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आतंकवाद के खिलाफ भारत का जीरो टॉलरेंस, MHA ने दो आतंकवादी संगठनों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई

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आतंकवाद के खिलाफ भारत का जीरो टॉलरेंस, MHA ने दो आतंकवादी संगठनों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई

केंद्र सरकार की आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरविंदर सिंह संधू को आतंकवादी घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने ‘जम्मू एंड कश्मीर गजनवी फोर्स (JKGF)’ और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।गृह मंत्रालय ने कहा कि यह सभी पंजाब में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे। केंद्र सरकार अब तक गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत 44 संगठनों को आतंकवादी संगठन और 53 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है। उल्लेखनीय है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान शामिल करने के लिए अगस्त, 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में संशोधन किया था। इस संशोधन से पहले केवल संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था।

लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों में थे लिप्त

खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ)- यह एक उग्रवादी संगठन है और इसका उद्देश्य पंजाब में दोबारा आतंकवाद फैलाना है और ये भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है और पंजाब में टारगेटेड हत्याओं सहित विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। वहीं जम्मू और कश्मीर ग़ज़नवी फोर्स (जेकेजीएफ) जिसे केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में लिप्त पाया गया है। यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी आदि जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है। वहीं दूसरी तरफ हरविंदर सिंह संधू आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ा हुआ था और वर्तमान में सीमापार एजेंसियों के संरक्षण में पाकिस्तान के लाहौर में था और उसे विशेष रूप से पंजाब में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया ।

2014 के बाद आतंकवादी घटनाओं में लगी लगाम

पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है। आतंकवादी घटनाओं की संख्या 2018 में 417 थी जो 2021 में घटकर 229 हो गई, जबकि शहीद होने वाले सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या 2018 में 91 से घटकर 2021 में 42 हो गई। आतंकी घटनाओं में करीब 54 फीसदी, सुरक्षा बलों की मौत में 84 फीसदी और आतंकियों की भर्ती में करीब 22 फीसदी की कमी आई है। इसके अलावा देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्‍ल्‍यूई) से संबंधित हिंसा में 77 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो 2009 में 2258 घटनाओं के अब तक के उच्चतम स्तर से 2021 में 509 हो गई है।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति

आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र सरकार अब तक कें 53 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है। गौरतलब है कि पिछले महीने, केंद्र सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो प्रॉक्सी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था और चार व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट(टीआरएफ) को 55 जनवरी को प्रतिबंधित समूह घोषित किया था।

आतंकवाद के खिलाफ भारत हर मोर्चे पर कर रहा काम

केंद्र सरकार का प्रयास रहा है कि सभी राज्यों की पुलिस और एजेंसियों के साथ आतंकवाद संबंधी सभी सूचनाओं को साझा करने में समन्वय स्थापित किया जाए,आतंकवाद विरोधी कानूनों को मजबूत और पुख्ता बनाया जाए,आतंकवादी विरोधी इंस्टिट्यूशन को ताकत दी जाए और आतंकवादी मामलों में हम शत-प्रतिशत दोष सिद्धि का लक्ष्य लेकर चल जाए। इन चार स्तंभों पर आतंकवाद विरोधी अभियान को केंद्र सरकार आगे बढ़ा रही है। इसके अलावा टेरर फंडिंग को लेकर भी केंद्र सरकार ने आतंकवादियों को पैसा मुहैया कराने वाले रास्तों पर नकेल कसी है , अभी तक टेरर फंडिंग में 105 मामले रजिस्टर हुए, 876 आरोपियों के खिलाफ 94 चार्जशीट दाखिल की गई और 796 आरोपियों को अरेस्ट किया गया।

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