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सरकार का पराली पर निर्णय किसानों को देगा राहत: नवीन गोयल

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सरकार का पराली पर निर्णय किसानों को देगा राहत: नवीन गोयल
-अब पराली जलाने पर किसी किसान के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई
-पराली जलाने को कर दिया गया है अपराध की श्रेणी से बाहर

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। पर्यावरण को लेकर पूर्व में किसानों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्णय को सरकार ने निरस्त कर दिया है। अब पराली जलाने को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। यह देश के विशेषकर हरियाणा, पंजाब, यूपी के किसानों के लिए बड़ी राहत है। यह कहना है कि पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल का।
नवीन गोयल ने कहा कि चावल की खेती के बचे अवशेष पराली कहलाते हैं। इसे जलाने पर काफी धुआं उठता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। सरकार ने दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य क्षेत्रों में पराली से प्रदूषित होने वाले पर्यावरण को रोकने के लिए किसानों ने पहले भी अपील की हैं और अब भी की जा रही है। पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना लगाने का भी पूर्व में प्रावधान किया गया था, जिसे अब सरकार ने रद्द कर दिया है। यानी अब पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह घोषणा की।
नवीन गोयल ने कहा कि सरकार का यह कदम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है। किसानों की मांग पर तीन कृषि कानून रद्द करना सरकार का बहुत बड़ा कदम है। सरकार ने किसानों के हित में ऐसा कार्य किया है। इसी तरह पराली जलाने में कानूनी कार्रवाई नहीं करने की भी किसानों की मांग थी। जिसे सरकार ने मानते हुए अब उस नियम को खत्म कर दिया हैै।  
नवीन गोयल ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 10 दिसंबर 2015 को फसल अवशेषों पर जलाने का प्रतिबंध लगा दिया था। पराली जलाने पर कानूनी तौर पर कार्रवाई भी की जाती थी। पराली जलाते पकड़े जाने पर दो एकड़ भूमि तक 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ भूमि तक 5,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता था। अब इसे खत्म कर दिया गया है। 

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