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पटौदी बार पेमेंट करें तो आगामी 4 माह में चेंबर तैयार-बिल्डर

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पटौदी बार पेमेंट करें तो आगामी 4 माह में चेंबर तैयार-बिल्डर

बिल्डर एसएसबी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाया जा रहा पटौदी बार चेंबर

बिल्डर हरि ओम का दावा जांच रिपोर्ट एडवोकेट को पहले ही सौंप दी

जितना जल्दी पेमेंट मिलेगी इतना ही जल्दी काम पूरा किया जाएगा

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
पटौदी बार एसोसिएशन के तत्वाधान में बनवाए जा रहे एडवोकेट चैंबर का निर्माण करने वाली कंपनी एसएसबी कंस्ट्रक्शन के बिल्डर के द्वारा मौके पर पहुंचकर चैंकाने वाले खुलासे किए गए।  बिल्डर हरिओम यादव का दो टूक कहना है कि पटौदी बार भुगतान नियमित रूप से करें, तो आगामी 4 माह के अंदर चेंबर का पूरी तरह से निर्माण करके इस बिल्डिंग को बार के ओवरहंड कर दिया जाएगा। बिल्डर यादव के मुताबिक वह 14 साल से कंस्ट्रक्शन अथवा भवन निर्माण आदि के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, लेकिन पटोदी बार एसोसिएशन के द्वारा बनवाया जा रहा चेंबर पहला ऐसा निर्माण कार्य है जोकि तय समय सीमा में पूरा नहीं करवाया जा रहा । उन्होंने कहा कि वह टाइम बाउंड कांटेक्ट करके ही बिल्डिंग अथवा भवन का निर्माण करते हैं ।

चेंबर निर्माण के दौरान पटौदी बार के ही कुछ एडवोकेट्स के द्वारा निकाली और गिरवाई जा रही खामियों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, भुगतान में विलंब होने की वजह से काम रुका हुआ है । इसके साथ ही उन्होंने कहा अभी तो यहां पर सिर्फ सीमेंट लोहे और कंक्रीट को मिलाकर एक प्रकार से चेंबर का ढांचा तैयार हुआ है । मानसून के दौरान जब भी तेज हवा के साथ बरसात आएगी, जहां-जहां भी ओपन अथवा खाली स्थान है वहां बरसात का पानी भरना स्वाभाविक है । उन्होंने कहा सोशल मीडिया के माध्यम से निर्माण के दौरान जिस प्रकार की खामियां दिखाई गई, वह हकीकत से अलग हैं । 4 मंजिला इस साइट पर फायर सेफ्टी सिस्टम के लिए पिलर के साथ में स्थान छोड़े गए हैं , बिजली की सप्लाई करने के लिए लेंटर के बीच में पाइप का जाल बिछाया गया है । जब काम रुका हुआ है और बरसात हो रही है तो ऐसे में कहीं से भी पानी किसी भी फ्लोर पर हवा के झोंके के साथ में आकर भरना स्वाभाविक बात है। हां लेकिन इतना तय है कि जो भी लेंटर डाले गए हैं उनमें किसी भी प्रकार की लीकेज नहीं हो रही है।

बिल्डर हरिओम यादव के मुताबिक हाल ही में रेवाड़ी में उनके द्वारा 6 मंजिला एडवोकेट चैंबर का निर्माण किया गया । जिसकी ज्यूडिशरी कमेटी के अधिकारियों के द्वारा मौका पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया जा चुका है। इसी बीच बिल्डर हरिओम यादव ने यह भी जानकारी दी कि पटौदी बार के ही कुछ सदस्यों के द्वारा निर्माण के दौरान मेटेरियल सहित क्वालिटी को लेकर सवाल उठाये गए थे।  उन्होंने बताया इसके बाद पटौदी बार में ही आकर एडवोकेट राहुल, विजय, पूनम और सरनेम राघव व अन्य को जो भी जांच रिपोर्ट के दस्तावेज मांगे गए थे , वह काफी समय पहले ही सौंप दिए गए हैं । यहां पर जो भी निर्माण के लिए तैयार रामेटीरियल आता था , उसी समय मौके पर ही सैंपल भी भरवा कर उनकी जांच करवाई जा चुकी है । बिल्डर हरिओम यादव ने यहां तक कहा कि जितना अधिक विलंब पटौदी बार एसोसिएशन की तरफ से चेंबर निर्माण के भुगतान में किया जा रहा है , इसकी लागत उतनी ही अधिक बढ़ती चली जा रही है । जिसका नुकसान स्वाभाविक रूप से पटौदी बार के साथ ही कंस्ट्रक्शन कंपनी को भी उठाना पड़ेगा। क्योंकि दिन प्रतिदिन महंगाई के साथ तमाम प्रकार के रामेटेरियल का भी दाम बढ़ता जा रहा है।

एसएसबी कंस्ट्रक्शन कंपनी के बिल्डर हरिओम यादव ने पुनः दोहराया कि पटौदी बार के किसी भी सदस्य को चेंबर निर्माण में कहीं भी कोई भी कमी यहां लगाए जा रहे मेटेरियल को लेकर दिखाई देती है तो चेंबर का पूरी तरह से निर्माण होने के बाद भी देश की किसी भी एजेंसी अथवा लेबोरेटरी से जांच कराने के लिए स्वतंत्र हैं । उन्होंने कहा कि कोई भी भवन बनाया जाए , सबसे पहली प्राथमिकता वहां बैठने वाले के अलावा अन्य सभी आने जाने वाले लोगों की जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता प्रदान करना होता है। पटौदी के इस निर्माणाधीन एडवोकेट चैंबर का निर्माण केवल और केवल पटौदी बार के द्वारा भुगतान नहीं किया जाने की वजह से ही पूरा नहीं हो पा रहा है । वहीं इसी मौके पर एडवोकेट अजीत सिंह ने भी बेबाक शब्दों में कहा कि पटौदी बार के किसी भी सदस्य को चेंबर निर्माण में इस्तेमाल की जा रही सामग्री की जांच करवाने की पूरी छूट है, कभी भी कोई भी सदस्य यहां लगे मेटेरियल की जांच करवा सकता है। यदि निर्माण कार्य में इस्तेमाल की गई सामग्री के सैंपल लैबोरेट्री टेस्ट में फेल मिलते हैं तो सबसे पहले वह स्वयं कंस्ट्रक्शन कंपनी और बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे । लेकिन उन्होंने साथ में यह भी कहा कि पटौदी बार के सभी सदस्यों को चेंबर निर्माण के लिए अपने अपने हिस्से के पैसे का भी भुगतान करना चाहिए । जब भुगतान ही नहीं किया जाएगा तो निर्माण कार्य में विलंब होना भी स्वाभाविक बात है।

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