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कोरोना पॉजिटिव और नेगेटिव रिपोर्ट कैसे बनी, पैसे में बहुत ताकत !

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कोरोना पॉजिटिव और नेगेटिव रिपोर्ट कैसे बनी, पैसे में बहुत ताकत !

मात्र दो हजार रूपए में ही कोरोना बन रहा था नेगेटिव और पॉजिटिव

सीएम उड़न दस्ते और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई

सीएम उड़न दस्ते व स्वास्थ्य विभाग का गुरुग्राम में एसआरएल लैब पर छापा,

कोरोना जांच रिपोर्ट के लिये नकली ग्राहक बनाकर लैब में भेजा गया

मौके से तीन आरोपी कर्मचारी  गिरफ्तार , लेकिन मालिक मौके से फरार

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
कोरोना कॉविड 19 और इसके नए वेरिएंट आमीक्रोन के नए मामले सामने आने के बाद तथा गुरुग्राम में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही मौत के बीच एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पैसे में बहुत ताकत है । और इसी पैसे  में कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव अथवा पॉजिटिव बनाने की अकूत ताकत है । जी हां यह बात बिल्कुल सही है , इस हकीकत को जानकर कतई भी चौकने की जरूरत नहीं है ।

मंगलवार को मेडिकल हब के नाम से दुनिया में पहचान बना चुके गुरुग्राम में ही मुख्यमंत्री उड़न दस्ते और स्वास्थ्य विभाग की सांझा कार्यवाही में एक ऐसे ही चौकानेवाले खेल का खुलासा हुआ है, जहां किसी भी व्यक्ति की पैसे के दम पर उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव अथवा पॉजिटिव सुविधा के मुताबिक बनाने का खेल चल रहा था । हैरानी इस बात की है की प्रतिदिन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री से कोई ना कोई वरिष्ठ मंत्री और तमाम आला अधिकारी गुरुग्राम में ही मौजूद रहते हैं, लेकिन अपना मुनाफा किसी भी तरीके से कूटने वाले लोगों को किसी भी प्रकार का कोई डर-भय नहीं रह गया है । जानकारी के मुताबिक मंगलवार को गुरुग्राम में स्वास्थ्य विभाग की टीम और मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के द्वारा डीएलएफ फेस 3 में स्थित एक लैब पर छापा मारा गया । आरोप है कि इस लैब में फर्जी तरीके से और जरूरतमंद की सुविधा के मुताबिक कोरोना की जांच रिपोर्ट नेगेटिव या फिर पॉजिटिव तैयार की जा रही थी ।

इस संदर्भ में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री उड़न दस्ते को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि एक लैब में फर्जी तरीके से कोरोना की नेगेटिव और पॉजिटिव रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस प्रकार की रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के लिए संबंधित लैब के द्वारा केवल मात्र दो हजार रूपए ही वसूल किए जा रहे  थे । शिकायत मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री उड़न दस्ते और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए संबंधित लैब पर एक फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा । कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के लिए लैब में मौजूद कर्मचारियों के द्वारा मात्र दो हजार रूपए लिए गए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री उड़नदस्ता और जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपना शिकंजा कस दिया। इसके साथ ही लैब में काम करने वाले 3 कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया गया। वही संबंधित डायग्नोस्टिक लैब के मालिक के खिलाफ भी अपराधिक मामला दर्ज किया गया है ।

अब पुलिस और जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर यह खंगाल रही है कि इस संबंधित लैब में कोरोना की मनमानी रिपोर्ट तैयार करने का खेल कब से चल रहा था । इस पूरे खेल में कौन-कौन लोग शामिल हैं । कितने लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव और पॉजिटिव बनाई गई तथा इन सभी रिपोर्ट का कहां-कहां और किस प्रकार से इस्तेमाल किया गया । यह सब जांच करना अपने आप में पुलिस और जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए बहुत बड़ी चुनौती भी साबित हो सकता है।

कोरोना की मार गुरूग्राम सहित जहां पूरा विश्व झेल रहा है , सरकार भी लगातार वैक्सीनेशन का  कार्य कर रही है। इस अदृश्य दुश्मन को मात देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम और सरकारों ने भी एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है । सख्ताई के साथ यह भी कोशिश की जा रही है कि कोरोना की गाइडलाइन का पालन हो, जिससे कि संक्रमण नहीं फैले। लेकिन पुलिस के गिरफ्त में आये यह लोग इतने बेपरवाह थे कि इन्हें यह तक नहीं मालूम था कि ये क्या काम कर रहे हैं ? वह कितना खतरनाक और नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। बेखौफ गुरूग्राम के डीएलएफ फेस 3 में स्थित इस एसआरएल लैब में कोरोनावायरस की फर्जी रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। रिपोर्ट को दो हजार के लालच में तैयार किया जाता था । नेगेटिव को पॉजिटिव और पॉजिटिव को नेगेटिव बनाने का यह लोग काम करते थे। यह लोग कोरोना जांच की आड़ में किस तरह का काम कर रहे थे , इसका खुलासा सीएम फ्लाइंग ने किया है।

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