सरसों पर ओले की मार ऊपर से लेबर की समस्या
सरसों पर ओले की मार ऊपर से लेबर की समस्या
तेज हवा से सरसों तथा गेहूं की फसल जमीन पर लेटी
ताबड़तोड़ आसमान से गिरे ओले के कारण 70 से 80 प्रतिशत नुकसान
स्पेशल गिरदावरी के साथ नुकसान की भरपाई की मांग
फतह सिंह उजाला
पटौदी । किसानों के द्वारा कड़ी मेहनत के साथ खेतों में उपजाई जा रही फसल तैयार होने के साथ-साथ नियमित अंतराल पर बरसात और ओले की वजह से नुकसान होने का सिलसिला बना हुआ है । एक दिन पहले बरसात से अधिक ओले बरसे और अगले दिन तेज हवा के साथ बरसात ने सरसों सहित गेहूं की तैयार फसल को खेतों में ही चित कर डाला। राव कौशल सिंह, विष्णु यादव, हरिराम, सुबे सिंह, चरण सिंह, रामफल, आनंद, चंदन सहित अनेक किसानों का कहना है कि ओले की वजह से तैयार सरसों की फसल में 80 फ़ीसदी तक नुकसान हो चुका है।
इसी कड़ी में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी एससी सेल की प्रदेश महासचिव पर्ल चौधरी ने ओले और बरसात जैसी प्राकृतिक आपदा से हुए फसली नुकसान कि जल्द से जल्द भरपाई की सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा दिन रात मेहनत करने वाला किसान अपनी फसल को तैयार देखकर इसके बेचने की योजना बना रहा था। लेकिन उससे पहले ही बरसात सहित ओले की मार से कृषक वर्ग को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। सरकार बिना देर किए विशेष गिरदावरी करवरकर किसानों को मुख्य धारा में लाने के लिए अधिक से अधिक मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करें।
इसी कड़ी में प्रभावित और पीड़ित किसानों का कहना है कि होली का त्यौहार होने की वजह से खेतीहर मजदूर अपने-अपने गांव गए हुए हैं। इसके अलावा दाने से भरी हुई सरसों की फलियों पर ओले की मार पड़ने से फलियां चटक कर सरसों के काले दाने भी जमीन पर बिखर चुके हैं । इसी कड़ी में ओले गिरने के 1 दिन बाद तेज हवा और बरसात से भी सरसों सहित गेहूं की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। तेज हवा के दबाव के कारण सरसों और गेहूं दोनों ही फासले खेतों में चित होकर गिर गई है। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या अब खेतीहर मजदूर अथवा लेबर को लेकर बन गई है। पीड़ित और प्रभावित किसानों के द्वारा सरकार से मांग की गई है जल्द से जल्द गिरदावरी करवाते हुए मुआवजे का भुगतान कर किसने की आर्थिक मदद सरकार के द्वारा की जाए।
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