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भगवान श्रीकृष्ण की गीता है जीवन का सार: आशा गोयल

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भगवान श्रीकृष्ण की गीता है जीवन का सार: आशा गोयल
-श्रीकृष्णाष्टमी पर गौशाला में जाकर की गऊओं की सेवा
प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। श्रीकृष्णाष्टमी (जन्माष्टमी) के अवसर पर अखिल भारतीय अग्रवाल महिला सम्मेलन की ओर से गौशाला में जाकर जन्माष्टमी मनाई गई। इस अवसर पर महिलाओं ने गऊओं की सेवा की। उन्हें हरा चारा व गुड़ आदि खिलाया। सम्मेलन से जुड़ी महिलाओं ने गऊओं की सेवा के साथ प्रकृति वंदन और मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना भी की।
सम्मेलन की महिला महामंत्री आशा गोयल ने कहा कि श्रीकृष्ण जी का गऊओं के साथ अथाह प्रेम था। वे गऊओं को चराते थे। उनकी बांसुरी की धुन सुनकर गायें जितनी भी दूर हो, उनके पास चली आती थी। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक लीलाएं दिखाई। हर लीला में उन्होंने समाज को अनेकों संदेश दिये हैं। वहीं महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन को जो गीता का संदेश दिया, वह आज भी प्रासंगिक है। इस संदेश के माध्यम से हमारी अनेक बाधाएं आज भी दूर हो जाती हैं। आशा गोयल ने कहा हमें जीवन में एक बार गीता का अध्ययन जरूर करना चाहिए। क्योंकि गीता जीवन का सार है। वह हमें जीना सिखाती है। जीना सिर्फ इतना ही नहीं कि हमने बहुत कुछ कमा लिया और ऐशो-आराम कर ली। हमें खुद के साथ दूसरों के लिए भी जीना चाहिए। दूसरों के जीवन को सुखी करना चाहिए। एक-दूसरे की सहायता करके ही हम गीता के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। हमारे भीतर किसी तरह का वैर-भाव और लोभ ना हो। यही हमें गीता सिखाती है। क्योंकि वैर-भाव और लोभ के कारण ही महाभारत हुई और उसका परिणाम हम सब जानते हैं। इस अवसर पर वंदना सिंगला, अर्चना गुप्ता, प्रीति गुप्ता, मेरू जैन, ज्योति गुप्ता, मीनाक्षी जैन और मोनिका गुप्ता आदि भी मौजूद रही। सभी महिलाओं ने गौशाला में गऊओं की सेवा की। गऊओं का आशीर्वाद लिया

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