Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.

जीएसटी नियमों में होने वाला है बदलाव, जानिए आपकी जेब पर कैसे पड़ेगा असर

11

जीएसटी नियमों में होने वाला है बदलाव, जानिए आपकी जेब पर कैसे पड़ेगा असर

सरकार की तरफ से गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स यानी की (GST) को लेकर एक अपडेट आया है. जीएसटी नेटवर्क ट्रांजेक्‍शन को लेकर नियमों में बदलाव किया है. नया नियम 1 मई 2023 से लागू होगा और कारोबारियों के लिए इसका पालन करना जरूरी होगा. GSTN ने कहा है कि 1 मई से किसी भी ट्रांजेक्‍शन की रसीद इनवॉयस रजिस्‍ट्रेशन पोर्टल (IRP) पर 7 दिनों के अंदर अपलोड करना अनिवार्य होगा. जीएसटी कंप्‍लायंस का समय पर पालन कराने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है.

GSTN के अनुसार 100 करोड़ से ज्‍यादा टर्नओवर वाले सभी कारोबारियों के लिए 1 मई से इस नियम का पालन करना जरूरी होगा. नए नियम के तहत 100 करोड़ से ज्‍यादा टर्नओवर वाले कारोबार 7 दिन से ज्‍यादा पुरानी इनवॉयस को अपलोड नहीं कर पाएंगे. इसका मतलब है कि 7 दिन से ज्‍यादा पुराने ट्रांजेक्‍शन की रसीद GSTN पर अपलोड नहीं हो पाएगी और इस पर रिटर्न भी क्‍लेम नहीं किया जा सकेगा. आप सभी को बता दें कि यह नियम सिर्फ इनवॉयस को लेकर है. कारोबारी डेबिट और क्रेडिट नोट्स को 7 दिन बाद भी अपलोड कर सकेंगे.

कारोबारियों को बड़ा नुकसान
जीएसटी नियम कहता है कि अगर कोई इनवॉयस IRP पर अपलोड नहीं होता है तो उस पर कारोबारी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट (ITC) का फायदा नहीं उठा पाएंगे. ITC किसी उत्‍पाद के कच्‍चे माल और फाइनल प्रोडक्‍ट के बीच के अंतर को वापस पाने के लिए क्‍लेम किया जाता है. मौजदा समय में कंपनियां कभी भी अपना ई-इनवॉयस अपलोड कर सकती हैं, लेकिन नया नियम लागू होने के बाद उनके पास सिर्फ 7 दिन का समय होगा.

बदलाव से क्या होगा फायदा
एक्‍सपर्ट का मानना है, कि नया नियम जीएसटी कलेक्‍शन बढ़ाने में मददगार हो सकता है. साथ ही कंपनियों को समय पर आईटीसी का लाभ भी मिल जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया को और मजबूत बनाना है. सरकार ने हाल में ही 100 करोड़ से ज्‍यादा टर्नओवर वाले कारोबार या कंपनियों के लिए भी हर ट्रांजेक्‍शन का जीएसटी इनवॉयस निकालना अनिवार्य कर दिया था

आगे सभी के लिए हो सकता है लागू
एक्‍सपर्ट का कहना है कि अभी इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है और जल्‍द ही इसे सभी कारोबारियों के लिए अनिवार्य बना दिया जाएगा. मौजूदा समय में 10 करोड़ से ज्‍यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को सभी बी2बी ट्रांजेक्‍शन का इलेक्‍ट्रॉनिक इनवॉयस निकालना अनिवार्य बना दिया गया है. सरकार ने 1 अक्‍टूबर, 2022 से यह नियम लागू किया था. अब IRP पर समय से ई-इनवॉयस अपलोड होने से सरकार और कारोबार दोनों को फायदा होगा. एक तरफ तो जीएसटी कलेक्‍शन बढ़ाने में मदद मिलेगी तो दूसरी ओर कारोबारियों को आईटीसी का लाभ भी जल्‍द मिल सकेगा.

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading