जालौर फसल खराबे के मुआवजे को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन
जालौर फसल खराबे के मुआवजे को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन:10 दिन में समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
=जालोर जिला मुख्यालय पर बुधवार को कलेक्ट्रेट के सामने किसानों ने आहोर क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का उचित मुआवजा देने की मांग करते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने जिला कलेक्टर डॉ. निशांत जैन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भाद्राजून में अतिक्रमण तोड़ने के मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की।
किसानों ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिससे किसान परेशान हैं। ज्यादातर फसलों में जीरा और इसबगोल का नुकसान हुआ है। फसल बीमा, सहकारी समितियां और ऋण बैंकों ने बीमा किया, जो वास्तविक रकबा बुवाई से बहुत ही कम रकबे का बीमा किया है। जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं किसानों ने इसके लिए विशेष राहत पैकेज जारी कर राहत देने की भी मांग की। ज्ञापन में बताया कि आहोर तहसील क्षेत्र में चने की फसल खराब होने के बाद भी बीमा कम्पनी बीमा क्लेम राशि का भुगतान नहीं कर रही है, जिससे भी किसान दुखी हैं। किसानों ने साल 2022 में खरीफ फसल में जिन पटवार सर्कल में खराबा हुआ है और क्रोप कटिंग औसत उत्पादन से कम हुई है। उन पटवार सर्कलों में तुरंत बीमा क्लेम राशि देकर किसानों को राहत देने की मांग की।
किसान प्रताप आंजणा ने बताया कि भाद्राजून में सरकारी जमीन पर बसे किसानों को तहसीलदार ने भूमाफियाओं के साथ मिलकर वहां से हटा दिया। जिसको लेकर किसानों ने कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद प्रशासन ने एक कमेटी गठित कर तीन मार्च तक जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद आज कर कमेटी ने कोई रिपोर्ट प्रशासन को नहीं सौंपी है। इस दौरान उन्होंने भाद्राजून तहसीलदार और पटवारी के खिलाफ कार्रवाई कर निलंबित करने की मांग की है। किसानों ने कहा कि 10 दिन में समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो किसानों की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा, उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार और जिला प्रशासन की होगी।
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