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झारखंड वक्फ बोर्ड के पास है अकूत संपत्ति, पारित संशोधन बिल के खिलाफ मुखर हुए कई मुसलिम संगठन

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झारखंड वक्फ बोर्ड के पास है अकूत संपत्ति, पारित संशोधन बिल के खिलाफ मुखर हुए कई मुसलिम संगठन
रांची:वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद अब सबकी नजरें राष्ट्रपति की मंजूरी पर टिकी हुई हैं. राष्ट्रपति की मंजूरी मिले के बाद यह संशोधन कानून का रूप ले लेगा. वक्फ के प्रशासनिक ढांचे में प्रस्तावित संशोधन के बाद झारखंड सहित देशभर में गठित वक्फ बोर्ड में फेरबदल हो जाएगा. बात यदि झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की करें तो यहां भी नए सिरे से बोर्ड का गठन करना होगा. वर्तमान में 09 सदस्यीय इस वक्फ बोर्ड के राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद अध्यक्ष हैं. वक्फ नियमों में परिवर्तन के बाद अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा, बल्कि सरकार द्वारा नामित किया जाएगा. इसके अलावे बोर्ड के दो सदस्य गैर मुसलिम होंगे.
करीब 2000 करोड़ की है झारखंड वक्फ बोर्ड की संपत्ति
झारखंड वक्फ बोर्ड के पास करीब 2000 करोड़ की संपत्ति है. इसके बावजूद विडंबना यह है कि बोर्ड घाटे में चल रहा है. वक्फ की कुछ संपत्तियों पर अतिक्रमण है और जो कुछ संपत्तियों से आमदनी बेहद कम हो रही है. वक्फ से जुड़ी संस्था समय पर आय-व्यय का ब्योरा नहीं देती है. जिस वजह से उनके अंशदान से मिलनेवाली 7% की राशि भी नहीं मिल रही है.झारखंड वक्फ बोर्ड से वर्तमान समय में 153 संस्था संबद्ध है और हजारों अनाधिकृत रुप से चल रहे हैं.

झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य इबरार अहमद कहते हैं कि अभी सभी वक्फ को चिठ्ठी भेजकर सालाना आय-व्यय की रिपोर्ट देने को कहा गया है. साथ ही 7% अंशदान भी देने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में कई मस्जिदें, कब्रिस्तान आदि बगैर वक्फ बोर्ड के निबंधन के चल रहे हैं. उन्हें भी रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लिखा गया है. उन्होंने संपत्ति को लेकर देश भर में हो रही चर्चा को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इससे ज्यादा संपत्ति तो दूसरे धर्म के संस्थाओं के पास हैं. उसको लेकर कोई विवाद नहीं होता है.

वक्फ की प्रोपर्टी धार्मिक मामला है-मुमताज खान

वक्फ बोर्ड में संशोधन को लेकर उठे विवाद के बीच झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त और विकास निगम के निदेशक मुमताज खान ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई जाएगी. इसके अलावा लोकतांत्रिक तरीके से धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ राज्यपाल और राष्ट्रपति के समक्ष विरोध दर्ज कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि वक्फ की प्रोपर्टी पूरा का पूरा धार्मिक मामला है. जिसमें गैर मुस्लिम को जगह देना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि संविधान में सभी लोगों को अपना धर्म मानने का अधिकार है और उस पर वह चलता है. इसी आधार पर वक्फ एक्ट बना था. संशोधन के जरिए वक्फ की शक्ति को कमजोर करने की कोशिश की गई है. इसके खिलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे.

झारखंड में नहीं लागू होने देंगे नया वक्फ कानून-इरफान अंसारी

वक्फ बोर्ड में संशोधन के खिलाफ झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने साफ तौर पर कहा है कि झारखंड में किसी भी तरह से इसे लागू नहीं होने देंगे. उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड में संशोधन कर भाजपा सरकार हमारी जमीन छीनना चाहती है.वक्फ की जमीन हर जगह देखने को मिलती है. इसलिए भाजपा को यह पसंद नहीं आ रहा है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को ललकारते हुए कहा कि वक्फ हमारे पूर्वजों ने हम सबों को दिया है. हमारी इंसानियत का परीक्षा मत लीजिए।

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