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पं महोर सिंह गौड़ पर रचित ग्रंथ ‘काव्य संगीत मणि’ का लोकार्पण

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पं महोर सिंह गौड़ पर रचित ग्रंथ ‘काव्य संगीत मणि’ का लोकार्पण

पंडित महोर सिंह आजादी से पूर्व हरियाणा के विद्वान व्यक्ति रहे

805 पृष्ठों के ग्रंथ का लेखन संस्कृत के सत्यवान शर्मा ने किया

काव्य-लोक संगीत पर आधारित ग्रंथ काव्य संगीतमणि में किया

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम  ।   
 पं महोर सिंह साहित्य संगीत मंच व हरियाणा ग्रंथ अकादमी द्वारा गुरुग्राम के स्वतंत्रता सेनानी ज़िला परिषद हॉल में शहर के गणमान्य  बुद्धिजीवीयों के बीच पं महोर सिंह के काव्य एवं लोक संगीत पर आधारित ग्रंथ काव्यसंगीतमणि का लोकार्पण किया गया। गौरतलब है कि पंडित महोर सिंह आजादी से पूर्व हरियाणा के बड़े विद्वान व्यक्ति थे। वे उस समय बनारस से विद्या अध्ययन करके आये थे। हरियाणा के वेदव्यास कहे जाने वाले पं लख्मी चंद जी उनसे 32 साल छोटे थे और शास्त्र,व्याकरण एवं इतिहास संबंधी जानकारी लेते थे।  

ग्रंथ को शिक्षण संस्था व लाइब्रेरी में पहुंचाए
805 पृष्ठों के इस ग्रंथ का लेखन उनके वंशज व संस्कृत के  वैयाकरण सत्यवान शर्मा ने किया। यह ग्रंथ हरियाणा के साहित्य और लोक संगीत का प्रथम शास्त्रीय ग्रंथ है।इसमें लोक संगीत व साहित्य की बहुत सी शंकाओं का शास्त्रार्थ के माध्यम से समाधान किया गया है। लेख़क सत्यवान शर्मा ने बताया कि उन्हें यह ग्रंथ लिखने की प्रेरणा दादा पं महावीर प्रसाद गौड़ से मिली जो पंडित महोर सिंह गौड़ के पौत्र हैं।हरियाणा सरकार की तरफ से सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपना संदेश लिखकर इस ग्रंथ के महत्त्व को और अधिक बढा दिया है। हरियाणा सरकार और ग्रंथ अकादमी से भी निवेदन किया गया है कि इस ग्रंथ को हरियाणा के सभी स्कूलों, कालेजों की लाइब्रेरी में पहुंचाया जाए ताकि विद्यार्थियों व अध्यापकों को लाभ हो। हरियाणा सरकार साहित्य के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति व इतिहास को प्रसारित करने का सराहनीय कार्य कर रही है।रंथ का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विजय जी, प्रख्यात अभिनेता यशपाल शर्मा, हरियाणा ग्रंथ अकादमी  के  उपाध्यक्ष एवं निदेशक श्री वीरेंद्र चौहान व प्रख्यात शिक्षाविद वाइस चांसलर डॉक्टर अशोक दिवाकर ने किया।हरियाणा का साहित्य देश-दुनिया को दिशा देने वाला

यशपाल शर्मा ने मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए कहा कि हरियाणा का साहित्य देश और दुनिया को दिशा देने में सक्षम है। हमें उसको पढ़ना चाहिए। उसका प्रचार प्रसार करना चाहिए। प्रांत  प्रचारक विजय जी ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि साहित्यकार जो लिखता है, उसको कलाकार रंगमंच और फिल्मों के माध्यम से प्रदर्शित करता है। इससे पूरे देश के लोगों को दिशा मिलती है।उ ग्रंथ की प्रस्तावना लेखक सत्यवान शर्मा ने रखी।  मंच संचालन डॉ लोकेश शर्मा ने किया।  धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्म के आयोजक व हरियाणा कला परिषद के पूर्व निदेशक श्री अजय सिंहल ने किया। पंडित महोर सिंह गौड़  द्वारा लिखित भजन  का गायन प्रख्यात गायक दिलावर कौशिक व उसकी टीम ने किया। कार्यक्रम की संपूर्ण व्यवस्था मीनाक्षी सक्सेना व नरेंद्र गौड़ ने संभाली। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत संघचालक श्री प्रताप जी, महानगर संघचालक जगदीश ग्रोवर , प्रख्यात कवयित्री वीणा अग्रवाल, प्रख्यात चित्रकार सुधीर त्रिपुरारी व रागिनी सिन्हा, डॉक्टर इंदु जैन, डॉ इंदू राव, डॉक्टर नलिनी भार्गव, डॉ सुरेश वशिष्ट, प्रसिद्ध रंगकर्मी मोहन कांत, अर्जुन वशिष्ठ, सेवा भारती के जिला अध्यक्ष संतोष शर्मा उपस्थित रहे। लोक कवि दलबीर फूल लिसाण,लेखक संदीप शर्मा जाटु लुहारी,फिल्म निदेशक रामपाल बल्हारा,फिल्म अभिनेता राज चौहान कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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