प्रयागराज शूटआउट सदाकत खान का गाजीपुर कनेक्शन आया सामने
प्रयागराज शूटआउट:सदाकत खान का गाजीपुर कनेक्शन आया सामने,ग्रामीण ने कहा-विश्वास नहीं हो रहा
प्रयागराज।उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह अधिवक्ता उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर और बम मारकर हत्या कर दी गई थी।इस हत्याकांड की साज़िश रचने में गाजीपुर जिले के बारा गांव का रहने वाला सदाकत खान को पुलिस ने कर लिया है।
सदाकत की गिरफ्तारी के बाद उसके गांव में सनसनी फैल गई है।बता दें कि सदाकत खान इलाहबाद हाईकोर्ट में वकालत करता है। सदाकत मुस्लिम हॉस्टल के कमरे में रहता था।
प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश ने इसकी पुष्टि की कि उमेश हत्याकांड की योजना को अंतिम रूप दिए जाने की अहम बैठकें सदाकत के कमरे पर ही हुई थीं।सरकार में कोहराम मचा देने वाले संगम नगरी में दोहरे हत्याकांड में सदाकत की गिरफ्तारी होने से उसके गांव में सनसनी है।सदाकत अपराधियों के संपर्क में कैसे आया इस सवाल को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। गांव में सदाकत की किसी से कभी कोई विवाद तक नहीं हुआ और ना ही उस पर कोई मुकदमा है।
सदाकत संपन्न और शरीफ परिवार से है। ऐसे में गांव वालों को यकीन ही नहीं हो रहा कि सदाकत का कैसे उमेश पाल हत्याकांड से लिंक हो सकेगा।सदाकत के पिता शमशाद खान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं।सदाकत इलाहबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का नेता भी रह चुका है।
इस संबंध में गहमर कोतवाल पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि सदाकत की गिरफ्तारी के संबंध में फिलहाल कोतवाली में कोई जानकारी नहीं आई है। जानकारी आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एक सवाल के जवाब में एसटीएफ चीफ ने कहा कि अभी तक इस कांड में मुख्तार अंसारी की कोई भूमिका नहीं मिली है। आगे की जांच में अगर वो कहीं आता है तो इस पर फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है। मुख्य रूप से अब तक उमेश पाल हत्याकांड कांड में अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद और बरेली सेंट्रल जेल में बंद उसके भाई अशरफ का ही हाथ सामने आ रहा है। इस मामले में अभी बात अगर मुख्य गिरफ्तारी की करें तो हाई कोर्ट में वकालत करने वाला सदाकत ही पहला आरोपी है।
भले ही इस डबल मर्डर की प्लानिंग क्यों न जेल में बनी हो। मगर उसके बाद उमेश पाल को कत्ल करने के अंतिम रूप दिए जाने वाली बैठकों में से अधिकांश बैठकें इसी सदाकत के प्रयागराज स्थित मुस्लिम हॉस्टल वाले कमरे में हुई थीं। इस बात को गिरफ्तारी के बाद खुद सदाकत ने ही कबूला है।
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