भोंडसी नेचर कैंप में इको टूरिज्म के प्रमोशन की योजना बनाएं: राज्यपाल
भोंडसी नेचर कैंप में इको टूरिज्म के प्रमोशन की योजना बनाएं: राज्यपाल
राज्यपाल ने किया नेचर कैंप का दौरा और अरावली का लिया जायजा
यहां पर इको-टूरिज्म और सफारी टूरिज्म की मौजूद अपार संभावनाएं
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शनिवार को जिला के भोंडसी के निकट अरावली नेचर कैंप का भ्रमण किया और अरावली पर्वत श्रंखला का जायजा लिया। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे यहां पर इको टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए योजनाएं बनायें। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र दिल्ली के नजदीक होने की वजह से यहां पर इको- टूरिज्म और सफारी टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। सफारी टूरिज्म में वन क्षेत्र में अलग अलग जंगली जानवर के लिए बड़े बड़े एक एक एकड़ के इनक्लोजर अर्थात बाड़े बनाए जाते हैं ताकि जानवर वहां पर आजादी से विचरण कर सकें और पर्यटक उसके चारों तरफ घूमकर उन जानवरों को देख सकें ।
अरावली पर्वत श्रंखला 700 किलोमीटर में
राज्यपाल दत्तात्रेय कहा कि हरियाणा में वर्तमान में लगभग साढ़े तीन प्रतिशत वन क्षेत्र और इतना ही ग्रीन कवर के अधीन क्षेत्र है। कुल मिलाकर प्रदेश में ग्रीनरी कवर लगभग 7 प्रतिशत है । जिसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है । वन विभाग के उप संरक्षक सुभाष यादव ने अरावली पर्वत श्रंखला और नेचर कैंप के बारे में राज्यपाल को विस्तार पूर्वक जानकारी दी तथा इस पर एक प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि दिल्ली से लेकर गुजरात तक अरावली पर्वत श्रंखला लगभग 700 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें सबसे ऊंचा स्थान राजस्थान में माउंट आबू के पास गुरु शिखर नामक स्थान है।
अरावली में तितली की 33 प्रजातियां
हरियाणा में अरावली रेंज 6 जिलों में लगभग 90 किलोमीटर में फैली हुई है और यहां पर सबसे ऊंचा स्थान नारनौल के पास ढोसी पहाड़ पर है जहां पर चमन ऋषि का आश्रम बना हुआ है। हरियाणा में अरावली क्षेत्र में लगभग एक लाख एकड़ जमीन है, जिसपर ग्राम पंचायत का मालिकाना हक है। उन्होंने यह भी बताया कि अरावली में तितली की 33 प्रजातियां पाई जाती हैं। राज्यपाल ने नेचर कैंप और हरियाणा वन कर्मी प्रशिक्षण संस्थान का दौरा कर उनके बारे में पूरी जानकारी ली। उन्हें वन विभाग की तरफ से कॉफी टेबल बुक भी भेंट की गई। इस मौके पर अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक महेंद्र सिंह मलिक, उप संरक्षक सुभाष यादव, डीसीपी विनोद कुमार, चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर वत्सल वशिष्ठ, सोहना के एसडीएम जितेंद्र गर्ग,जिला विकास एवम पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान सहित वन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे ।
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