मानेसर में ईएसआई का 500 बेड का अस्पताल बनाने की योजना: जरावता
जरावता का दावा ऐलनाबाद उपचुनाव में गठबंधन उम्मीदवार की जीत निश्चित
2051 में कैसा होना चाहिये पटौदी का स्वरूप, यही लक्ष्य लेकर काम जारी
आगामी तीन वर्ष में पटौदी भविष्य के 30 वर्ष की योजनाएं तैयार की जा रही
बिना प्राकृतिक आपदा प्रति क्विंटल 600 रूपए बाजरा का किसानों को भुगतान
फतह सिंह उजाला पटौदी । देश और दुनिया के मानचित्र पर तेजी से पहचान बना रहे औद्योगिक मानेसर क्षेत्र में 500 बेड का ईएसआई का अस्पताल बनाने की योजना विचाराधीन है । एचएसआईडीसी अन्य विभाग मिलकर मानेसर क्षेत्र में यदि 10 एकड़ जमीन उपलब्ध करवा देते हैं, तो 500 बेड का ईएसआई का अस्पताल भी अवश्य बनेगा । इस परियोजना को लेकर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ में विचार विमर्श सहित परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए गंभीरता से चर्चा जारी है । यह बात पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने संडे को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही । उन्होंने कहा हरियाणा में एकमात्र गुरुग्राम जिला ही ऐसा है जहां पर गुरुग्राम और दूसरा मानेसर निगम निगम मौजूद है । मानेसर औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां पर विभिन्न प्रांतों के अनेक श्रमिक काम भी कर रहे हैं और परिजनों के साथ रह भी रहे हैं । इसके साथ ही मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में अनेक नामी-गिरामी देशी और विदेशी औद्योगिक प्रतिष्ठान भी मौजूद हैं । उन्होंने कहा यदि किसी प्रकार की कोई बहुत बड़ी बाधा अथवा व्यवधान नहीं आया तो मानेसर में श्रमिकों के कल्याण और स्वास्थ्य के दृष्टिगत 500 बेड का एसआई का अस्पताल अवश्य बनाया जाएगा ।
इसी मौके पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने दावा किया कि ऐलनाबाद उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार की जीत निश्चित है। उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद की जनता जात-पात से ऊपर उठकर केवल और केवल विकास के मुद्दे पर अपना वोट गठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में देने का मन बनाए हुए हैं । जातीय समीकरण का हवाला देते हुए भी उन्होंने कहा कि जब जो उम्मीदवार जाट समुदाय से संबंधित हैं, ऐसे में वहां पर वोटों का विभाजन होना तय है और ऐसे में गठबंधन उम्मीदवार को सबसे अधिक ही फायदा मिलना भी तय है । उन्होंने दावा किया कि ऐलनाबाद उपचुनाव में किसान आंदोलन और कृषि कानून किसी भी नजरिए से चुनावी मुद्दा नहीं है । केवल मात्र विकास , जनहित की सुविधाएं और सत्ता पक्ष के साथ भागीदारी , यही वास्तविक चुनावी मुद्दा लोगों के बीच में बना हुआ है ।
एमएलए जरावता ने कहा वह 2051 का विजन लेकर कि पटौदी का स्वरूप 2051 में कैसा हो, इसी विजन को लेकर पटौदी क्षेत्र के लिए विकास परियोजनाओं पर काम करते हुए मंजूर भी करवा रहे हैं । उन्होंने कहा मेरा लक्ष्य आगामी 3 वर्ष में इस प्रकार की परियोजनाएं , ढांचागत विकास, यातायात सुविधा, शिक्षा, चिकित्सा सुविधा पर काम करना है, जिनकी आगामी 30 वर्षों में जरूरत महसूस की जाएगी। यही ठोस वजह और कारण है कि वह 2051 में पटौदी का स्वरूप कैसा हो, इसी विजन को लेकर काम किय जा रहा हैं । एम एल ए जरावता ने बेबाक शब्दों में कहा और स्वीकार किया , संभव है कि किसी गांव, गली, मोहल्ले की सड़क नहीं बनवा सकूं , किसी कार्यकर्ता और समर्थक के व्यक्तिगत काम करवाने में असमर्थ रहूं , लेकिन जो मौका पटोदी क्षेत्र की जनता के द्वारा उपलब्ध करवाया गया है। इसका मैं दीर्घकालिक मूलभूत जरूरतों और ढांचागत विकास शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार को केंद्र में रखकर ही इनको धरातल पर लाने के लिए अपने मौजूदा कार्यकाल में नींव रखने का कार्य कर रहा हूं । उन्होंने पुनः दोहराया की वर्ष 2051 में पटोदी का स्वरूप कैसा हो, इसके लिए जरूरी है पटौदी और हेली मंडी नगरपालिका को मिलाकर एक नगर परिषद बनाया जाए ।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा हरियाणा के इतिहास में यह पहला मौका है जब बिना किसी प्राकृतिक आपदा के बाजरा उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल 600 सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे हैं । जहां तक बाजरा के मंडी में मिल रहे दाम की बात है तो बरसात होने की वजह से दक्षिणी हरियाणा में बाजरा की गुणवत्ता अवश्य प्रभावित हुई है और यही कारण है कि बाजरा का दाम किसानों को कुछ कम मिल रहा है । फिर भी अच्छी और बेहतर क्वालिटी का बाजरा 1650 रुपए से अधिक के दाम मंडियों में किसानों को मिले हैं । उन्होंने कहा एक तरफ दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे है, वही गुरुग्राम -पटौदी -रेवाड़ी नेशनल हाईवे पर काम आरंभ हो चुका है । ऐसे में लोकरा गांव से लेकर गांव खोड तक का सड़क मार्ग का कुछ हिस्सा मार्केटिंग बोर्ड तथा लोक निर्माण विभाग के अधीन है । यदि यह सड़क मार्ग दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे और गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी हाईवे से कनेक्ट हो जाता है, तो एक अतिरिक्त बाईपास भी पटौदी को उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खद की कमी नहीं, किसान सरसों के साथ ही गेंहू की बीजाई की पहले से की जा रही तैयारी को लेकर मौजूदा जरूरत से अधिक डीएपी खाद लेकर रखना चाहते है। डीएपी खाद र्प्याप्त मात्रा में किसानों को मिल रहा है। Attachments areaReply to allReplyForward
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