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गुरुग्राम को दिल्ली और राजस्थान से जल्द मिलेगी नई कनेक्टिविटी, सरकार ने दी मंजूरी

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गुरुग्राम को दिल्ली और राजस्थान से जल्द मिलेगी नई कनेक्टिविटी, सरकार ने दी मंजूरी
RRTS कोरिडोर को हरियाणा व राजस्थान सरकार से मिली मंजूरी, केंद्र सरकार के पास पहुंची फाइल

गुरुग्राम को दिल्ली और राजस्थान से जोड़ने के लिए रीजनल रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को मंजूरी मिल गई है। अब जल्द ही दिल्ली-गुरुग्राम- शाहजहांपुर-नीमराणा बहरोड (SNB) कोरिडोर का काम शुरू हो जाएगा। इस परियाेजना को हरियाणा व राजस्थान सरकार से मंजूरी मिलने के बाद फाइल को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद धरातल पर कार्य शुरू हो जाएगा।

मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई RRTS की बैठक के दौरान बताया गया कि दिल्ली-SNB (RRTS) कॉरिडोर की लंबाई 107 किलोमीटर होगी। इसमें 70 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और शेष 37 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा। इस पर 6 अंडरग्राउंड, 9 एलिवेटेड और 1 एट-ग्रेड स्टेशन होंगे। धारूहेड़ा में एक डिपो बनाने की योजना है। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से गुजरने वाले इस कॉरिडोर की लंबाई क्रमशः 23 किमी, 83 किमी और 2 किमी है। प्रस्तावित अलाइनमेंट का एलिवेटेड हिस्सा पुरानी दिल्ली-गुरुग्राम, गुरुग्राम में सेक्टर 17 के राइट ऑफ वे (ROW) और SNB (राजस्थान सीमा) तक एनएच-40, 48 के बीच होगा। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है जबकि केन्द्र सरकार इसकी स्वीकृति विचाराधीन है।

दिल्ली-SNB कॉरिडोर के प्रस्तावित स्टेशनों में सराय काले खां, INA, मुनीरका, एरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर-17, राजीव चौक, खेड़कीदौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, MBIR, रेवाड़ी, बावल और SNB हैं। बैठक के दौरान अवगत कराया गया कि 103 किमी लंबे अलाइनमेंट के दिल्ली-पानीपत RRTS कॉरिडोर का 11.5 किमी हिस्सा एलिवेटेड और शेष 91.5 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। इसमें 2 अंडरग्राउंड, 14 एलिवेटेड और 2 एट ग्रेड स्टेशन होंगे। मुरथल और पानीपत में दो डिपो बनाने की योजना है। दिल्ली में इसकी लम्बाई 36.2 किमी जबकि हरियाणा में 66.8 किमी होगी।

RRTS परियोजना केन्द्र सरकार के प्रमुख रणनीतिक हस्तक्षेपों में से एक है और तदनुसार, शहरी गतिशीलता में बदलाव लाने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और आर्थिक अवसरों तक पहुंच के माध्यम से आमजन को सशक्त बनाकर उसे टिकाऊ, आरामदायक और तेज सार्वजनिक परिवहन मुहैया करवाने के उद्देश्य से इसे केन्द्र सरकार की नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) में शामिल किया गया है।

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