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मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर गर्वनर अनुसुइया ने न्यूज18 इंडिया से की खास बातचीत

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मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर गर्वनर अनुसुइया ने न्यूज18 इंडिया से की खास बातचीत
“पूरे देश को शर्मसार करने वाली घटना, मणिपुर में हिंसा का अंत होना चाहिए”- गर्वनर अनुसुइया

देश के नंबर-1 हिंदी न्यूज चैनल न्यूज18 इंडिया के सीनियर एंकर अमिष देवगन ने अपने लोकप्रिय शो आर-पार में मणिपुर की गवर्नर अनुसुइया से मणिपुर की वर्तमान स्थिति को लेकर खास बातचीत की है। बातचीत के दौरान सीनियर एंकर की ओर से मणिपुर में हुई हिंसा के विषय में गवर्नर से कई सवाल पूछे गए जिसका गवर्नर की ओऱ से साफ और सटीक जवाब दिया गया। सीनियर एंकर ने गवर्नर से मणिपुर की घटना का वीडियो वायरल तथा प्रशासन की लचर व्यवस्था पर सवाल किया जिसके जवाब में गवर्नर अनुसुइया ने बताया कि वीडियो वायरल होने की जानकारी मुझे कल ही मिली है। जिस तरह से हमारी मणिपुर की दो बहनों को निर्वस्त्र करके घुमाया गया और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, यह पूरे देश को शर्मसार करने वाली घटना है। इससे मैं बहुत दुखी हूं और सही मायने में मेरा मन बहुत व्यथित भी है। मणिपुर स्टेट की कला, संस्कृति बहुत खूबसूरत है। यहां के लोग भी सद्भावना से रहते है, ऐसा कुछ मणिपुर में हो सकता है, इस पर मझे विश्वास नहीं होता। ऐसी भी घटना मणिपुर में हो सकती है, यह जानकर वास्तव में सभी को दुख हुआ है। यह घटना 4 मई की है और पुलिस ने 18 मई को रिपोर्ट दर्ज की है, इतने दिन बीत जाने के बाद भी पता नहीं क्यों पुलिस ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। इस मामले में मैंने आज डीजीपी को बुलाया था और पूरी जानकारी ली है। मैंने पूछा कि अभी तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई और मुझे लगता है कि जैसे ही ये वायरल हुआ इसके बाद ही उन्होंने इस पर काम करना शुरु किया और सर्च ऑपरेशन चलाकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया। मैंने कहा कि पुलिस थाने में जो इंचार्ज है, उनके ऊपर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए कि उसने इतने दिन तक उस एफआईआर पर संज्ञान लेकर उसकी जांच क्यों नहीं की उन मुल्जिमों को क्यों नहीं पकड़ा गया।

दूसरी बात यह है कि यहां पर जो घटना हुई थी उसमें पुलिस दोनों बहनों को लेकर जा रही थी, लोगों ने पुलिस से उन दोनों बहनों को छीन लिया और उनके सामने घटना को अंजाम दिया। ये बहुत दुखद है मैं इसकी बहुत निंदा करती हूं। ऐसे लोगों के ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे कोई भी हो इस पर राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। कोई भी बहन हो इस देश की उसके साथ अगर इस तरह का दर्दनाक हादसा होता है तो यह निंदनीय है। वह किस स्थिति से गुजर रही होगी, कितने दिन हो गए है और इस पर निश्चित रूप से मैं चाहूंगी कि हमारे केंद्र में प्रधानमंत्री, होम मिनिस्टर इस पर जो भी सख्त कार्रवाई हो सकती है, वह करें।

अमिष देवगन ने पूछा कि गवर्नर की भूमिका में आप हैं आपके कंट्रोल में बहुत चीजें हैं आप खुद कह रही हैं कि आप खुद हैरान है कि पुलिस ने क्यों नहीं कार्रवाई की। आपने डीजीपी को आज तलब किया आपने बोला पुलिस वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। क्या आपको लगता है कि पुलिस की कोई मजबूरी रही होगी। पुलिस ने एक्शन नहीं लिया और अभी भी गैंग रेप की धाराएं नहीं लगी। इस पर राज्यपाल ने कहा कि आज की तारीख में आप 355 की बात कर रहे हैं। यहां 355 लागू नहीं है और केंद्र सरकार के एडवाइजर कुलदीप सिंह है। मणिपुर की लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन जैसी भी है, उन्हीं के द्वारा की जा रही है।
मैं तो फिर भी मणिपुर की गवर्नर होने के नाते लोगों जो आज भी विस्थापित हैं, करीब 350 कैंपों में 60 हजार के लगभग बच्चें, महिलाएं, पुरुष रह रहे है।
मैं चुराचांदपुर, कांगपोकपी दोनों कम्युनिटी के बीच में जा रही हूं जितनी हेल्प हो सकती है मैं उनके लिए कर रही हूं। जितने भी लोगों ने मेरे पास कंप्लेन की है या डायरेक्ट मुझसे फोन पर किया है मैंने उस पर इमिडिएट एक्शन लिया है। लेकिन यहां पर इस चीज की जांच और कार्रवाई क्यों नहीं की, मुझे इस बात का दुख है। निश्चित रूप से जो कोई इसके जिम्मेदार हैं उसके ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और मैंने ये निर्देश डीजीपी को दिए है।

एंकर ने मणिपुर की ग्राउंड सिचुएशन पर सवाल करते हुए पूछा कि आप ग्राउंड पर हैं तो बहुत सी बातें आ रही हैं देश का विपक्ष बहुत सी बातें कह रहा है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर भी सवाल खड़े किए जा रहे है। मणिपुर की ग्राउंड रिएलिटी क्या है। इन सब सवालों का जवाब देते हुए गवर्नर ने कहा कि देखिए पॉलिटिकली बहुत सारी चीजें हैं। जो भी कुछ है आज भी हिंसा कहीं ना कहीं हो रही है और लोग बेहद डरे हुए हैं, दुखी हैं। अब इन सारी चीजों को लेकर बहुत जरूरी है कि केंद्र को इंटरफेयर करके दोनों कम्युनिटी को बिठाकर और इस पर चर्चा करनी चाहिए जो भी उनकी प्रॉब्लम हैं, इश्यू है। इन दोनों के इश्यूज को बैठकर सुलझाया नहीं जाएगा तब तक यहां हिंसा होगी और शांति आना मुझे बहुत मुश्किल लगता है। यहां के लोगों को दुख और दर्द को देखती हूं, मिलती हूं हमेशा मुझसे पूछते हैं , कब पीस आएगा, कब हम अपने घर पर जाएंगे। आज ऐसी सिचुएशन है, फायरिंग चल रही है लोग खेती नहीं कर रहे हैं। ये कब तक चलता रहेगा। ढाई महीने से लोगों के घर जल रहे है। लगभग पांच हजार घर जल गए हैं। 60 हजार लोग आज कैंपों में रह रहे हैं। खेती नहीं कर पा रहे हैं। यहां की स्थिति के बारे में मैंने आपके सामने अपनी बातें रख दी है। और बता भी दिया है कि मैं बहुत दुखी भी हूं। मैंने मेरी लाइफ में ऐसी सिएचुयशन नहीं देखी है जो मैं मणिपुर में देख रही हूं।

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