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हरियाणा के एडिड स्कूलों के स्टाफ के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार

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हरियाणा के एडिड स्कूलों के स्टाफ के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार
-गुडग़ांव जिले में तीन महीने जनवरी, फरवरी व मार्च से नहीं मिली है पेंशन
प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम! गुरुब्र्रह्मा गुरुब्र्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा, गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम:। यह बात केवल सुनने में अच्छी लगती है, लेकिन सच्ची तब होगी जब गुरुओं के साथ न्याय होगा। सारी उम्र वह अपने विद्यार्थियों को ऊंचाइयों पर ले जाते हैं और सेवानिवृत्त होने के बाद उनको अपने मान-सम्मान की लड़ाई के लिए कोर्ट तक जाना पड़ता है। जिसका उदाहरण गुडग़ांव में देखा जा सकता है। सेवानिवृत शिक्षक को पिछले तीन महीने से पेंशन नहीं मिली है। जनवरी से लेकर मार्च की पेंशन लेप्स हो गई है।
जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण भुगतान नहीं किया गया। 31 मार्च के बाद यह राशि वापस चली गई। अब नया बजट स्वीकृत होकर आएगा। इसमें अतिरिक्त समय लगेगा। यह राशि अगर समय पर आती तो इनकम टैक्स का भुगतान भी समय पर दिया जाता। लेकिन यह राशि अगले वर्ष आएगी तो इसलिए इनकम टैक्स भरने में भी दिक्कत आएगी। एरियर मिलने से इनकम टैक्स ज्यादा आएगा और वह इस प्रक्रिया में अतिरिक्त समय और लगेगा। यह सब अंधेरगर्दी गुडग़ांव जिले में हो रही है। इस अन्याय के लिए जिम्मेदार कौन है। गुडगांव के अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष व सुप्रसिद्ध शिक्षाविद रामनिवास शर्मा मुख्याध्यापक एमएलए वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाटोली हेलीमंडी 30 अप्रैल 2009 सेवानिवृत्त हुए थे। हाईकोर्ट में लगभग 10 साल केस चला। लेकिन आज तक भी विभाग ने उनकी सही तरीके से पेंशन लागू नहीं की है। जबकि वह कोटज़् से भी जीत चुके हैं। वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भी 16 दिसंबर 2019 को पत्र व्यवहार के माध्यम से सूचना दे चुके हैं। छठे वेतन आयोग के पेंशनर्स के लिए 1 जनवरी 2006 की बजाय 1 अगस्त 2011 से लागू किया गया। एसीपी देकर वापस ले लिया। अब यह मामला उच्च न्यायालय पंजाब व हरियाणा में विचाराधीन है। मुख्य अध्यापकों को 6500-10500 की बजाय 7500-12000 का संसोधित वेतनमान दिया गया। जो कि सरकारी स्कूलों में 1 जनवरी 1996 दे दिया गया। मगर एडिड स्कूलों का अभी तक लंबित है। उसे तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। समान वेतन की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
पीडि़त सेवानिवृत शिक्षकों की मांग है कि अधिकारी की जवाबदेही तय होनी चाहिए। लीव एनकैशमेंट भी नहीं होता। छठे वेतन आयोग में डीए जहां 164 प्रतिशत की घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी है। विभाग ने उसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। जिसका हम हुदय से स्वागत करते हैं। देर आयद दुरुस्त आयद यह कहावत को चरितार्थ है। वहीं गुरुग्राम जिले में 142 प्रतिशत का भुगतान किया जा रहा है, जबकि भिवानी में 154 प्रतिशत भुगतान किया जा रहा है। एक ही राज्य में दो नियम कैसे हो सकते हैं। शिक्षा निदेशालय व हरियाणा सरकार के आदेशों की सरासर अवहेलना की जा रही है। गुडग़ांव विकास मंच के प्रवक्ता व शिक्षाविद अजय शर्मा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री कंवरपाल सिंह गुर्जर, निदेशक शिक्षा विभाग हरियाणा व जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी गुरुओं की समस्याओं का समाधान करें। इस मामले की उच्च स्तर पर जांच कराई जाएगी।

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