Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

जयपुर की अदालत सुना रही थी सजा, हँस रहे थे आतंकी; शायरी पढ़ रहे थे उनके वकील

5

जयपुर की अदालत सुना रही थी सजा, हँस रहे थे आतंकी; शायरी पढ़ रहे थे उनके वकील: 4 को उम्रकैद, सीरियल ब्लास्ट में 71 लोगों की हुई थी मौत

राजस्थान की राजधानी जयपुर में 17 वर्ष पूर्व हुए बम ब्लास्ट के बाद मिले ज़िंदा बम के मामले में 4 आतंकियों को विशेष अदालत ने सज़ा सुनाई है। स्पेशल कोर्ट ने 600 पन्नों का फ़ैसला सुनाया। शुक्रवार (4 अप्रैल, 2025) को ही सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को इस मामले में दोषी ठहराया जा चुका था। याद दिला दें कि 13 मई, 2008 को जयपुर में 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे। वहीं चाँदपोल बाजार में स्थिर गेस्ट हाउस के पास से नौवाँ ज़िंदा बम बरामद हुआ था।
इन धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 घायल हुए थे। बड़ी बात ये है कि सज़ा सुनाए जाने के दौरान भी इन आतंकियों के चेहरे पर जरा सी भी शिकन नहीं थी, न ही उन्हें अपने कृत्य पर पछतावा था। चारों आतंकी अदालत में और बाहर निकलते समय मुस्कुराते-हँसते नज़र आए। आतंकियों के वकील ने इस दौरान शायरी के जरिए ये जताने की कोशिश की कि ये सभी निर्दोष हैं। उसने कहा, “तुम्हारा शहर, तुम ही कातिल तुम ही मुद्दई, तुम ही मुंशिफ – हमें यकीन है, गलती हमारी ही निकलेगी।”
हालाँकि न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने शायरी का जवाब शायरी से ही दिया। उन्होंने कहा, कुदरत के फैसले पर कभी शक मत करना ,अगर सजा मिल रही है तो गुनाह भी हुआ होगा, सबसे बड़ा न्यायालय हमारा मन होता है, क्या सही है और क्या गलत उसे सब पता होता है, राह गलत नहीं होती है गलत तो चुनाव होता है।” बता दें कि बम ब्लंट करने के लिए इन्होंने एक नाबालिग के साथ मिलकर रेकी की थी। शाहबाज़ ने एक साइबर कैफे में जाकर ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ के नाम से धमाकों की जिम्मेदारी ली थी।
कोर्ट में सज़ा सुनाए जाने के बाद जब एक आतंकी को पुलिस जेल लेकर जा रही थी, तब वो मुस्कुरा रहा था। वहीं एक आतंकी तो पुलिस की वैन में बैठकर बाहर उँगली भी दिखा रहा था। सीरियल ब्लास्ट के मामले में शाहबाज़ को छोड़कर अन्य को फाँसी की सज़ा सुनाई गई थी, लेकिन फिर हाईकोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था। राज्य सरकार इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट गई है। 12 आतंकी बस में बम लेकर दिल्ली से जयपुर गए थे। इन्होंने 9 साइकिल खरीदीं और अलग-अलग स्थानों पर बम उसपर रखकर पार्क कर दी।

इसके बाद ये आतंकी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन पकड़कर वापस दिल्ली पहुँच गए। फिर इन्होंने बम ब्लास्ट के बाद हुई दहशत को न्यूज़ चैनलों पर देखा। उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद स्थित एक साइबर कैफे से मेल करके जिम्मेदारी ली गई। शाम के 7:20 और 7:36 के बीच 8 बम फट चुके थे। ज़िंदा बम मिलने के मामले में ATS ने दिसंबर 2019 सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इस मामले में 112 गवाहों के बयान लिए गए। सबूतों की कमी के कारण आतंकियों को बरी किया गया था।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading