हाईकोर्ट ने रिश्वत लेने के आरोपी लेखपाल की जमानत मंजूर की, एक लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के आरोपी लेखपाल अरविन्द कुमार यादव की जमानत शुक्रवार को मंजूर कर ली. उन्हें 14 जून 2024 को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. जमानत अर्जी पर यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने दिया.
14 जून 2024 को हुई थी गिरफ्तारी: लेखपाल अरविन्द कुमार यादव पर शिकायतकर्ता से एक मामले में मदद करने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था. यह मामला एक चकबंदी अधिकारी के पास लंबित था. शिकायतकर्ता ने 12 जून 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद 14 जून 2024 को उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था.
एक साल से जेल में है लेखपाल: याची के वकील का कहना था कि जिस मामले को लेकर रिश्वत की मांग की गई थी, वह पहले ही 11 जून 2024 को चकबंदी अधिकारी ने खारिज कर दिया गया था. यानी शिकायत दर्ज होने से एक दिन पहले ही. इसके अलावा, अरविन्द कुमार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. वह पिछले एक साल से अधिक समय से जेल में हैं.
जब तक दोषी साबित न हो, वह निर्दोष है: कोर्ट ने पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि यह तर्क कि रिश्वत की मांग जिस मामले के लिए की गई थी, वह पहले ही खारिज हो चुका था. उसे इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता. अदालत ने कहा कि जब तक कोई दोषी साबित न हो जाए, उसे निर्दोष माना जाता है. इन सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए, अदालत ने अरविन्द कुमार यादव को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.