गोइंदवाल साहिब जेल: 15 महीने पहले हुई शुरू, यहां से रची जा चुकी बड़ी साजिश
गोइंदवाल साहिब जेल: 15 महीने पहले हुई शुरू, यहां से रची जा चुकी बड़ी साजिश, अब गृह विभाग ने मांगी रिपोर्ट
15 महीने पहले शुरू हुई अत्याधुनिक गोइंदवाल केंद्रीय जेल खामियों के चलते शुरू से ही सुर्खियों में रही है। जेल में गैंगस्टरों के आपस में भिड़ने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा इसी जेल में बैठकर गैंगस्टरों द्वारा पाकिस्तान से हथियार व नशा मंगवाने के रैकेट का खुलासा भी हो चुका है लेकिन इसके बाद भी इस मामले को जेल अथॉरिटी गंभीरता से नहीं ले रही है। वहीं, रविवार को दो गैंगस्टरों की मौत के मामले की रिपोर्ट गृह विभाग ने तलब कर ली है।
सीएम भगवंत मान के पास ही गृह विभाग है। ऐसे में उन्हें इस संबंधी सारी जानकारी से अपडेट करवाया जा रहा है। यह जेल दिसंबर 2021 में शुरू हुई थी। पता चला है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में एक गैंगस्टर दीपक टीनू भी इसी जेल में बंद है। जनवरी में उसने अपने साथियों सहित तीन कैदियों पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया था। हमले में घायल तीनों लोगों को तरनतारन के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दिसबंर 2022 में तरनतारन के सहराली थाने पर आतंकी हमला हुआ था।
इस मामले में उस समय कुल 12 आरोपियों को पुलिस ने दबोचा था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि आरपीजी हमले की साजिश गोइंदवाल साहिब जेल से ही आरोपी अजमीत सिंह ने रची थी। अजमीत हमले की योजना के लिए विदेश स्थित अपने आकाओं के संपर्क में था। अक्तूबर 2022 में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जेल के अंदर से जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी की मिलीभगत से काम कर रहे गैंगस्टरों की एक सांठगांठ का भंडाफोड़ किया था। एसटीएफ ने कहा था कि गिरोह के सदस्य सीमा पार से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए
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