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जोधपुर में महिला के पेट से निकली रग्बी-बॉल जितनी-बड़ी गांठ:पूरे पेट में फैली थी

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जोधपुर में महिला के पेट से निकली रग्बी-बॉल जितनी-बड़ी गांठ:पूरे पेट में फैली थी, कब्ज और पीलिया से परेशान थी; MDM में 3 घंटे चला ऑपरेशन..!!

जोधपुर

पेट में भारीपन, कब्ज और पीलिया से परेशान 42 साल की महिला ने जांच करवाई तो पता चला पेट में रग्बी बॉल से भी बड़ी गांठ (35×22×16 सेंटीमीटर) है। इस गांठ के कारण महिला का पूरा पेट भरा हुआ था यह लीवर के ऊपरी हिस्से और जिफीस्टर्नम से शुरू होकर नीचे पेल्विस तक फैल गई थीं। इस वजह से आंतों में रुकावट भी हो रही थी।

जांच में पता चला कि महिला के पेट में हेपेटोबिलियरी लिम्फांजियोमा नाम का नॉन कैंसर ट्यूमर हो गया था। इसके बाद 3 घंटे चले ऑपरेशन से इसे ठीक किया गया और महिला अब स्वस्थ है। 21 फरवरी को हुए ऑपरेशन के बाद महिला को 17 दिन ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। इस दुर्लभ बीमारी का इलाज जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल (MDM) के डॉक्टर्स की टीम ने किया है।

पाचन तंत्र पर प्रभाव डाल रही थी गांठ

एमडीएमएच अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया- 42 वर्षीय महिला सर्जिकल आउटडोर में पेट में भारीपन, दर्द, कब्ज और पीलिया जैसी समस्या लेकर आई थी। यहां यूनिट प्रभारी और आचार्य डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने महिला को 12 फरवरी को भर्ती करके उसकी जांचें करवाई, तो अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन में हेपटोबिलियरी सिस्टम से जुड़े हुए एक असामान्य बड़े सिस्ट (गांठ) की पहचान हुई। इस स्थिति में महिला को तत्काल सर्जरी की जरूरत थी। क्योंकि सिस्ट का आकार काफी बड़ा था, जो पाचन तंत्र और आसपास के अंगों पर दबाव डाल रहा था। इस सिस्ट से महिला का पूरा पेट भर गया था, जो लिवर के ऊपरी हिस्से और जिफीस्टर्नम से शुरू होकर नीचे पेल्विस (श्रोणि) तक फैल गई थीं। इस वजह से आंतों में रुकावट भी हो रही थी।

3 घंटे में किया ऑपरेशन

डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया- मरीज के पित्ताशय, लिवर, कॉमन बाइल डक्ट, डुओडिनम एवं आमाशय के बीच चिपकी इस सिस्ट (गांठ) को निकालने की जटिल सर्जरी को एमडीएमएच के वरिष्ठ सर्जनों की टीम ने 21 फरवरी को करीब 3 घंटे में अंजाम दिया। इस सर्जरी के दौरान ही स्पष्ट हुआ कि यह लिंफेंजियोमा सिस्ट हेपटोबिलियरी सिस्टम से उत्पन्न हुई थी। इसने आसपास के अंगों को प्रभावित किया था। सर्जरी के बाद मरीज की हालत स्थिर है। मरीज के पेट से 35x22x16 सेमी आकार की यकृत-पित्त प्रणाली की लसिका नलिकाओं में गांठ (एक्स्ट्रा हेपेटिक हेपटोबिलियरी लिंफेंजियोमा सिस्ट) निकाली है।

क्या है हेपटोबिलियरी सिस्टम लिंफेंजियोमा सिस्ट?

यूनिट हैड व आचार्य डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया की हेपेटोबिलियरी लिम्फांजियोमा एक दुर्लभ सौम्य (नॉन-कैंसरस) ट्यूमर है, जो लसीका वाहिकाओं (लिम्फेटिक वेसल्स) से उत्पन्न होता है और यकृत (लिवर) तथा पित्त प्रणाली (बिलियरी सिस्टम) को प्रभावित करता है। महिला के पेट से निकले सिस्ट की साइज 35×22×16 सेंटीमीटर थी, जो बेहद असामान्य है और यदि यह यकृत के बाहर (एक्सट्राहेपेटिक) बढ़कर श्रोणि (पेल्विस) तक पहुंच जाए, तो यह और भी दुर्लभ होता है।

बता दें कि रग्बी खेल के लिए उपयोग में ली जाने वाली बॉल का आकार 30×20 सेमी होता है। जबकि महिला के पेट में मिले सिस्ट का साइज 35×22×16 सेंटीमीटर है। डॉक्टरों के अनुसार, यह फुटबॉल और आकार के अनुपात में देखें तो रग्बी की बॉल से भी बड़ी है।

डॉक्टर्स व नर्सिंगकर्मियों की टीम

ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. दिनेश दत्त शर्मा के साथ डॉ. महेंद्र चौधरी, डॉ. हेमंत कुमार, डॉ. अक्षय के साथ बेहोशी की टीम में डॉ. चंदा खत्री, डॉ. गायत्री तंवर, डॉ. आभास छाबड़ा, डॉ. अजीज के साथ नर्सिंग टीम में रेखा पंवार, हरीश धायल एवं आरती का सहयोग रहा। एमडीएमएच अधीक्षक डॉ. राजपुरोहित ने बताया कि मरीज का यह ऑपरेशन मां योजना में नि:शुल्क हुआ है। इसके लिए डॉ. एसएन मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डॉ. बीएस जोधा व डॉ. राजपुरोहित ने टीम को बधाई दी।

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