कर्नाटक: चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों को एडवाइजरी, बिना मंजूरी विज्ञापन पर लगी रोक
कर्नाटक: चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों को एडवाइजरी, बिना मंजूरी विज्ञापन पर लगी रोक
चुनाव आयोग ने अखबारों के संपादकों को भी एक अलग पत्र लिखा है. इसमें उन्हें यह स्पष्ट कर दिया गया है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पत्रकारिता आचरण के मानदंड उनके समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों सहित सभी मामलों के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे.
चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी.
नई दिल्ली,
कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता पाने के लिए लड़ रही है तो बीजेपी जीत को दोहराने में लगी है. दोनों तरफ से पूरी ताकत लगाई जा रही है आरोप प्रत्यारोप का खेल चल रहा है. हर दल के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. इस बीच चुनाव आयोग ने रविवार को कर्नाटक में 10 मई को होने वाले मतदान से पहले एडवाइजरी जारी की गई है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार को थमने वाला है.
एडवाइजरी में कहा गया है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार मतदान के दिन और एक दिन पहले मीडिया प्रमाणीकरण और निगरानी समिति (MCMC) से मंजूरी के बिना प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा. राजनीतिक दलों को जारी एडवाइजरी में चुनाव प्राधिकरण ने ‘स्वच्छ और गंभीर’ प्रचार पर भी जोर दिया.
चुनाव आयोग ने अखबारों के संपादकों को भी एक अलग पत्र लिखा है. इसमें उन्हें यह स्पष्ट कर दिया गया है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पत्रकारिता आचरण के मानदंड उनके समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों सहित सभी मामलों के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे. आयोग ने कर्नाटक के समाचार पत्रों के संपादकों को लिखे एक पत्र में कहा, “यदि जिम्मेदारी से इनकार किया जाता है, तो यह स्पष्ट रूप से पहले ही बता दिया जाए.”
राजनीतिक दलों को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि चुनाव के दिन और मतदान के दिन से एक दिन पहले प्रचार थमने के बाद विज्ञापनों को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) द्वारा पूर्व-प्रमाणित किया जाना होगा. कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान के दिन से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन तब तक प्रकाशित नहीं करेगा जब तक कि राजनीतिक विज्ञापन की सामग्री राज्य में एमसीएमसी से पूर्व-प्रमाणित नहीं हो जाती.
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