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Rajni

कर्म का बदला

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कर्म का बदला🌻
_✍🏿गौतम बुद्ध ज्ञान प्राप्त करने के बाद अपने राज्य में आए महल में नहीं गए क्योंकि वे सन्यासी जो बन गए थे। सब लोग उनके दर्शन करने गए लेकिन इतिहास कहता है कि उनकी पत्नी यशोधरा दर्शन करने नहीं गईं थीं। उससे मिलने के लिए गौतम बुद्ध को महल के द्वार तक आना पड़ा। यशोधरा ने गौतम बुद्ध से पूछा – कि आप मुझे ऐसी हालत में छोड़कर बिना बताये चुप-चाप क्यों चले गए थे। अगर आप कहते तो मैं आपको रोकती नहीं। गौतमबुद्ध ने उनको समझाते हुए कहा – यशोधरा !! यह कर्मों का देश है,कर्म कर्जा चुकाना पड़ता है। एक बार मैं जंगल में शेर था और तुम शेरनी थी। हम दोनों साथ-साथ बड़े प्यार से रहते थे। एक दिन दूसरे जंगल का एक शेर आ गया। जैसा कि शेर का स्वभाव होता है कि वो अपने राज्य में किसी दूसरे शेर को बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसी स्वाभाव वश मैं उस शेर से लड़ गया। वह मुझसे बलवान था मैं भी लड़ा तो बहादुरी से लेकिन उसने मुझे बड़ी बुरी तरह घायल कर दिया। जैसा स्वभाव शेरनी का होता है कि वह हमेशा विजयी शेर के साथ ही रहती है। इसी स्वभाव वश तुमने मुझे उस घायल अवस्था में छोड़ दिया और विजयी शेर के पीछे चली गी।
मैं बड़ी कातर दृष्टि से तुमको देखता रहा। मुझे बहुत पीड़ा हुई थी जाने-अनजाने वह बदला मुझे चुपचाप तुम्हें ऐसी हालत में छोड़कर जाकर चुकाना पड़ा। बुद्धत्व प्राप्त करने के बाद मुझे ये ज्ञान हुआ। बदला न चुकाता तो बुद्धत्व नहीं प्राप्त कर सकता था !!

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