पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर जैन बारादरी जैकबपुरा में होगा ऐतिहासिक चातुर्मास
21 जुलाई 2024 रविवार को प्रात: 10:30 बजे से प्रारंभ होगा चातुर्मास
गुरुग्राम नगरी में वर्षभर महान जैन संतों के चरण पड़ते
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। चातुर्मास के दौरान यहां पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जैन बारादरी जैकबपुरा में एक बार फिर से जैन संतों का मंगल प्रवेश चातुर्मास के रूप में होने जा रहा है। धन्य है गुरुग्राम नगरी जहां वर्षभर महान जैन संतों के चरण पड़ते हैं। जैन श्रद्धालुओं को जैन संतों के पावन आशीर्वचनों को को श्रवण करने का अवसर मिलता है।
जैन समाज के प्रवक्ता अभय जैन एडवोकेट ने जानकारी दी कि 21वीं सदी के वात्सल्य मूर्ति परम पूज्य गुरुदेव कंठकोकिल आचार्य श्री 108 ज्ञान भूषण जी महाराज ससंघ का वर्ष 2024 का मंगलमय चातुर्मास जैन बारादरी जैकबपुरा जैन मंदिर गुरुग्राम में होने जा रहा है। चातुर्मास कलश स्थापना कार्यक्रम 21 जुलाई 2024 रविवार को प्रात: 10:30 बजे से प्रारंभ होगा। संघ सांप्रेरिका क्षुल्लिका रत्न 105 ज्ञान गंगा माता जी के कुशल निर्देशन में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ स्थापना का कार्यक्रम भी होगा। जैन समाज के प्रधान संदीप जैन ने बताया कि यह चातुर्मास अपने आप में बड़ा ही अनूठा होने वाला है। यहां पधारे गुरुदेव श्री ज्ञानभूषण जी महाराज वात्सल्य के अथाह महासागर हैं। गुरुदेव के सानिध्य में कई कीर्तिमान रचे जायेंगे। चातुर्मास का महत्व बड़ा ही अद्भुत है। जब वर्षा काल प्रारंभ हो जाता है, तब प्रकृति में छोटे-बड़े कई प्रकार के जीवों की उत्पत्ति हुआ करती है। इनकी रक्षा हेतु संत एक जगह चार माह प्रवास करते है, जिसे चातुर्मास या वर्षावास कहा जाता है। समस्त सृष्टि की मंगल कामना करने के लिए जैन संत चातुर्मास करते हैं। कार्यक्रम का ध्वजारोहण रमेश चंद्र, संदीप कुमार जैन करेंगे। पुण्यशाली भक्त जनों के बीच में मंगल कलश का चयन किया जाएगा। फिरोजपुर झिरका, अलवर, नौगामा, तिजारा, दिल्ली, मेरठ, हस्तिनापुर, कोसी, पलवल, कामा पहाड़ी, सिकरी और शामली रामगढ़, अधिक तमाम जगहों से सेंकड़ों की संख्या में अपनी उपस्थिति देंगे। महामंत्री श्रेयांश जैन, उपाध्यक्ष विनय जैन, महामंत्री श्रेयांश जैन, सहमंत्री पारस जैन व कोषाध्यक्ष प्रदीप जैन सहित महिला मंडल, जैन युवा संगठन, मुनि सेवा समिति, सन्मार्ग चेतना मंच समेत समस्त जैन समाज चातुर्मास हेतु अनंद मनोभाव से समर्पित होकर लगे हैं।
21 जुलाई से 1 नवम्बर तक होंगे भव्य कार्यक्रम
चातुर्मास के दौरान रविवार 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम होगा। सोमवार 22 को वीर शासन जयन्ती, रविवार 11 अगस्त को भगवान पार्श्वनाथ जी मोक्ष कल्याणक (मुुकुट सप्तमी), गुरुवार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, सोमवार 19 अगस्त को रक्षाबंधन (भगवान श्रेयांसनाथ जी मोक्ष कल्याणक), मंगलवार 20 अगस्त से बुधवार 18 सितम्बर तक भाद्रपद माह, रविवार 8 सितम्बर से मंगलवार 17 सितम्बर तक दसलक्षण व्रत महापर्व, शुक्रवार 13 सितम्बर को सुगन्ध दशमी, मंगलवार 17 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी (भगवान वासुपूज्य जी का मोक्ष कल्याणक), बुधवार 18 सितम्बर को क्षमावाणी महापर्व, शनिवार 12 अक्टूबर को विजया दशमी, बुधवार 30 अक्टूबर को धन्य तेरस (ध्यान त्रयोदशी), शुक्रवार 1 नवम्बर को भगवान महावीर निर्वाणोत्सव एवं आचार्य श्री ज्ञानभूषण जी मुनिराज का अवतरण दिवस भव्यता से मनाया जाएगा।
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