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जी ए वी स्कूल ने आज पालम विहार मे एक न्यु ब्रांच का उद्घाटन

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जी ए वी स्कूल ने आज पालम विहार मे एक न्यु ब्रांच का उद्घाटन

प्रधान संपादक योगेश

गुरूग्राम के जी ए वी स्कूल ने आज पालम विहार मे एक न्यु ब्रांच का उद्घाटन किया। स्कूल उद्घाटन के बाद स्कूल में दीक्षान्त समारोह का समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह मे रंगारग कार्यक्रम भी आयोजन किए गए। कार्यक्रम के दौरान ही स्कूल मे अच्छे अंक पाने वाले छोटे छोटे बच्चो को सम्मानित किया गया। साथ साथ बच्चो व उनके साथ आने वाले अभिभावको के लिए कठपुतली शो का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चो व अभिभावको ने इसका खुब आनंद उठाया। कार्यक्रम के दौरान जी ए वी स्कूल के डायरेक्टर धर्मेंद्र कौशिक तथा स्कूल की प्रधानाचार्या समस्त स्टाफ ने मिलकर कार्यक्रम मे मौजुद रहे।

न्यु ब्रांच का उद्घाटन के बाद जी ए वी स्कूल के डायरेक्टर धर्मेंद्र कौशिक ने कहा कि फिलहाल यह ब्रांच आंठवी तक रहेगी। बाद में जैसे आगे लगेगा तो गुरूग्राम के जी ए वी स्कूल ने आज पालम विहार मे एक न्यु ब्रांच का उद्घाटन किया। स्कूल उद्घाटन के बाद स्कूल में दीक्षान्त समारोह का समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह मे रंगारग कार्यक्रम भी आयोजन किए गए। कार्यक्रम के दौरान ही स्कूल मे अच्छे अंक पाने वाले छोटे छोटे बच्चो को सम्मानित किया गया। साथ साथ बच्चो व उनके साथ आने वाले अभिभावको के लिए कठपुतली शो का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चो व अभिभावको ने इसका खुब आनंद उठाया। कार्यक्रम के दौरान जी ए वी स्कूल के डायरेक्टर धर्मेंद्र कौशिक तथा स्कूल की प्रधानाचार्या समस्त स्टाफ ने मिलकर कार्यक्रम मे मौजुद रहे।

स्कूल के डायरेक्टर धर्मेंद्र कौशिक ने कहा कि विद्यालय से मनुष्य जो शिक्षा प्राप्त करते है  उससे वह आगे चलकर एक सफल नागरिक बनते है। शिक्षा मनुष्य को विभिन्न क्षेत्र में रोजगार प्रदान करता है। कोई डॉक्टर बनता , कोई शिक्षक  कोई इंजीनियर इत्यादि बनकर अपना और अपने विद्यालय का नाम रोशन करता है जिसे हम सभी पाठशाला शिक्षा का मंदिर या विद्यालय के नाम से जानते है। जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

मेरे स्कूल के शिक्षक

हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान् और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं। हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं और साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं। सभी अध्यापक हमारे लिखित कार्य को बहुत ही सावधानीपूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं। इससे हमें शुद्ध भाषा सीखने और उसका शुद्ध प्रयोग करने में सहायता मिलती है। हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही दयालु हैं जो हमें अनुशासन का अनुसरण करना सिखाते हैं। हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं प्रश्न उत्तर प्रतियोगिता मौखिक-लिखित परीक्षा वाद-विवाद समूह चर्चा आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। हमारे स्कूल के अध्यापक हमें स्कूल में अनुशासन को बनाए रखने और स्कूल परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। सचमुच हमारे स्कूल के शिक्षक बहुत अच्छे है।

विद्यालय के विविध अध्यापक-अध्यापिकाएँ व् विविध विषय

हमारे विद्यालय में अध्यापक-अध्यापिकाएँ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं। सभी अध्यापक-अध्यापिकाएँ अपने-अपने विषयों में विद्वान है जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है।

विद्यालय का परीक्षापरिणाम

हमारे विद्यालय का परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है। विद्यालय के परीक्षा-परिणाम के शत-प्रतिशत रहने का कारण यहाँ के शिक्षकों का विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व का होना भी है जो विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों को धैर्य के साथ सुनते हैं तथा उनका समाधान करते हैं। अध्यापकों के साथ-साथ बच्चों और उनके अभिभावकों की मेहनत के कारण भी विद्यालय का परीक्षा परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत रहता है।

विद्यालय अनुशासन

हमारे विद्यालय की एक विशेष अनुशासन व्यवस्था है । विद्यालय में अनुशासन व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुशासन अध्यापकों की नियुक्ति हुई है। अनुशासन विद्यालय का एक विशेष गुण होता है जिससे विद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ती है। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन एक विशेष गुण के रूप में होना अनिवार्य होता है। अनुशासन विद्यार्थी के व्यवहार को विशेष स्वरूप प्रदान करता है।

हमारे स्कूल में जरूरत की हर सुविधा उपलब्ध है। जैसे कि कई बच्चों को खेल में काफी रुचि होती है तो ऐसे स्टूडेंट्स के लिए खेल से जुड़े सभी सामान मिल जाते हैं।

स्कूल के डायरेक्टर धर्मेंद्र कौशिक ने कहा कि विद्यालय से मनुष्य जो शिक्षा प्राप्त करते है उससे वह आगे चलकर एक सफल नागरिक बनते है। शिक्षा मनुष्य को विभिन्न क्षेत्र में रोजगार प्रदान करता है। कोई डॉक्टर बनता कोई शिक्षक  कोई इंजीनियर इत्यादि बनकर अपना और अपने विद्यालय का नाम रोशन करता है जिसे हम सभी पाठशाला शिक्षा का मंदिर या विद्यालय के नाम से जानते है। जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

मेरे स्कूल के शिक्षक

हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान् और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं। हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं और साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं। सभी अध्यापक हमारे लिखित कार्य को बहुत ही सावधानीपूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं। इससे हमें शुद्ध भाषा सीखने और उसका शुद्ध प्रयोग करने में सहायता मिलती है। हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही दयालु हैं जो हमें अनुशासन का अनुसरण करना सिखाते हैं। हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं प्रश्न उत्तर प्रतियोगिता मौखिक-लिखित परीक्षा वाद-विवाद समूह चर्चा आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। हमारे स्कूल के अध्यापक हमें स्कूल में अनुशासन को बनाए रखने और स्कूल परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। सचमुच हमारे स्कूल के शिक्षक बहुत अच्छे है।

विद्यालय के विविध अध्यापकअध्यापिकाएँ व् विविध विषय

हमारे विद्यालय में अध्यापक-अध्यापिकाएँ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं। सभी अध्यापक-अध्यापिकाएँ अपने-अपने विषयों में विद्वान है जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है।

विद्यालय का परीक्षापरिणाम

हमारे विद्यालय का परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है। विद्यालय के परीक्षा-परिणाम के शत-प्रतिशत रहने का कारण यहाँ के शिक्षकों का विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व का होना भी है जो विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों को धैर्य के साथ सुनते हैं तथा उनका समाधान करते हैं। अध्यापकों के साथ-साथ बच्चों और उनके अभिभावकों की मेहनत के कारण भी विद्यालय का परीक्षा परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत रहता है।

विद्यालय अनुशासन

हमारे विद्यालय की एक विशेष अनुशासन व्यवस्था है । विद्यालय में अनुशासन व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुशासन अध्यापकों की नियुक्ति हुई है। अनुशासन विद्यालय का एक विशेष गुण होता है जिससे विद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ती है। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन एक विशेष गुण के रूप में होना अनिवार्य होता है। अनुशासन विद्यार्थी के व्यवहार को विशेष स्वरूप प्रदान करता है।

हमारे स्कूल में जरूरत की हर सुविधा उपलब्ध है। जैसे कि कई बच्चों को खेल में काफी रुचि होती है तो ऐसे स्टूडेंट्स के लिए खेल से जुड़े सभी सामान मिल जाते हैं।

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