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क्रोनिक बीमारी से ग्रसित मरीज को कर्मा आयुर्वेद ने दिया नया जीवन

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क्रोनिक बीमारी से ग्रसित मरीज को कर्मा आयुर्वेद ने दिया नया जीवन

रिपोर्टर मनोज यादव

, गुरुग्राम: क्रोनिक बीमारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश के प्रमुख आयुर्वेदिक अस्पताल ‘कर्मा आयुर्वेद’ ने क्रोनिक बीमारियों से ग्रसित मरीजों में बदलाव लाने के लिए कई शानदार पहल और इलाज प्रदान कर रहा है। पिछले कुछ समय में स्वस्थ हुए मरीजों की सफलता की कहानियाँ यह दर्शाती हैं कि आयुर्वेदिक इलाज से स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है और जीवन को बदला जा सकता है। जो लोग अपनी जिंदगी से हार चुके थे उन्हें कर्मा आयुर्वेद के जरिये जीवन में नई आशा मिली।

एक ऐसा 65 वर्षीय व्यक्ति का केस कर्मा आयुर्वेद में आया था जो रूमेटाइड अर्थरायटिस की वजह से चल नहीं पाता था क्योंकि मरीज के दोनों पैरों में बहुत दर्द रहता था। लेकिन जब वह कर्मा आयुर्वेद में आये तो उन्हें जीवन जीने की एक नई किरण दिखाई दी। उन्हें एलोपैथिक डाक्टर स्टेरॉइड्स का तगड़ा डोज दिया करते थे जिसका बुरा असर यह हुआ कि ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल बिगड़ गया। कर्मा आयुर्वेद में 7 दिन पर्सनालाइज्ड इलाज लेने के बाद मरीज में फर्क देखने को मिलने लगा क्योंकि इस दौरान वह बिना किसी मदद के चलने में सक्षम हो गए थे।

ठीक इसी तरह का एक केस और था। जहाँ 42 वर्षीय एक अन्य मरीज किडनी की कार्यक्षमता में कमी से ग्रसित था। मरीज की दोनों किडनी 50 से 60% तक क्षतिग्रस्त हो गयी थी और क्रिएटिनिन का लेवल 2.10 हो गया था। एलोपैथिक डॉक्टरों ने उन्हें जीवन भर डायलिसिस कराने की सलाह दी। चूँकि मरीज की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी इसलिए वह डायलिसिस पर नहीं रह सकते थे। इसके बाद वह कर्मा आयुर्वेद में आये। यहाँ पर उन्हें परिवर्तनकारी उपचार से गुजरना पड़ा, जिससे क्रिएटिनिन के लेवल में 1.30 तक की गिरावट आई। यह लेवल सामान्य सीमा के बहुत करीब था। कर्मा आयुर्वेद में इलाज कराने के बाद उन्हें बिना डायलिसिस के जिंदगी जीने में सहूलियत मिली।

कर्मा आयुर्वेद बच्चों के लिए भी कारगर है। दरअसल नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित 6 वर्षीय क बच्चे के केस में कर्मा आयुर्वेद के इलाज की वजह से उसे राहत मिली। आपको बता दें कि नेफ्रोटिक सिंड्रोम एक किडनी बीमारी है। इस बीमारी में शरीर के प्रोटीन का एक बड़ा हिस्सा मूत्र के माध्यम से नष्ट हो जाता है। बच्चे को इस बीमारी की वजह से चेहरे सहित पूरे शरीर में बहुत ज्यादा सूजन का अनुभव हुआ। सूजन इतनी ज्यादा थी कि वह अपनी आँखे भी नहीं खोल पाता था। कर्मा आयुर्वेद में छह महीने के विधिवत समर्पित इलाज और निर्धारित डाइट प्लान के बाद बच्चा अब स्वस्थ है और जीवन का आनंद अन्य बच्चों की तरह ले रहा है।

कर्मा आयुर्वेदा के संस्थापक-डायरेक्टर डॉ. पुनीत ने खुशी और चिंता दोनों व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमारे पास ऐसे अनगिनत मरीज आते हैं जिन्हें एलोपैथिक डॉक्टरों ने बता दिया होता है कि उन्हें ज़िन्दगी भर दवा खानी पड़ेगी। कर्मा आयुर्वेद में हम जिस प्रकार का इलाज प्रदान करते हैं, उससे हमने लोगों को अपना स्वास्थ्य फिर से अच्छा होते देखा है। हालाँकि यह देखना बहुत अच्छा है कि लोग आयुर्वेद के साथ अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर रहे हैं, लेकिन यह देखना भी उतना ही निराशाजनक है कि लोग अन्य इलाज के तरीकों में उम्मीद खोने के बाद आयुर्वेदिक इलाज का रुख करते हैं।”

कर्मा आयुर्वेद पर्स्नालाइज्ड, प्रभावी और हॉलिस्टिक हेल्थकेयर सॉल्यूशन (समग्र स्वास्थ्य देखभाल समाधान) प्रदान करने में सबसे आगे है। कर्मा आयुर्वेद क्रोनिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए आशा की किरण बनकर आया है। अस्पताल आयुर्वेद के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और पारंपरिक चिकित्सा दृष्टिकोण के विकल्प तलाश रहे लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रतिबद्ध है।

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