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मंदिर आंदोलन में जेल गए, सुप्रीम कोर्ट में की पैरवी, प्राण प्रतिष्ठा का मिला निमंत्रण तो भर आईं आंखें

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मंदिर आंदोलन में जेल गए, सुप्रीम कोर्ट में की पैरवी, प्राण प्रतिष्ठा का मिला निमंत्रण तो भर आईं आंखें
अलीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर अजय प्रकाश सिंह अयोध्या आंदोलन के समय जेल में बिताए पलों को याद कर भावुक हो जाते हैं. अजय जब 18 वर्ष के थे, उस समय आंदोलन में सक्रियता दिखाई थी. राम मंदिर को लेकर जोश, आस्था, विश्वास और श्रद्धा थी. दीवारों पर रामलाल ‘हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ जैसे स्लोगन लिखते थे. सुबह पुलिस के लोग मिटवा देते थे. इस दौरान गिरफ्तार भी हुए. बरेली जिला कारागार में 24 दिन काटे. अजय प्रकाश सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं और राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी पैरवी की. सोमवार को अक्षत वितरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अलीगढ़ पहुंचे तो संघर्ष के दिनों को साझा किया.

अयोध्या का निमंत्रण मिला तो आंखों में आ गए आंसू

अजय बताते हैं, आंदोलन के बाद जब सुप्रीम कोर्ट में केस शुरू हुआ तो मुझे पैरवी करने का अच्छा अवसर मिला. सुप्रीम कोर्ट में लगातार इस पर सुनवाई हुई. ऐसा कई बार होता था कि सुनवाई होती थी, लेकिन निर्णय नहीं दिया जाता था. तब लोग कहने लगे थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे. राम मंदिर सुनावाई के लिए तारीख नहीं मिलती थी. लोगों को लगता था कि ऐसा ही चलता रहेगा, लेकिन हमने रामलला जन्म भूमि के लिए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी भी की और हमारी जीत हुई. अजय कहते हैं, रामलाल की ही कृपा थी कि अन्य मामलों में भी मुझे जीत हासिल हुई. कहते हैं, मंदिर को लेकर जो फैसला आया, वह अलग एहसास बताता है. इस जीत के लिए जेल गया और कठोर तप किया. जब उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या जाने का निमंत्रण मिला है तो आंखों में आंसू आ गए.
अजय कहते हैं, उन्होंने जेल में बिताए दिनों का सर्टिफिकेट भी निकलवाया. आंदोलन में शाहजहांपुर से गिरफ्तार हुए थे. उस समय छात्र जीवन था. मुलायम सिंह यादव की सरकार थी. अपनी ही पुलिस से डर लगता था. छुपने के बाद भी लगता था कि पकड़े जाने पर दमन होगा. जिस तरीके से स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों से पकड़े जाने का भय होता था, उसी तरीके से आंदोलन के समय पकड़े जाने का डर था. मंदिर आंदोलन को कुचला गया. कहा, अगर मुलायम सिंह यादव के जीवन काल में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया था. मुलायम सिंह को इस बात का एहसास हो गया था कि उन्होंने तुष्टिकरण की नीति की थी. कहा कि आज भी तुष्टिकरण करने वाले लोग हैं. सनातन धर्म को गाली दे रहे हैं.

डाॅ . अजय प्रकाश सिंह ने स्वामी चिन्मयानंद को सजा दिलाने में खास भूमिका निभाई थी. वह डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम और हनीप्रीत के वकील रहे. वे चंद्रास्वामी के करीबी रह चुके हैं. चंद्रास्वामी की भी पैरवी कर चुके हैं. अजय प्रकाश महिला आयोग की तरह पुरुष आयोग बनाने की वकालत करते हैं. वे देश के कई हाईप्रोफाइल केस लड़ चुके हैं. मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने पर 18 साल की अवस्था में जेल गए और सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या से जुड़े मामले की पैरवी भी कर चुके हैं.

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