जिला परिषद प्रमुख सहित अन्य वार्डों में भाजपा के लिए अपने ही चुनौती
जिला परिषद प्रमुख सहित अन्य वार्डों में भाजपा के लिए अपने ही चुनौती
आज सोमवार को नामांकन वापिस और चुनाव चिन्ह का आवंटन
लगभग सभी वार्डों में भाजपा के मुकाबले पुराने भाजपा कार्यकर्ता डटे
आज सोमवार को होगी तस्वीर साफ कि कौन-कौन किसके साथ
भाजपा के लिए चुनौती नामांकन किये पार्टी के कार्यकर्ताओं को मनाना
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम/पटौदी । जिला परिषद प्रमुख पद अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होने के कारण अंतिम समय में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जिला परिषद चुनाव के सभी 10 वार्ड में अपने-अपने उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही भाजपा संगठन सहित भाजपा नेताओं के लिए चुनौती भी बनी हुई है । सबसे बड़ी चुनौती यही है कि जो भाजपा के पुराने कार्यकर्ता अपना-अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं , उन सभी उम्मीदवारों को किस प्रकार से मनाया जाए या फिर ऐसा क्या फार्मूला अपनाया जाए, जिससे कि पुराने भाजपा कार्यकर्ता अपना नामांकन वापस ले ले ।
इस पूरे प्रकरण में भाजपा के लिए सबसे अधिक प्रतिष्ठा का सवाल जिला परिषद प्रमुख का वार्ड नंबर 9 बना हुआ है । अनुसूचित महिला वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड नंबर 9 से विजेता उम्मीदवार ही जिला परिषद का प्रमुख या चेयरमैन बनना तय है। वार्ड नंबर 9 से जिला परिषद चेयरमैन प्रमुख पद की दावेदारी को लेकर विभिन्न 11 महिला उम्मीदवारों के द्वारा अपने नामांकन दाखिल किए गए हैं । इसके अलावा संडे को पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता पटौदी विधानसभा क्षेत्र में ही विभिन्न 5 वार्ड में भाजपा के घोषित जिला परिषद चुनाव उम्मीदवारों के पक्ष में राजनीतिक माहौल बनाने के लिए पहुंचे कार्यालय में पहुंचे।
सबसे अधिक हैरानी यह देखी गई कि संडे को पांच भाजपा के जिला पार्षद उम्मीदवारों के कार्यालय में पहुंचने के अलावा जिला परिषद प्रमुख पद के लिए घोषित उम्मीदवार के समर्थन या वार्ड नंबर 9 में नहीं पहुंचने को लेकर महसूस की गई, हालांकि नामांकन करने के दिन एमएलए एडवोकेट जराता नामाकन कराने साथ्र ही पहुंचे थे और नामांकन में भी शामिल रहे । जिला गुरुग्राम में जिला परिषद के कुल घोषित 10 वार्ड में से वार्ड नंबर 1 से 3 तक सोहना विधानसभा क्षेत्र में शामिल हैं । वार्ड नंबर 4 में सोहना और बादशाहपुर के गांव शामिल हैं । इसके अलावा वार्ड नंबर 5 से लेकर 10 तक , यह सभी आधा दर्जन वार्ड पटौदी विधानसभा क्षेत्र में ही मौजूद हैं । इस पूरे मामले में हॉट सीट बना वार्ड नंबर 9 राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण और हॉट सीट बना हुआ है । यहां से पहली और बड़ी चुनौती भाजपा संगठन सहित एमएलए एडवोकेट जरावता के लिए पूर्व में विधानसभा चुनाव लड़ चुके भाजपा नेता स्वर्गीय तुलसीराम की पुत्रवधू अंजू कुमारी के द्वारा अपना नामांकन दाखिल किया जाना है ।
अंजू कुमारी के पति दीपक कुमार खंडेवला का साफ कहना है कि उनके पिता ने भाजपा के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए बड़े नेताओं के लिए दरी बिछाने का काम किया । लेकिन यह भाजपा संगठन का अधिकार क्षेत्र था, जो भी भाजपा नेतृत्व को या भाजपा नेताओं को उम्मीदवार बेहतर लगा उसे सिंबल देकर उम्मीदवार घोषित कर चुनाव में उतारा गया । दीपक तुलसी खंडेवला ने दृढ़ता पूर्वक कहा है कि उनकी पत्नी अंजू कुमारी हर हालत में जिला परिषद वार्ड नंबर 9 से जिला परिषद प्रमुख पद के लिए चुनाव से अब पीछे हटने वाली नहीं है। चुनाव की तैयारी सहित चुनाव प्रचार बीते कई महीनों से किया जा रहा है । तमाम समर्थक और ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है । संडे को भी आधा दर्जन गांवों का दौरा किया गया, जहां ग्रामीणों ने चुनाव में पूरा समर्थन करने का भरोसा दिलाया है । इसी कड़ी में सोमवार 31 अक्टूबर को पटौदी के एमएलए तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा हेलीमंडी के पार्थ पैलेस में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है । दूसरी ओर सोमवार को जहां नामांकन वापस लेने तथा चुनाव चिन्ह आवंटन का कार्य होना है । इसके बाद ही तस्वीर पूरी तरह से साफ हो सकेगी की विभिन्न 10 वार्डों में जहां-जहां भी भाजपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, उनके सामने या फिर मुकाबले में कौन और कितने पुराने भाजपा कार्यकर्ता टक्कर देने के लिए चुनावी जंग में मौजूद रहेंगे ।
लेकिन इतना आवश्यकता तय है कि आम आदमी पार्टी , कांग्रेस पार्टी, जननायक जनता पार्टी या इन पार्टियों के समर्थक उम्मीदवारों से अधिक चुनौती भारतीय जनता पार्टी को अपने ही पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के चुनावी मैदान में उतरने को लेकर बनी हुई है । इसके अलावा अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता और पार्टी आदमपुर उपचुनाव का मतदान समाप्त होने के बाद इस बात पर मंथन करेंगे की विभिन्न 10 वार्डों में चुनाव लड़ रहे और जबरदस्त मुकाबले सहित टक्कर देने वाले किस किस उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया जाए । यह सब तस्वीर आने वाले 2 या 3 दिनों में पूरी तरह से साफ हो जाएगी । लेकिन इतना अवश्य है कि भारतीय जनता पार्टी जो कि मौजूदा जिला परिषद के चुनाव को चुनाव चिन्ह पर लड़वाकर चुनावी माहौल को पूरी तरह से एकतरफा और अपने पक्ष में मानकर चल रही है , ऐसा चुनावी जंग के मैदान में दिखाई नहीं दे रहा है । कुल मिलाकर 31 अक्टूबर सोमवार को नामांकन वापस लेने सहित चुनाव चिन्ह आवंटन होने के बाद किस वार्ड से कितने और कौन-कौन उम्मीदवार गंभीरता से जिला परिषद प्रमुख से लेकर जिला पार्षद का चुनाव लड़ेंगे, अब इसी बात पर सभी की नजरें टिकी हुई है।
Comments are closed.