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सरकार जी बताओ राजस्व रिकॉर्ड में कहां है, हमारा ऐतिहासिक गांव जाटोली                   

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सरकार जी बताओ … राजस्व रिकॉर्ड में कहां है, हमारा ऐतिहासिक गांव जाटोली                                                                                              जनप्रतिनिधियों और सरकार की आंख खोलने के लिए प्रबुद्ध नागरिकों की महापंचायत                 

सरकारी पोर्टल पर जाटोली क़ी जगह आ रहा है पटौदी मण्डी

जाटोली निवासियों  में भारी रोष ,क़हा अब होंगी आर पार क़ी लड़ाई:

फतह सिंह उजाला                                    जाटोली  / पटौदी मंडी परिषद सरकारी दस्तावेजों और पोर्टल पर से जब से पटौदीमंदी नगरपरिषद क़ा गठन हुआ तब से जाटोली गाँव क़ा नामों निशान पोर्टल से उड़ा दिया गया। चाहे परिवार पहचान पत्र हों और कोई आई ड़ी हों अब गाँव के लोगो महसूस होने लगा है कि उनका हक ही नहीं गाँव की पहचान को ही छीन लिया गया।                                                                                                            जी हा, हम बात कर रहे है केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की ससुराल 1962 और 1965 के निर्णायक युद्ध के शहीदों के पटौदी विधानसभा क्षेत्र के राजपूत बहुल गाँव जाटोली  कि वर्षों पुराना और ऐतिहासिक गाँव है । आज गांव जाटोली और यहां के निवासी अपने नाम को बचाने के लिए वर्चस्व क़ी लड़ाई लड़ रहा है । क्योंकि जब से हेली मण्डी और पटौदी  नगरपालिका को और दस गांवों को मिला कर पटौदी मण्डी नगर परिषद बनाई है , तब से पोर्टल पर से जाटोली शब्द ही हटा दिया गया और अब उसकी जगह सीधा पटौदी लिखा आ रहा है।                                                                                      इसका विरोध करते हुए समस्त जाटोली वासियों नें  पृथ्वीराज चौहान भवन खंडेवला मोड पर एक महापंचायत क़ा आयोजन ठाकुर बहादुर सिंह चौहान क़ी अध्यक्षता में किया। इस पंचायत में गाँव व आस पास से 36 बिरादरी के लोगो नें हिस्सा ले कर अपने अपने विचार रखे और क़हा कि विकाश होने से गाँव क़ा नाम मिटा दिया जाएं ऐसा कौन सी कानून क़ी किताब में लिखा है। हेली जो कि गुलामी व दासता क़ा प्रतीक था उस शब्द को तों हटा दिया गया लेकिन हदब्स्त  संख्या 7 के अनुसार जहाँ पर हेली मण्डी नगरपालिका थी य़ा जो क्षेत्र है वो राजस्व रिकार्ड के अनुसार जाटोली गाँव क़ा है और जनसंख्या व क्षेत्रफल क़ी दृष्टि से देखा जाए और गाँव क़ी सीमाओं से सटे गाँव देखें जाएं तों नगरपरिषद क़ा नाम ही जाटोली पटौदी मण्डी किया जाना चाहिए।                                                                        गाँव वालों नें सीधे शब्दों में सरकार क़ा कड़ा विरोध करते हुए क़हा है सबसे पहले तों पोर्टल पर हमारे गाँव जाटोली के नाम को चढ़ाया जाएं जिससे कि हमारी रुकी ही किसान सम्मान निधि राशि आ सके और सभी सरकारी पहचान पत्रों में भी जाटोली नाम आ सके। मुख्य वक्ताओं क़ा कहना है कि इस विषय में हम सम्बंधित विधायक और मुख्यमंत्री से भी मिल कर बात करेंगे। इसी बाबत महापंचायत में सर्वसमिति से एक प्रस्ताव पास कर कमेटी बनाई गईं जो पूरे मामले क़ी देखरेख करेंगी। पंचायत नें क़हा कि हमारी उचित मांगों को अगर सरकार नही सुनती है तों गाँव वाले अपने गाँव के नाम को बचाने के लिए आर य़ा पार क़ी लड़ाई भी लड़ने को तैयार रहेंगे।                                                                            संडे को आहूत इस महापंचायत में  मास्टर ओम सिंह,जनक सिंह चौहान ,भारत भूषण ,प्रवीण ठाकरिया ,अमित शर्मा, भारत नंबरदार ,रवि चौहान (रविय़ा)विक्रम चौहान, वीरेंद्र चौहान नेवी सैनिक, रोहतास, गुड्डन सिंह ,नेनू शर्मा, अशोक सोनी ,जगदीश चेयरमैन पूर्व, यशपाल मास्टर, सुभाष चौहान, बहादुर सिंह,  अर्जुन सिंह, गुलशन शर्मा ,सुरेंद्र चौहान , ललित चौहान सुनील, हुकम, ठाकुर विजयपाल, रामवीर शर्मा, मनीष मुदगिल,सोनू भट्ट, रोहित तवर, मछंदर चौहान,अरुण शर्मा, रामसिंह टोडापुर,अशोक चौहान,रमेश नांगलिया, सूबेदार किशोर चौहान ,जसबीर नागलिया, मनोज मोरवाल,सतबीर पंवार आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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