर के बाहर जेसीबी से गड्ढा खोदकर हथियारों की तलाशी ली गई।
फोटो उम्मेद सिंह के गांव चाबा की है। गुरुवार को घर के बाहर जेसीबी से गड्ढा खोदकर हथियारों की तलाशी ली गई।
नाबालिगों को अपनी गैंग में शामिल कर रहा है लॉरेंस
जयपुर पुलिस से हुई पूछताछ में लॉरेंस ने यह भी बताया कि वह नाबालिगों को अपनी गैंग में ले लेता है। ये लोग केवल उसके साथ वीडियो कॉलिंग के जरिए जुड़ते हैं। वीडियो में लॉरेंस को देख गैंग के सदस्य बन जाते हैं। लॉरेंस की ओर से मिलने वाले किसी भी प्रकार के आदेश पर ये लोग कुछ भी करते थे।
राजस्थान में सर्च कर रही पुलिस
सूत्रों की माने तो लॉरेंस की सूचना पर जयपुर और बीकानेर पुलिस ने एक बदमाश को पकड़ा है। इसे आज जयपुर लाया जाएगा। इस बदमाश को लॉरेंस के सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी। हालांकि लॉरेंस के कई गुर्गों को राजस्थान के अलग-अलग कोनों से पुलिस पकड़ चुकी हैं। पुलिस हर घटना को लेकर लॉरेंस और वारदात करने वाले बदमाश से क्रॉस पूछताछ करेगी। लॉरेंस ने पूछताछ में बताया- वह यूपी, दिल्ली और पंजाब की तरह राजस्थान में भी अपना गैंग खड़ा करना चाहता था।
लॉरेंस को जयपुर के जवाहर सर्किल थाने में रखा गया है।
लॉरेंस को जयपुर के जवाहर सर्किल थाने में रखा गया है।
गुर्गों को पकड़ने 12 टीमें रवाना
लॉरेंस के वकील दीपक चौहान ने बताया कि लॉरेंस को उसके अधिवक्ताओं से मिलने की अनुमति दी गई है। लॉरेंस को गुरुवार को वीसी के जरिए कोर्ट में पेश किया था। उधर, पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि लॉरेंस से हुई 16 घंटे की पूछताछ के बाद करीब एक दर्जन टीमों को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजा है, जो चिन्हित बदमाशों को पकड़ेंगी। गैंग को मिलने वाली रुपयों की मदद व रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई किस चैनल से विदेश भागे यह भी पता कर रहे हैं। जी-क्लब फायरिंग में किसके जरिए शूटर को सहयोग करवाया, सोशल मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी लेने वाले रितिक बॉक्सर के बारे में पूछताछ चल रही है।
जयपुर जी-क्लब में हुई फायरिंग से कनेक्शन
जयपुर में कुछ दिनों पहले जी क्लब में हुई फायरिंग में भी उम्मेद सिंह का नाम आया था। खास बात ये है कि इसी फायरिंग केस में रितिक बॉक्सर और रोहित गोदारा का नाम भी था।
इसी के बाद जोधपुर पुलिस को भी कंफर्म हो गया है कि उम्मेद सिंह लॉरेंस की गैंग का ही हिस्सा है और वह जोधपुर व जयपुर समेत राजस्थान के दूसरे शहरों में फैले गुर्गों के कॉन्टैक्ट में था। जी-क्लब में फायरिंग करने वाले बदमाशों को होटल में ठहराने के साथ रुपए की भी मदद उम्मेद सिंह ने की थी। उम्मेद सिंह के खिलाफ अलग-अलग थानों में 8 मामले दर्ज हैं और इस पर 4 हजार रुपए का इनाम भी है।
पहाड़ियों से कर रहा था निगरानी
उम्मेद सिंह ने अपना ठिकाना मंडोर की पहाड़ियों पर पिछले 15 दिनों से बना रखा था। वह वहीं सोता और खाता-पीता था। इन पहाड़ियों से वॉच करता था कि कोई इसकी ओर आ तो नहीं रहा। उसको डर था कि पुलिस तक उसकी भनक लग जाएगी।
आरोपी इन पहाड़ियों में फायरिंग की प्रैक्टिस भी करते थे। पुलिस को कारतूस के 7 खाली खोल भी मिले हैं।
आरोपी इन पहाड़ियों में फायरिंग की प्रैक्टिस भी करते थे। पुलिस को कारतूस के 7 खाली खोल भी मिले हैं।
पहाड़ियों पर बैठे इन शातिर बदमाशों ने जरूरत की चीजों की आपूर्ति के लिए एक लोकल व्यक्ति को लगा रखा था। पुलिस सबसे पहले उस तक पहुंची और फिर सादी वर्दी में पहाड़ियों की रेकी की। आरोपी पहाड़ियों में फायरिंग की प्रैक्टिस भी करते थे। पुलिस को कारतूस के 7 खाली खोल भी मिले हैं।
पुलिस ने वॉट्सऐप की मदद से पकड़ा
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोधपुर पूर्व नाजिम अली ने बताया कि हमें जब आरोपी के पहाड़ पर होने की सूचना मिली तो इसकी घेराबंदी की गई। इसे ऑपरेशन सनराइज नाम दिया गया और सूरज उगने से पहले नाले में सो रहे उम्मेद सिंह और रावल सिंह को गिरफ्तार किया।
नाजिम अली ने बताया कि पुलिस ने इन आरोपियों को पकड़ने के लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। सभी टीम लीडर ने उस ग्रुप में लाइव लोकेशन डाली ताकि पहाड़ी का एक भी हिस्सा भी नहीं छूटे। लोकेशन देख कर जिस हिस्से पर पुलिस नहीं है, उसे भी जवानों द्वारा कवर किया। ताकि कहीं चूक न रहे।
नकली नोट भी बनाता था गैंगस्टर
आरोपी फौजी उम्मेद सिंह के घर से नकली नोट भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने बताया कि वह 500 और 200 रुपए के नकली नोट भी छापता था। जब पुलिस उसके घर पहुंची तो वहां से 500 और 200 रुपए के 1600 नकली नोट मिले।
वहीं 27 खाली पेपर मिले, जिस पर 200 के नकली नोट छपे थे। सिक्योरिटी को देखते हुए जोधपुर पुलिस के साथ क्विक रिस्पॉन्स टीम, डॉग स्क्वाॅयड, हथियार बंद डीएसटी की टीम भी शामिल थी।
रिटायर्ड फौजी जो बना भू-माफिया और गैंगस्टर
उम्मेद सिंह (30) जोधपुर जिले के शेरगढ़ के चाबा का रहने वाला है और रिटायर्ड फौजी है। फौज से रिटायर्ड होने के बाद प्रॉपर्टी का काम शुरू किया और धीरे-धीरे भू-माफिया बन गया। इसके बाद वह सीधे लॉरेंस की गैंग से जुड़ गया और पुलिस की नजरोंं में चढ़ गया। उम्मेद सिंह ने चोखा में 26 लाख की जमीन बेची थी और इसी के रुपए से हथियार खरीद लाया था।
वह लॉरेंस के साथ रोहित और रितिक के इशारों पर काम करने लगा। जयपुर क्लब फायरिंग में नाम आने पर वह जयपुर आ गया। वह सरपंच चुन्नीलाल टांक और उसके 5 साथियों की हत्या कर जोधपुर में एक बार फिर से दहशत फैलाना चाहता था।
सरपंच को मारने के लिए एमपी से हथियार खरीदे गए थे। पुलिस ने इस दौरान 6 पिस्तौल समेत 13 मैग्जीन और 127 कारतूस बरामद किए।
सरपंच को मारने के लिए एमपी से हथियार खरीदे गए थे। पुलिस ने इस दौरान 6 पिस्तौल समेत 13 मैग्जीन और 127 कारतूस बरामद किए।
सगे भांजे के साथ मिलकर बनाई गैंग
उम्मेद सिंह ने अपनी गैंग बनाने के लिए उसके सहित तीन लोग शेरगढ़ से लिए। यह तीनों रिश्तेदार हैं। उम्मेद सिंह का ईश्वर सिंह सगा भांजा है और रावल रिश्ते में भाई है। रावल सिंह भी आर्मी भर्ती के लिए तैयारी कर रहा था। इसके अलावा चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी अमित पारीक और सुथला निवासी ईश्वर सोलंकी को भी अपने साथ लिया। यह सभी मिलकर हत्या के बाद आगे रंगदारी वसूलने और टेरर फैलाना चाहते थे।
उम्मेद सिंह लॉरेंस की तरह अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा था। वह सरपंच चुन्नी लाल टाक की हत्या के बाद रंगदारी वसूलना चाहता था। सरपंच के भाई को मारने की प्लानिंग भी थी और दो करोड़ की फिरौती भी मांगने वाले थे।
कमिश्नर रवि गौड़ ने बताया कि जांच में सामने आया कि उम्मेद सिंह का कॉन्टैक्ट लॉरेंस गैंस से है। इसके अलावा रितिक बॉक्सर औरर रोहित गोदारा से भी कॉन्टैक्ट था।
डीसीपी अमृता दुहन का कहना है कि अनमोल लगातार उम्मेद सिंह के संपर्क में था। उम्मेद सिंह का फोन खंगाला गया तो उसमें कनाडा में बैठे गैंगस्टर से कनेक्शन निकला है।
ठेहट की हत्या के बाद डर फैलाना चाहता था लॉरेंस
गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई दो दिन से जयपुर पुलिस की पड़ में है। सूत्रों की माने तो लॉरेंस ने पूछताछ में अपने पूरे नेटवर्क का खुलासा कर दिया है। गैंग के सभी बदमाशों की जानकारी भी पुलिस को दे दी है। अब जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर इस पर काम करना शुरू कर दिया है। दरअसल, जवाहर सर्किल थाने में लॉरेंस से कुल तीन पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
रिटायर्ड फौजी सहित लॉरेंस के 6 गुर्गे दबोचे:जमीन विवाद का बदला लेना चाहता था पूर्व सैनिक, निशाने पर सरपंच
जोधपुर में दिनदहाड़े सरपंच समेत 5 लोगों की हत्या करने की योजना थी। जमीन विवाद और झूठे मुकदमे से परेशान बदमाश बदला लेना चाहता था। प्लान बनाने वाला रिटायर्ड फौजी हिस्ट्रीशीटर उम्मेद सिंह है, जो लॉरेंस गैंग से जुड़ गया है।
जोधपुर पुलिस को इसकी भनक लग गई और तीन अलग-अलग इलाकों (मंडौर, माता का थान और सूरसागर) से 6 बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें अमित पारीक, ईश्वर सिंह, ईश्वर सोलंकी, उम्मेद सिंह, रावल सिंह और आयुष पंडित शामिल हैं। इन बदमाशों से 6 पिस्तौल, 13 मैग्जीन और 127 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं।
मामला जोधपुर कमिश्नरेट ईस्ट का है। इन सभी बदमाशों की गिरफ्तारी बुधवार सुबह 10:30 बजे दिखाई गई है। मंगलवार आधी रात से इन्हें पकड़ने के लिए ऑपरेशन ‘सनराइज’ चलाया गया था।
ठेहट की हत्या के बाद डर फैलाना चाहता था लॉरेंस:शराब माफिया, होटल-क्लब के मालिक टारगेट पर, वीडियो कॉल कर नाबालिगों को जोड़ रहा
गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई दो दिन से जयपुर पुलिस की पड़ में है। सूत्रों की माने तो लॉरेंस ने पूछताछ में अपने पूरे नेटवर्क का खुलासा कर दिया है। गैंग के सभी बदमाशों की जानकारी भी पुलिस को दे दी है। अब जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर इस पर काम करना शुरू कर दिया है। दरअसल, जवाहर सर्किल थाने में लॉरेंस से कुल तीन पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। इनमें एडिशनल डीसीपी वेस्ट रामसिंह शेखावत, एसीपी सीएसटी चिरंजीलाल मीणा और एसीपी सीएसटी खलील अहमद शामिल है। वहीं, इस पूरे मामले की जांच एसएचओ जवाहर सर्किल सुरेन्द्र सैनी के पास है।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थाने के बाहर अतिरिक्त जाप्ता लगा रखा है। थाने के अंदर लॉरेंस को एक सामान्य बैरक में रखा हुआ है। लॉरेंस के पास बैरक में केवल एक काला कंबल है। हालांकि इस बैरक में अन्य किसी भी बदमाश को नहीं रखा गया है। इस बैरक में सीसीटीवी लगे हुए हैं।
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