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600 लोगों को वितरित की होम्योपैथिक आर्सेनिक 30 एलबम दवा

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कोरोना को है हराना

600 लोगों को वितरित की होम्योपैथिक आर्सेनिक 30 एलबम दवा

हेलीमंडी होम्योपैथिक ऑफिसर जयीता चैधरी ने फील्ड में संभाली कमान

सेक्टर 47-49 सहित विभिन्न झुग्गी बस्तियों में दवा का किया वितरण

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 कोरोना कॉविड 19 के बढ़ते प्रकोप के बीच कोरोना कह रोकथाम के लिए जिला का आयुष विभाग भी पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है । इसी कड़ी में विशेष अभियान के तहत हेलीमंडी होम्योपैथिक औषधालय की मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर जयीता चैधरी के द्वारा फील्ड में कमान संभाली गई है । सोमवार को डॉ जयीता चैधरी के द्वारा 600 से अधिक लोगों को आर्सेनिक एलबम 30 होम्योपैथिक दवा का वितरण किया गया। इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आर्सेनिक एलबम 30 होम्योपैथिक दवा बेहद उपयोगी और लाभदायक साबित हो रही है ।

होम्योपैथिक मेडिकल ऑफिसर जयीता चैधरी ने बताया कि सोमवार को विशेष अभियान के तहत सेक्टर 47 और 49 के अलावा बंगाली झुग्गी बस्ती, राजेंद्र पार्क झुग्गीयों, रेलवे स्टेशन के आसपास व अन्य स्थानों की झुग्गी बस्तियों में पहुंच कर कोरोना को ध्यान में रखते हुए होम्योपैथिक इम्यूनिटी बूस्टर मेडिसन आर्सेनिक एलबम 30 का वितरण किया गया । इस दौरान झुग्गी बस्ती में रहने वाले सभी लोगों को कोरोना कोविड-19 से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित भी किया गया । उन्होंने बताया कोरोना वायरस का खतरा सामान्य तौर पर उन लोगों को है, जिनकी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। सर्दी-खांसी, जुकाम व सांस लेने में परेशानी, शरीर दर्द होने पर आर्सेनिक एलबम-30 नाम की होम्योपैथिक दवा का दिन में तीन बार उपयोग करके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत की जा सकती है। सावधानी बरतकर महामारी बन चुकी इस बीमारी से बचा जा सकता है। मौसम बदलने के साळा ही लोगों में  खांसी व जुकाम से पीड़ित की संख्या बढ़ी है। अधिकांश लोग इसका मुख्य कारण कोरोना वायरस को मान रहे हैं। जबकि पहले भी लोग सर्दी खांसी होने पर घर में ही रहकर बर्दाश्त करते या फिर दवा खाते थे। अब तुरंत डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। लोगों को इस बीमारी से परेशान होने की जरूरत नहीं है।

कोरोना वायरस से बचाव के लिए आर्सेनिक एलबम-30 दवा का सेवन बहुत लाभकारी साबित हो रहा है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस दवाई को दिन में तीन बार लेना होता है। अगर जरूरत पड़ने पर बाद में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर फिर भी यह बीमारी ठीक नहीं होती है, तो होम्योपैथी में बीमारी के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर दवा खाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर एक हफ्ते में व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। आर्सेनिक एलबम वायरल के सभी लक्षणों पर काम करती है। इसलिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह दवा कारगर है। बचाव और इलाज दोनों के लिए ही इस्तेमाल की जा सकती है। कोरोना वायरस एक सामान्य वायरल से होने वाला वायरस है और बहुत तेजी से फैल रहा है। यह कम प्रतिरोधक क्षमता वालों में व्यक्तियों में फेफड़ों को प्रभावित करता है। ऐसे में जुकाम, सर्दी, छींक, नाक से पानी आना, सिरदर्द होना और बुखार या खांसी को दूर करने के लिए लाभदायक है। सामान्य तौर पर शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी, किडनी और लिवर में तकलीफ, निमोनिया, पाचन में गड़बड़ी, तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ इस वायरस के लक्षण है। संबंधित लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए।

खासतौर पर कोरोना वायरस को मरीज को आइसोलेट करना चाहिए। वहीं वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। चूंकि यह वायरस एक इंसान से दूसरे में फैलता है इसलिए भीड़भाड़ वाले इलाके में तीन से छह फुट की दूरी बनाकर चलें। सार्वजनिक वाहन से यात्रा के दौरान दस्ताने पहनें। इसके अतिरिक्त लोगों ने कोरोना वायरस से मानसिक तनाव लेने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा इस वायरल के कम होने की भी उम्मीद है।

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