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जन साहस संस्था ने कन्हई गांव में 122 जरूरतमंद मजदूरों के बीच बांटे सूखा राशन

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जन साहस संस्था ने कन्हई गांव में 122 जरूरतमंद मजदूरों के बीच बांटे सूखा राशन

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। इस कोरोना महामारी एवं आंशिक लॉक डाउन के बीच जन साहस डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से कन्हई गांव में 122 जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों एवं गरीब परिवार के बीच 20 से 25 दिनों का मुफ्त में सूखा राशन वितरित किया गया। मुफ्त राशन का वितरण सी एम ओ ऑफिस के डॉ प्रदीप, जन साहस डेवलपमेंट सोसाइटी के डिस्ट्रिक कॉर्डिनेटर नेहा, रिसोर्स सेंटर फैसिलेटर शाकी, फिल्ड ऑफिसर आमीर, शबीर, रोशनी, जयपाल, रमण, अंजलि, निशा एवं दीक्षा  एवं टीम की ओर से किया गया। डिस्ट्रिक कॉर्डिनेटर नेहा ने बताया कि जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों एवं गरीब परिवार के बीच प्रति परिवार 25 किलो आटा, 10 किलो चावल, 5 किलो दाल, मसाला के पैकेट, सेनेटाइजर, साबुन, सेनेटरी नमकीन एवं मास्क मुफ्त में वितरित किए गए। नेहा ने बताया कि कोरोना महामारी में हुए लॉक डाउन से इन परिवारों की रोजी रोटी छिन गई थी और इन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही थी। जब जन साहस सोसाइटी को इसकी जानकारी मिली तो सोसाइटी के फंड से सूखा राशन खरीदकर इन्हें मदद की गई और आगे भी ऐसे जरूरतमंद लोगों को मदद की जाएगी। सोसाइटी की ओर से अब तक 400 से भी अधिक जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों के बीच सूखा राशन वितरित किया जा चुका है। इसके अलावा  वजीराबाद में जिन 70 लोगों की झोपडिय़ां जल गई थी उनके बीच भी सूखा राशन व बर्तन वितरित किया गया। मालूम हो कि जन साहस डेवलपमेंट सोसाइटी एक स्वंयसेवी संस्था है तथा वर्तमान में भारत के 13 राज्यों के 60 जिलों में प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए काम कर रही है। वहीं दिल्ली एनसीआर के 6 जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, दक्षिण दिल्ली, उत्तर दिल्ली, नोएडा व गाजियाबाद में प्रवासी मजदूरों के बीच जन कल्याण का कार्य कर रही है। इसके तहत सबसे पहले प्रवासी मजदूरों का बीओसीडब्ल्यू  लेबर कार्ड बनाया जाता है ताकि सरकार की ओर से मिलने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके। इसके अलावा वित्तीय संस्थाओं जैसे नाबार्ड बैंक के साथ समायोजन कर राष्ट्रीय कृत बैंकों में उनका खाता भी खुलवाया जाता है ताकि सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे मजदूरों के खाते में पहुंच सके। लेबर कार्ड बनाने के लिए कोई भी मजदूर 18002000211 पर संपर्क कर सकता है।

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