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भारतीय रेलवे जल्द शुरू करेगा डोर टू डोर डिलिवरी सर्विस

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भारतीय रेलवे यात्रियों के सफर को सुगम और आरामदायक बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। जिसमें रेलवे की और से सर्विस को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिशें की जाती रही है। भारतीय रेलवे हर बेहतर प्रयास करता यात्रियों के सफर को सुगम अहसास दिलाने का।


भारतीय रेलवे भी अब अपनी कमाई बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहा है.। लगातार बदलते समय में केवल पैसेंजर किराया और सामान्य माल ढुलाई से काम चलता नहीं दिख रहा.। जल्द ही भारतीय रेलवे अब एक और नई सर्विस शुरू करने जा रहा है। जिसकी तैयारी को लेकर विचार किया जा रहा है। रेलवे की इस सर्विस के बाद आपके घर तक बनारस की साड़ी से लेकर बिहार के माखाने तक की होम डिलीवरी रेलवे आपके घर तक करेगा। रेलवे लॉजिस्टिक्स बिजनेस में अपनी पकड़ को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में बढ़ रही है।

इसलिए नए विकल्प के तौर पर रेलवे अब डोर टू डोर डिलिवरी सर्विस शुरू करने जा रहा है। इस नए काम में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और पोस्ट विभाग भी शामिल होंगे. रेलवे इसके नए मॉडल पर काम कर रहा है.। पोस्ट विभाग और डेडिडेटेड फ्रेट के जरिये रेलवे में सामान ढुलाई की नई शुरुआत की जाएगी.। रेलवे अब आपके सामान की डिलिवरी करेगा.।
भारतीय रेलवे अब इसके लिए एक मोबाइल ऐप लांच किया जाएगा। इस ऐप की मदद से आप डिलिवरी का ऑर्डर देंगे और रेलवे आपके घर तक सामान पहुंचाएगा.।


अगर आम भाषा मे बात करे तो जैसे आज के दौर सबकुछ ऑनलाइन हो गया है। वैसे भी अब भारतीय रेलवे भी इसमे पीछे नही रहेगा। जैसे आज के दौर में ऑनलाइन डिलिवरी कंपनियां आपके ऑर्डर की घर पर डिलिवरी करती हैं, वैसे ही अब रेलवे भी करेगा. आपको रेलवे के मोबाइल ऐप पर ऑर्डर देना होगा. उसका शुल्क चुकाना होगा और सामान आपके घर तक पहुंच जाएगा. आपको बस ऑर्डर करना और चार्ज पेमेंट करना होगा। यह सर्विस अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जाएगी.। उसकी सफलता देखने के बाद सब जगह इस सर्विस को बढ़ाया जाएगा. इस कदम से रेलवे डोर टू डोर सर्विस के क्षेत्र में प्रवेश करने जा रही है.
मोबाइल ऐप से मिलेगी सर्विस
जानकारी मिलने तक भारतीय रेल ने इस सर्विस का ट्रायल रन शुरू कर दिया है।. फिलहाल दिल्ली एनसीआर, गुजरात के साणंद और मुंबई में ट्रायल रन शुरू किया गया है। रेलवे इस सर्विस के लिए बहुत जल्द मोबाइल ऐप लाने वाला है. इस मोबाइल ऐप के जरिये आप ऑर्डर दे सकेंगे और लगेज बुक कर सकेंगे. ऑर्डर बुक कर अपना सामान घर तक मंगा सकेंगे. या घर से सामान को कहीं और भेज सकेंगे. रेलवे की इस सर्विस से माल ढुलाई की कमाई बढ़ने की संभावना है. रेलवे का पूरा ध्यान फ्रेट से होने वाली कमाई को बढ़ाने पर है. इसके लिए हालिया बजट में भी नया प्रावधान किया गया है.


मोबाइल ऐप पर ऑर्डर बुक करने के बाद रेलवे आपके घर सामान पहुंचाएगा और उसका शुल्क लेगा. इस काम में रेलवे पोस्टल सर्विस की मदद लेगा. डाक विभाग के जरिये ही रेलवे आपके घर तक सामान पहुंचाएगा और सामान ढोने का काम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के माध्यम से होगा. इससे फ्रेट कॉरिडोर की आमदनी बढ़ेगी. इस सर्विस की बदौलत दो शहरों या स्थानों के बीच सामान मंगाया या भेजा जा सकेगा. रेलवे माल ढुलाई की कमाई को बढ़ाने के लिए इस नए प्रयोग को अंजाम दे रहा है.। अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. प्रोजेक्ट सफल होता है तो रेलवे अपने विशाल नेटवर्क पर इस सर्विस को विस्तार देगा.। इससे आने वाले समय में माल ढुलाई का काम आसान होने जा रहा है.। अभी तक ऐसा काम प्राइवेट कंपनियां करती थीं और कमाई करती थीं. अब यही काम रेलवे करेगा. इसमें कमाई की बेहतर संभावना हैं।

आपके घर सामान पहुंचाएगा रेलवे
मोबाइल ऐप पर ऑर्डर बुक करने के बाद रेलवे आपके घर सामान पहुंचाएगा और उसका शुल्क लेगा. इस काम में रेलवे पोस्टल सर्विस की मदद लेगा. डाक विभाग के जरिये ही रेलवे आपके घर तक सामान पहुंचाएगा और सामान ढोने का काम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के माध्यम से होगा. इससे फ्रेट कॉरिडोर की आमदनी बढ़ेगी. इस सर्विस की बदौलत दो शहरों या स्थानों के बीच सामान मंगाया या भेजा जा सकेगा. रेलवे माल ढुलाई की कमाई को बढ़ाने के लिए इस नए प्रयोग को अंजाम दे रहा है. अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. प्रोजेक्ट सफल होता है तो रेलवे अपने विशाल नेटवर्क पर इस सर्विस को विस्तार देगा. इससे आने वाले समय में माल ढुलाई का काम आसान होने जा रहा है. अभी तक ऐसा काम प्राइवेट कंपनियां करती थीं और कमाई करती थीं. अब यही काम रेलवे करेगा. इसमें कमाई की बेहतर संभावनाएं है ं.आपको बिहार के चावल पंसद हैं या बनारस की साड़ी आपकी फेवरेट है, तो अब आपको यह सब खरीदने के लिए ट्रेन में बैठकर उस स्थान पर जाने की जरूरत नहीं है, भारतीय रेल स्वयं ही अब आपको आपके सामान की डिलीवरी करने वाला है। जी हां, रेलवे इंडिविजुअल्स या बल्क कस्टमर्स के लिए डोर-टू-डोर डिलीवरी का ट्रायल कर रहा है। कुरियर कंपनियों या ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह ही रेलवे की योजना एक एप लाने की है, जिस पर ग्राहक क्यूआर कोड के साथ एक रिसीप्ट्स प्राप्त करेंगे। यह उन्हें अपने सामान को ट्रैक करने में भी मदद करेगा।इस एप या वेबसाइट से ग्राहक डिलीवरी का अनुमानित शुल्क और डिलीवरी में लगने वाला समय भी जान सकते हैं। हालांकि, रेलवे एक ट्रांसपोर्टर होगा। यह डिलीवरी को सुधारने के लिए भारतीय डाक (प्दकपं च्वेज) और दूसरे प्लेयर्स को भी इस काम में जोड़ सकता है। इस तरह रेलवे तेजी से बढ़ रहे लॉजिस्टिक्स कारोबार में कदम रखना चाहता है।
सबसे पहले कहां मिलेगी यह सेवा


रेलवे ने अपने कुछ जोन्स को इसका मॉड्यूल विकसित करने का जिम्मा सौंपा है और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन में भी इन्हें शामिल किया है। रेलवे इस तरह की अपनी पहली सेवा जून-जुलाई के बीच दिल्ली एनसीआर में गुजरात के साणंद में शुरू कर सकता है। डीएफसीसी ने इस सेवा का इन-हाउस ट्रायल भी लॉन्च कर दिया है। साथ ही एक और ट्रायल मुंबई में करने की योजना है। डीएफसीसी के एक अधिकारी ने बताया, हम व्हाइट गुड्स, छोटे आइटम्स के साथ-साथ एग्रीगेटर्स को टार्गेट कर रहे हैं। ग्राहकों को यह विकल्प मिलेगा कि वे या तो किसी निश्चित स्थान से अपना पैकेट ले सकते हैं या अपने घर अथवा ऑफिस में अपना पैकेट मंगा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे अपेक्षाकृत कम कीमत में सेवाएं उपलब्ध कराना चाहते हैं। यह कीमत रोड ट्रांसपोर्ट में लगने वाली कीमत से कम हो सकती है।
डीएफसीसी के अधिकारी ने आगे कहा, ग्राहकों के पास यह विकल्प भी होगा कि वे हमसे अपने पसंद की पैकेजिंग करवा सकते हैं। यह सेवा ट्रांजिट एश्योरेंस स्कीम पर बेस्ड होगी। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि वे साल 2022-23 में माल लदान कार्गो को पार करने को लेकर आश्वस्त हैं, जिसका 1475 मिलियन टन रहने का अनुमान है। भारतीय रेलवे (प्दकपंद त्ंपसूंले) जनता को कई सेवाएं मुहैया कराती है। अब जल्द ही रेलवे एक और सुविधा की शुरुआत करने जा रही है। नौकरी के लिए, पढ़ाई के लिए और किसी अन्य कारण की वजह से देश के कई लोग अपने शहरों से दूर रहते हैं। ऐसे में उनके लिए अपने शहर की मशहूर चीज पाना मुश्किल हो जाता है। अब भारतीय रेलवे जल्द इसका समाधान निकालने जा रही है।अब आप आसानी से रेलवे के लिए धन्यवाद, आपको जल्द ही कोलकाता से अपनी पसंदीदा मिठाई का डिब्बा, वाराणसी की साड़ी, यहां तक कि बिहार से चावल प्राप्त कर सकते हैं। गैर-पारंपरिक माल ढुलाई को टैप करने की कोशिश करते हुए, रेलवे डोर-टू-डोर डिलीवरी का परीक्षण चला रहा है।

कोरियर कंपनियों या ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन कंपनी अपने ग्राहकों को क्यूआर कोड और रसीद देने के साथ-साथ एक ऐप के माध्यम से योजना को साकार करना चाह रही है। इससे वे अपने ऑर्डर को ट्रैक कर सकेंगे। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी के हवाले से कहा कि ऐप यूजर्स को अनुमानित शुल्क और डिलीवरी का समय भी दिखाएगी। अपनी डोर-टू-डोर डिलीवरी योजना के लिए, रेलवे विस्तारित लॉजिस्टिक्स व्यवसाय पर अपनी पकड़ बनाने के लिए इंडिया पोस्ट और अन्य खिलाड़ियों को शामिल करना चाहता है।

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