हरदेवा कॉलोनी-एससी समुदाय की चेतावनी भविष्य में कूड़ा नहीं डालें !
हरदेवा कॉलोनी-एससी समुदाय की चेतावनी भविष्य में कूड़ा नहीं डालें !
एसडीएम बोले लोगों के लिये स्वच्छ वातावरण की उपलब्धता प्राथमिकताः
हेली मंडी पालिका क्षेत्र के डंपिंग यार्ड से कूड़ा उठाने का कार्य आरंभ
स्थानीय निवासी डंपिंग यार्ड साइट पर कूड़ा नहीं डालने पर अडिग
हेली मंडी वार्ड नंबर 7 बाबा हरदेवा कॉलोनी में डंपिंग यार्ड का विवाद
कुछ दिन ही यहां से लौटाए थे गुरुग्राम निगम के कूड़े से भरे हुए ट्रक
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पटौदी मंडी नगर परिषद में शामिल हेली मंडी नगरपालिका इलाके के वार्ड नंबर 7 की बाबा हरदेवा कॉलोनी तथा जयदेव कॉलोनी के साथ ही सैकड़ों निवासी यहां पर बनाए गए डंपिंग यार्ड साइट को लेकर बीते काफी समय से अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं । वास्तव में यहां पर अतीत में की हरियाली परियोजना के तहत तरुण त्रिवेणी साइट बनाकर पौधारोपण का अभियान आरंभ किया गया था। लेकिन समय के साथ-साथ तरुण त्रिवेणी सहित पौधारोपण अभियान दोनों ही ठंडे बस्ते में चले गए । सरकार बदली , व्यवस्था बदली और साथ में बदल गई तरुण त्रिवेणी सहित हरियाली की परियोजना भी । इसके बाद में हेली मंडी पालिका प्रशासन और यहां पार्षदों की हाउस के बीच बैठक में तरुण त्रिवेणी साइट पर डंपिंग यार्ड बनाने का फैसला किया गया।
इसके बाद जैसे-जैसे यहां पर हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के विभिन्न 15 वार्डों सहित अन्य स्थानों का कूड़ा करकट लाकर डालना आरंभ किया गया, वैसे वैसे आसपास रहने वाले अनुसूचित वर्ग के लोगों सहित अन्य कॉलोनी निवासियों के द्वारा अपना विरोध करते हुए यहां पर कूड़ा करकट डालने और अक्सर यहां कूड़े में आगजनी की घटना को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सहित अन्य विभागों को शिकायतें भेज कर कूड़े करकट के कारण फैलने वाली बीमारियां और हो रही परेशानी पर ध्यान दिलाते हुए शिकायतें भेजी गई । अतीत में उपमंडल स्तर के एक अधिकारी के द्वारा मौके का मुआयना करने के बाद अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा गया कि जिस प्रकार से यहां बस्ती और विशेष रूप से अनुसूचित वर्ग की बस्ती के आसपास कूड़ा करकट डंप किया जा रहा है , ऐसे में जन विद्रोह सहित जन आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता । इतना ही नहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल मानेसर के संबंधित अधिकारियों के द्वारा भी इस डंपिंग यार्ड साइट का निरीक्षण करने के बाद कूड़ा करकट डालने को माननीय स्वास्थ्य के लिए अनुचित ही ठहराया गया । आखिरकार यह मामला जिला अधिकारियों से लेकर चंडीगढ़ मुख्यालय तक भी पहुंचाया गया ।
इसके बाद हेली मंडी में मिर्जापुर रोड पर वार्ड नंबर 7 में बाबा हरदेवा कॉलोनी जहां पर अधिकांश आबादी अनुसूचित वर्ग की है तथा आसपास के सैकड़ों निवासियों को हो रही परेशानी को देखते हुए प्रशासन के द्वारा माननीय स्वास्थ्य सहित मानव स्वास्थ्य को प्राथमिकता प्रदान करते हुए यहां से कूड़ा करकट साफ करने की पहल की गई । इस संदर्भ में पटौदी के एसडीएम और प्रशासक प्रदीप कुमार का कहना है कि शासन प्रशासन और सरकार की प्राथमिकता आम लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सहित माहौल को शुद्ध रखने और बीमारियां नहीं फैले , इसी बात को प्राथमिकता देते हुए इस डंपिंग यार्ड साइट से कूड़ा करकट साफ करने का कार्य आरंभ करवाया गया है । लोगों को जिस प्रकार की आशंका बनी रही, उन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट पटौदी के नायब तहसीलदार, हेली मंडी पालिका सचिव पंकज जून, पालिका अभियंता अनिल मलिक, भवन रक्षक प्रदीप, हेली मंडी चौकी प्रभारी महेश सहित भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा।
इस डंपिंग यार्ड साइट से कूड़ा करकट उठाकर संबंधित ठेकेदार के द्वारा किसी अन्य साइट पर ले जाकर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक डालने का कार्य जारी रहा।
हालांकि इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक रही , वह मौके पर ही मौजूद रही। स्थानीय लोगों का एक बार फिर से यही कहना है कि शासन प्रशासन के द्वारा आखिरकार लोगों की परेशानी को देखते हुए यहां से कूड़ा करकट साफ करने का काम तो आरंभ कर दिया गया है । लेकिन निवासियों ने साफ साफ यह चेतावनी भी दे दी है कि यदि कूड़ा करकट साफ करने के बाद फिर से इसी साइट पर किसी और स्थान से किसी भी प्रकार का कूड़ा करकट लाकर डालने का प्रयास किया गया, तो उसका स्थानीय निवासी पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे । स्वस्थ रहना और शुद्ध पर्यावरण सहित कूड़े करकट के बीमारियां नहीं फैले इससे बचाव करना भी शासन प्रशासन सहित सरकार की जिम्मेदारी बनती है। वहरहाल बुधवार को हेली मंडी वार्ड नंबर 7 बाबा हरदेवा कॉलोनी तथा जयदेव कॉलोनी के बीच मौजूद डंपिंग यार्ड साइड से लगभग 8 से 10 ट्रैक्टर ट्राली और ट्रकों में कूड़ा करकट भरकर संबंधित ठेकेदार के द्वारा किसी अन्य स्थान पर भेज दिया गया। इस प्रकार किसी हद तक कूड़ा करकट कम होने के कारण स्थानीय निवासियों ने भी राहत की सांस ली है।
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