MP में शासन से अस्पतालों को नहीं मिल रही दावा राशि, उपचार बंद करने तैयारी
आयुष्मान योजना : MP में शासन से अस्पतालों को नहीं मिल रही दावा राशि, उपचार बंद करने तैयारी
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। आयुष्मान भारत योजना में उपचार के बदले अस्पतालों को दावा राशि नहीं मिल पा रही है। कई अस्पतालों के तो दो से तीन करोड़ रुपये बकाया हैं। इस कारण वह मरीजों का उपचार करने से मना कर रहे हैं। सभी जिलों में निजी अस्पतालों के संचालक कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन दे रहे हैं। पिछले सप्ताह रीवा में अस्पताल संचालकों ने प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। संचालकों ने तय किया है कि दावा राशि नहीं मिली तो 10 अप्रैल के बाद उपचार बंद करने पर विचार किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनवरी-फरवरी में बजट कम था। इस कारण अस्पतालों का भुगतान लंबित हो गया था, अब राशि मिल रही है। पहले आओ, पहले पाओ के नियम के तहत उन्हें भुगतान भी किया जा रहा है। दरअसल, शासन से राशि नहीं मिलने की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान मरीजों को हो रहा है। अस्पताल उन पैकेज में उपचार करने से मना कर रहे हैं जिनमें उन्हें लाभ कम है।
उदारहण के तौर पर क्रानिक लिवर बीमारी का आयुष्मान योजना में उपचार किया जाता है, लेकिन इक्का-दुक्का अस्पताल ही उपचार कर रहे हैं। पिछले वर्ष भी अस्पतालों का भुगतान अटका था। इस संबंध में आयुष्मान भारत योजना की सीईओ अदिति गर्ग ने कहा कि मार्च तक सभी अस्पतालों का भुगतान हो चुका है। अस्पतालों को अपना अकाउंट जांचना चाहिए।
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