Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

सरकार की लाडली बहना पर ग्राम पंचायत में नहीं हो रहा काम, 20 सचिवों को शोकाज

573

सरकार की लाडली बहना पर ग्राम पंचायत में नहीं हो रहा काम, 20 सचिवों को शोकाज
जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना का फायदा हितग्राहियों तक पहुंचाने में जिला प्रशासन और पंचायत, दोनों के पसीने छूट रहे हैं। हाल यह है कि नगर निगम से लेकर ग्रामीण आंचलों तक महिला और बहनों को योजना का लाभ लेने के लिए दस्तावेज और ई केवायसी करवाने में परेशान होना पड़ रहा है। हालात यह है कि इस सुस्त काम से न सिर्फ हितग्राही महिला बल्कि जिला प्रशासन और जिला पंचायत के जिम्मेदारी अधिकारी भी तनाव में है। यही वजह है कि शहर से लेकर गांव तक में इस योजना का लाभ देने के लिए लगाए जा रहे शिविर और इनके जिम्मेदारों के कार्यो की समीक्षा की जा रही है।
समीक्षा के दौरान जबलपुर में आने वाली सात पंचायत में से जबलपुर पंचायत का काम सबसे कमजोर मिला है। जबलपुर पंचायत की 20 ग्राम पंचायत में ईकेवायी के लंबित प्रकरण बढ़े गए हैंं। इससे नाराज होकर एसडीएम प्रमोद सेनगुप्ता जबलपुर ने 20 ग्राम पंचायत के सचिवों को शोकाज नोटिस जारी कर इस सुस्त कार्यशैली होने के कारण पूछा है।

इन गांवाें में ज्यादा परेशानी
जबलपुर पंचायत के ग्राम हरदुली, बरगी, सालीवाड़ा गौर, घुंसौर, रिछाई नगर, सहजपुरी, मंगेली, तिघरा, मोहास, सालीवाड़ा बरगी, सिलुआ पड़रिया, नान्हा खेड़ा, बढ़ैया खेड़ा, पड़वार, मनकेडी, महगांव डूंगा, निगरी, परासिया, ब्रम्हनी, हर्रई में सबसे ज्यादा ईकेवायसी के प्रकरण लंबित हैं। हाल यह है कि हरदुली में 1922 प्रकरण लंबित हैं तो वहीं बरगी में 1606 और शहर से लगी सालीवाड़ा गौर में 1052 प्रकरण लंबित हैं। इन 20 ग्राम पंचायत के सचिवों से एसडीएम ने शोकाज जारी कर दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।

कलेक्टर, सीओ नाराज
जबलपुर के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण आंचलों में लाड़ली बहना योजना के क्रियांवयन की हकीकत जानने के लिए कलेक्टर, निगामायुक्त और जिला पंचायत सीई द्वारा समीक्षा की जा रही है। जबलपुर के ग्रामीण आंचलों में फैली अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की वजह से इस योजना का सही तरीके से क्रियांवयन नहीं हो पा रहा है। इससे जबलपुर कलेक्टर सौरभ सुमन और जिला पंचायत सीअो डा. सलोनी सिडाना ने नाराजगी बयां की। इसके बाद जबलपुर पंचायत ने इस पर तत्काल कार्रवाई करने हुए शोकाज नोटिस जारी कर कारण पूछा।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading