विदेश जाना सस्ता और घरेलू उड़ान मंहगी, फिर भी प्रतिदिन 4.5 लाख़ लोग प्रतिदिन करते हैं सफ़र
विदेश जाना सस्ता और घरेलू उड़ान मंहगी, फिर भी प्रतिदिन 4.5 लाख़ लोग प्रतिदिन करते हैं सफ़र
🟡 भारत में हवाई जहाज से सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर भी है और नहीं भी. जो लोग घरेलू विमानन कंपनियों की फ्लाइट से दिल्ली से मुंबई या फिर घरेलू रूटों पर सफर करते हैं, उन्हें अधिक किराया चुकाना पड़ता है. यह घरेलू हवाई यात्रियों के लिए अच्छी खबर नहीं है. वहीं, जो लोग विदेश यात्रा करते हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय रूटों वाली फ्लाइटों के लिए कम किराया देना पड़ता है. यह विदेश जाने वालों के लिए अच्छी खबर है. अब सवाल यह पैदा होता है कि अंतरराष्ट्रीय रूटों पर हवाई किराया सस्ता है और घरेलू रूटों पर महंगा क्यों? आइए, जानते हैं कि हवाई किराये में इस अंतर के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
➖विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में पिछली छह तिमाहियों में सवारियों के यातायात में बढ़ोतरी हुई और विमानों की कमी के कारण प्रमुख रूटों घरेलू हवाई किराया 40 फीसदी तक बढ़ा है. हालांकि, विमानों की कमी के बावजूद भारत में घरेलू हवाई किराया दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत दुनिया में सबसे तेज बढ़ने वाला सिविल एविशन मार्केट में से एक है. यहां रोजाना औसतन करीब 4.5 लाख पैसेंजर घरेलू फ्लाइटों से सफर करते हैं.
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