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लड़कियों की शिक्षा और उनके सपनों-आकांक्षाओं को प्रेरणा दे

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लड़कियों की शिक्षा और उनके सपनों-आकांक्षाओं को प्रेरणा दे

गांव में सरला और मुनिया के सपनों की दुनिया नाटक की प्रस्तुती

माता पिता यह समझ पाएंगे शिक्षा लड़के-लड़कियों दोनों के जरूरी

काबिलियत के साथ अपनों का साथ और विश्वाश भी हौसला बढ़ाता

फतह सिंह उजाला
पटौदी।  
  ब्रेकथू्र के बड़ी-सी आशा अभियान के तहत पटौदी मंडी परिषद के हैलीमंडी पालिका के रैन बसेरा चौपाल में ( कमलेश की अंगवाड़ी में)  नाटक आयोजित किया गया।  नाटक में ग्रामवासियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया । यह अभियान शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से चलाया जा रहा है।  ब्रेकथू्र के अपने काम के दौरान गाँवों में यह देखा है ज़्यादातर लड़कियां अपने सपने नहीं बता पाती।  इस अभियान का एक उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा और उनके सपनों और आकांक्षाओं  के बारे में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता पैदा करना और माता-पिता को इस चर्चा में शामिल करना है। हमारी आने वाले पीढ़ी अपने सपनों को लेकर सचेत हो जाए  और उसमें हम सबकी भूमिका है जो हमें मिलकर निभानी होगी ताकि सभी किशोर- किशोरियां अपने सपनो तक पहुँच पाए।

ब्रेकथू्र का बड़ी-सी आशा अभियान सपने देखने के लिए किशोरियों और युवाओं को  प्रेरित करने का काम कर रहा है और साथ ही सपनों की डगर में आने वाली परेशानियों को हल करने के लिए माँ बाप और समुदाय के साथ देने की बात करता है व हायर एजुकेशन और फिर नौकरी में जाने के लिए काबिलियत के साथ साथ  अपनों का साथ और विश्वाश भी बहुत हौसला देता हैं” गांव में सरला और मुनिया के सपनों की दुनिया नाटक  की प्रस्तुती के दौरान किशोरियों ने बढ़ चढ़ कर चर्चा में हिस्सा लिया और अपने सपनो और उनमें आने वाली बाधाओं के बारे में बात की।

-“गांव से एक व्यक्ति ने नाटक देखने के बाद कहा मुझे नाटक बहुत अच्छा लगा। क्योंकि नाटक के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा को लेकर संदेश दिया गया है। यह देखने में आ रहा हैं कि गांव में लोग लड़कियों की पढ़ाई की ओर कम ध्यान दे रहे हैं, लड़कियां 12 वी तक तो गांव के स्कूल में पढ़ पा रही हैं पर स्कूल पास करने के बाद लड़कियों को कॉलेज की पढ़ाई करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। परिवार वाले लड़कियों को कॉलेज में पढ़ने जाने देने से कतराते हैं। ब्रेकथ्रू संस्था का नाटक देखने के बाद शायद लड़कियों के माता पिता यह समझ पाएंगे कि शिक्षा लड़के-लड़कियों दोनों के  लिए बेहद जरूरी है 

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