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हिन्दू हृदय सम्राट महाराजा सूरजमल

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हिन्दू हृदय सम्राट महाराजा सूरजमल
12 जून,1761को 681 वर्ष बाद आजाद हुआ आगरा

आगरा 1080 में महमूद गजनवी के आक्रमण के बाद से ही गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। इसके बाद आगरा पर इस्लामी झंडा लहराता रहा।

आगरा मुगलों की शक्ति का केंद्र रहा व यहां बैठकर वे बार बार हिन्दू राष्ट्रवाद को कुचलते रहे।यहां के लाल किले से मुगलों ने जितने अत्याचार हिन्दुओ पर किये इतने तो कहीं नहीं हुए।

लेकिन समय सदा एक सा नहीं रहता भरतपुर के शासक महाराजा सूरजमल बहुत शक्तिशाली सम्राट बन चुके थे।

उन्होंने आगरा को मुगलों से मुक्त कराने का निश्चय किया व 4 मई 1761 को आगरा पर आक्रमण कर दिया। उन्होंने बलराम सिंह व अपने भतीजे वैर के राजा बहादुर सिंह के नेतृत्व में 3-4, हजार सैनिक आगरा पर अधिकार करने के लिए भेजे।

उस समय मुगलों (दिल्ली) की ओर से फाजिल खां यहां का किलेदार था। उसके पास 6-7 हजार की सेना थी।

वीर बलराम सिंह ने यमुना पार करने के लिए नाव मांगी तो मुगलों ने मना कर दिया। इसी को आधार बनाकर उन्होंने आक्रमण कर दिया व मुगली सेना को यमुना से हटने पर मजबूर कर दिया।

उसके बाद महाराज सूरजमल जी की सेना आगरा के लाल किले पर 20 दिन तक घेरा डाले बैठी रही। अंदर मुगल सैनिक भय से कांप रहे थे और दिल्ली के बादशाह ने भी सुरजमल के भय से कोई सेना नहीं भेजी।

दोनों ओर से तोपें चली भयंकर युद्ध हुआ। लगभग 180 मुगल सैनिक मारे गए व 20 हिन्दू यौद्धा भी शहीद हुए। कहते हैं इसी दौरान भरतपुर से महाराजा सूरजमल ने विशालतम लाखा तोप का परीक्षण किया था जिसका गोला इस किले में आकर गिरा था।

धीरे धीरे पूरे शहर पर अधिकार जमा लिया गया व अंत मे फाजिल खाँ ने हथियार डाल दिये व समझौता करके यह किला महाराजा सूरजमल को सौंप दिया।

इस तरह 12 जून 1761 को आगरा किले पर 681 साल बाद फिर से भगवा ध्वज लहराने लगा।

इसी किले से कुछ दूरी पर ही हिन्दू धर्म न छोडने पर 1 जनवरी 1670 में औरँगजेब ने वीर गौकुला जी के शरीर बोटी बोटी करवाई थी।

इस तरह आगरा पर कब्जा करके मुगलों से उसका भी प्रतिशोध ले लिया गया। इस किले पर कब्जा करके महाराजा सूरजमल ने इसे गंगाजल से शुद्ध करवाया व हवन-यज्ञ करके इसमें अपना राज्य स्थापित किया। यहां के क्षीण हो चुके हिन्दू धर्म में फिर से नव जागरण की शुरुआत हुई। और हिन्दू धर्म को एक मजबूती प्रदान की !

उन्होंने ताजमहल (तेजोमहालय) को वापिस मन्दिर बनाने की भी इच्छा जाहिर की लेकिन उनके राजपुरोहित जी ने कहा कि एक कब्रिस्तान को मन्दिर बनाना शुभ नहीं होगा।

यह किला व सम्पूर्ण आगरा 1774 तक हिन्दू राजाओं के अधीन रहा। यहीं से हिन्दू धर्म रक्षक महाराजा जवाहर सिंह आदि अन्य भरतपुर शासकों ने राज किया।

आगरा की जामा मस्जिद को महाराजा जवाहर सिंह ने खाली करवाकर उसमें अनाज मंडी खुलवा व पशुओं का तबेला खुलवा दिया था। और ताजमहल में भूसा भरवाकर सेना के घोड़े बांधे जाते थे।

इस किले में महाराजा जवाहर सिंह की छत्री लाल किले में खास महल के पास शाहजहां की बेटी रोशनारा की छतरी के नजदीक ही बनी हुई है तथा महाराजा नवल सिंह के नाम से एक हवेली भी बनी हुई हैम आगरा में महाराजा जवाहर सिंह ने एक सुंदर उद्यान भी बनवाया था।इसके अलावा भी कई निर्माण कार्य वहां किये गए।
जय हिन्दू हृदय सम्राट महाराजा सूरजमल की।
हम सभी को व्यक्तिगत स्वार्थ की भावना का परित्याग कर राष्ट्र के नव निर्माण में अपना सर्वोत्तम कर्त्तव्य कर्म करने का यत्न करना चाहिए।
मैं अपने कृतित्व और व्यक्तित्व से समाज की भावी पीढ़ी को संस्कारित करके अपने मानव होने की जिम्मेदारी ईमानदारीपूर्वक निभा रहा हूँ ।

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